Concerns Rise Over CMPFO s Declining Interest Rates for Coal Miners Provident Fund सीएमपीएफओ के मुकाबले ब्याज दर में ईपीएफओ बेहतर, Dhanbad Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsDhanbad NewsConcerns Rise Over CMPFO s Declining Interest Rates for Coal Miners Provident Fund

सीएमपीएफओ के मुकाबले ब्याज दर में ईपीएफओ बेहतर

धनबाद में कोयलाकर्मियों की भविष्य निधि संगठन सीएमपीएफओ की ब्याज दरों में निरंतर कमी से आर्थिक नुकसान हो रहा है। ईपीएफओ की तुलना में सीएमपीएफओ में ब्याज दरें कम हैं। 2016-17 में सीएमपीएफओ के ईपीएफओ में...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादSun, 2 March 2025 05:03 AM
share Share
Follow Us on
सीएमपीएफओ के मुकाबले ब्याज दर में ईपीएफओ बेहतर

धनबाद, विशेष संवाददाता भविष्य निधि को बुढ़ापे की लाठी कहा जाता है क्‍योंकि बुढ़ापे में भविष्य निधि के सहारे ही सेवानिवृत्त कर्मी अपनी जरूरतों को पूरी करते हैं। कोयलाकर्मियों की भविष्य निधि राशि की देखभाल करनेवाला संगठन सीएमपीएफओ (कोयला खान भविष्य निधि संगठन) में ब्याज दर में लगातार कमी चिंता की बात है। ईपीएफओ के मुकाबले सीएमपीएफओ में भविष्य निधि पर कम ब्याज दर से कोयलाकर्मियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। यही स्थिति रही तो सीएमपीएफओ का ईपीएफओ में विलय संबंधी पुराने प्रस्ताव को बल मिल सकता है।

ईपीएफओ ने 2024-25 के लिए 8.25% ब्याज दर की अनुशंसा की है। जनवरी महीने में सीएमपीएफओ बोर्ड ने 2024-25 के लिए 7.6% ब्याजदर की अनुशंसा की थी। जानकार बताते हैं कि ईपीएफओ की भी ब्याज दर के मामले में स्थिति संतोषजनक नहीं है। वैसे ईपीएफओ के मुकाबले सीएमपीएफओ में ब्याज दर के मामले में स्थिति ज्यादा खराब है। इससे कोयला कर्मियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। यही स्थिति रही तो देर-सबेर सीएमपीएफओ का ईपीएफओ में विलय को बल मिलेगा। मालूम हो 1986 में कोयलाकर्मियों को 10.50 फीसदी की दर से ब्याज मिलता था। मार्च 1991 से मार्च 2000 तक कोयलाकर्मियों को लगातार 12 फीसदी की दर से ब्याज दिया गया। मार्च 2001 के बाद लगातार ब्याज दर में कमी होने लगी। 2004 से 2016 तक ब्याज दर 8.50 प्रतिशत। मार्च 2017 में 8.60 हो गई। मार्च 2018 से मार्च 2021 तक यह 8.50 हो गई थी। मार्च 2023 में 8.00 और अब 7.60 फीसदी की दर से ब्याज दिया जा रहा है।

2016-17 में आया था विलय का प्रस्ताव

केंद्र सरकार की ओर से 2016-17 में सीएमपीएफओ का ईपीएफओ में विलय का प्रस्ताव लाया गया था। तब ट्रेड यूनियनों एवं सीएमपीएफओ की ओर से विरोध के कारण प्रस्ताव को ठेडे बस्ते में डाल दिया गया। कोयला खदान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ विलय करने की तब मुकम्मल योजना बना ली गई थी। कारण था कि सीएमपीएफओ के पेंशन फंड में परिसंपत्ति-देयता का बड़ा अंतर है। सीएमपीएफओ कोयला श्रमिकों की 1.13 लाख करोड़ रुपए से अधिक की सेवानिवृत्ति निधि का प्रबंधन करता है।

20 रुपए प्रतिटन कोयला सेस से सुधरेगी स्थिति

सीएमपीएफओ में पेंशन फंड पर भी संकट है। वैसे सीएमपीएफओ की नीति, फंड का दुरूपयोग, अनियमितता आदि के आरोप भी लगते रहे हैं। जानकार बताते हैं कि वर्तमान में सीएमपीएफओ को 10 रुपए प्रतिटन कोयला उत्पादन के हिसाब से पेंशन फंड में कोल इंडिया दे रही है। 10 रुपए और यानी कुल 20 रुपए प्रतिटन सीएमपीएफओ को सहयोग करने का प्रस्ताव पर कोल इंडिया बोर्ड में सहमति बनी है। उक्त राशि के मिलने से सीएमपीएफओ की सथिति में सुधार की संभावना है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।