भारत आतंकवादियों का समूल नाश करने में सक्षम
भारत ने पहलगाम में पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद आतंकवादियों के कैंप पर एयर स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने आतंकवादियों को सबक सिखाया, जिससे पूरे देश में खुशी का माहौल है।...

मधुपुर। भारत द्वारा एयर स्ट्राइक किए जाने के बाद पूरे देश में खुशी का माहौल है। पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों की 22 अप्रैल को निर्मम हत्या को अंजाम दिया था। उसी को लेकर आपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने आतंकी संगठनों के कैंप पर मंगलवार देर रात हमला कर जमीनदोज कर दिया है। इसके बाद देशभर में खुशी की लहर देखी जा रही है। भारतीय सेना की वीरता और पराक्रम की सभी वर्ग के लोग सराहना कर रहे हैं। देशवासियों को भारतीय सेना पर बेहद गर्व है। आइए जानते हैं मधुपुर के शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों की इस एयर स्ट्राइक पर उनकी जुबानी।
आपरेशन सिंदूर महज एक देश के आतंकवाद और आतंकवादियों लिए नहीं, बल्कि विश्व के उन तमाम आतंकवादियों के लिए चेतावनी है कि हम नृशंस हत्या और बर्बरतापूर्ण कार्रवाई का जबाव ही नहीं देंगे बल्कि उसे समूल नष्ट कर देंगे। हम भारत के लोग शांतिपूर्ण और अहिंसा में विश्वास करने वाले लोग हैं। लेकिन देश की गरिमा और हमारी संप्रभुता को अगर कोई चुनौती देगा तो हमसब जानपर खेल अपने देश की गरिमा और संप्रभुता की रक्षा करेंगे। हमारी सम्मानित और गौरवान्वित करने वाली सेना ने सैन्य मर्यादा का पालन करते हुए बहुत ही माकूल जवाब दिया है। उनसबों को मेरा तहे दिल से सैल्यूट, जय हिंद। घनश्याम, समाजसेवी सह बुद्धिजीवी मधुपुर पहलगाम की घटना के कारण पूरे देश में पाकिस्तान के विरुद्ध आक्रोश था। आतंकवाद को जो पाला जाता है उसके भरण पोषण की व्यवस्था पाकिस्तान करता है। यह बात पूरी दुनिया को मालूम है। जिस तरह से वहां महिलाओं से आतंकवादियों ने संदेश भेजा यदि इसमें आपरेशन सिंदूर नहीं होता तो उन महिलाओं के सिंदूर का कर्ज प्रधानमंत्री के मथे रहता। पाकिस्तान की निर्दोष जनता को छोड़कर केवल उन आतंकवादियों को निशाना भारत ने बनाया जो भारत की उदारता और वीरता दोनों की पहचान है और आवश्यक था। देश की महिलाएं इस बात से बहुत खुश है। डॉ प्रो. सुमन लता, मधुपुर सही समय पर सही काम हुआ है, भारतीय सेना की वीरता और पराक्रम पर बेहद गर्व है और आगे भी रहेगी। लेकिन आतंकवाद जड़ से खत्म हो इसके लिए राजनीतिक कूटनीतिक ढंग से पूरी दुनिया में आतंक विरोधी मुहिम चलाने की जरूरत है। अभी कुछ आतंकवादियों को भले ही मार देंगे, लेकिन फिर पनपेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंक विरोध चले इसके लिए हिंदुस्तान को पहल करने की जरूरत है। आतंकवाद मानवतावाद के खिलाफ है। जहां मानवता नहीं वहां स्वतंत्रता एवं लोकतंत्र समाप्त है। 22 अप्रैल को आतंकी हमले में मारे गए भारतवासी के परिवार जिंदगी भर इस घाव को नहीं भर पाएंगे। अरविंद कुमार, पर्यावरण शिक्षाविद मधुपुर
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