ओपीडी में इलाज के लिए अब साथ ले जाना होगा एंड्रॉयड मोबाइल
धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए स्कैन एंड शेयर प्रणाली लागू की है। अब मरीजों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए एंड्रॉयड मोबाइल लाना अनिवार्य है। पहले दिन, 1286 में से 1012 मरीजों ने...

धनबाद, प्रमुख संवाददाता धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ओपीडी में इलाज कराना है तो एंड्रॉयड मोबाइल साथ लेकर जाना होगा। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत अब सिर्फ स्कैन एंड शेयर से ही ओपीडी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा। मंगलवार से इसकी शुरुआत कर दी गई। मरीजों के हल्के विरोध के साथ पहले दिन 1286 में 1012 मरीजों ने अपने मोबाइल से रजिस्ट्रेशन कराकर अपना इलाज कराया। उन्हीं लोगों का ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया, जिनके पास या तो मोबाइल नहीं था या उनके पास बेसिक मोबाइल (कीपैड फोन) था। बता दें कि लंबे समय से राज्य में स्कैन एंड शेयर के तहत मोबाइल एप से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है।
धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने अब इसे अनिवार्य कर दिया है। पहले दिन कुछ मरीजों ने इसका विरोध भी किया। लोग तरह-तरह के बहाने बना रहे थे। इसका कोई असर नहीं हुआ। सरकार के निर्देशानुसार प्रबंधन स्कैन एंड शेयर से शत-प्रतिशत ओपीडी रजिस्ट्रेशन करने के अपने लक्ष्य पर डटा रहा। विरोध का असर नहीं होता देख लोग अपने मोबाइल से रजिस्ट्रेशन करने लगे। शाम में ओपीडी बंद होने तक 1286 में 1012 मरीजों ने मोबाइल से रजिस्ट्रेशन कराया था। पीजी बिल्डिंग के ओपीडी में एक भी मरीज का मैनुअल रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया। मेन ओपीडी बिल्डिंग में सिर्फ 274 मरीजों का मैनुअल रजिस्ट्रेशन किया गया। 20 मिनट में हो गया 274 रजिस्ट्रेशन सुबह बिना मोबाइल या बेसिक मोबाइल लेकर इलाज कराने आए मरीजों का मैनुअल रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा था। सुबह की ओपीडी दोपहर 12 बजे बंद होती है। इसके 20 मिनट पहले मैनुअल रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया। इसी 20 मिनट में वहां इंतजार कर रहे सभी 274 मरीजों का रजिस्ट्रेशन कर दिया गया। एम्स और रिम्स के बाद धनबाद सबसे आगे इस पहल के साथ मंगलवार को धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्कैन एंड शेयर से सबसे ज्यादा ओपीडी रजिस्ट्रेशन करने वाला राज्य का तीसरा अस्पताल हो गया है। स्कैन एंड शेयर से एम्स देवघर ने सबसे ज्यादा 1459 और रिम्स रांची ने 1183 रजिस्ट्रेशन किया है। इसके बाद धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 1013 रजिस्ट्रेशन किया गया। इसके बाद 882 रजिस्ट्रेशन के साथ सदर अस्पताल रांची है। बाकी सब पीछे हैं। अधिकारियों की मानें तो एम्स देवघर और रिम्स रांची में धनबाद मेडिकल कॉलेज की तुलना में मरीजों की संख्या अधिक रहती है। इसलिए दोनों धनबाद से आगे हैं। -------- भ्रांतियों के कारण हुई परेशानी - स्कैन एंड शेयर का ओपीडी बताने से साइबर फ्रॉड हो सकता है। जवाब: यह पूरी तरह सुरक्षित है। - एक मोबाइल से सिर्फ एक ही व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन हो सकता है। जवाब: परिवार के सभी सदस्य का रजिस्ट्रेशन हो सकता है। सभी ऑनलाइन पर्ची भी बनवा सकते हैं। एक व्यक्ति एक दिन में अधिकतम पांच विभागों में इलाज के लिए पर्ची बनवा सकता है। ------- ऐसे होता है स्कैन एंड शेयर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन - प्ले स्टोर से मोबाइल पर आभा या आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना है। - मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन करना है। - नाम डालना है। - ऊपर की प्रक्रिया सिर्फ एक बार करनी है। - अस्पताल में एप से क्यूआर कोड स्कैन करना है। - मैसेज में टोकन नंबर आएगा। - इसे काउंटर पर बैठक कर्मी से शेयर करना है। पर्ची मिल जाएगी। ओपीडी में अब स्कैन एंड शेयर से ही रजिस्ट्रेशन होगा। सरकार को स्पष्ट निर्देश है। शुरू में मरीजों को थोड़ी परेशानी होगी, लेकिन इसका काफी लाभ भी मिलेगा। -डॉ अनिमेश, नोडल पदाधिकारी एबीडीएम, धनबाद मेडिकल कॉलेज स्कैन एंड शेयर काफी बेहतर व्यवस्था है। सभी लोग इसका इस्तेमाल करें। इससे साइबर फ्रॉड होने जैसा कोई मामला नहीं है। सरकार की पहल है। पूरी तरह सुरक्षित और सुविधाजनक है। - ऋषिका सिन्हा, प्रोजेक्टर कोऑर्डिनेटर, एबीडीएम
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