बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए डॉक्टरों की भागदौड़ से मरीजों परेशान
धनबाद मेडिकल कॉलेज के पीजी ब्लॉक में डॉक्टरों को एनएमसी की बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए मेन कैंपस जाना पड़ता है। इससे मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है। प्रबंधन का कहना है कि जल्द ही पीजी ब्लॉक...

धनबाद, प्रमुख संवाददाता धनबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पीजी ब्लॉक में ओपीडी करने वाले डॉक्टरों को नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की बायोमीट्रिक हाजिरी के लिए मेन कैंपस में जाना पड़ता है। इससे डॉक्टर तो परेशान हैं ही, मरीजों का इलाज भी प्रभावित होता है। उन्हें डॉक्टरों के आने तक इंतजार करते रहना पड़ता है। वहीं प्रबंधन का कहना है कि पीजी ब्लॉक में एनएमसी के बायोमीट्रिक डिवाइस लगाने की प्रक्रिया चल रही है। एनएमसी से स्वीकृति मिलते ही डिवाइस लगा दिया जाएगा।
बता दें कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को झारखंड सरकार और एनएमसी के अलग-अलग हाजिरी बनाने का प्रावधान है। दोनों के लिए अलग-अलग बायोमीट्रिक डिवाइस भी लगा है। पीजी ब्लॉक में छह विभाग चर्म रोग, नेत्र रोग, दंत रोग, सीएसटी क्लिनिक और कैंसर का ओपीडी चलता है। इन विभागों में यहां प्रतिदिन लगभग एक दर्जन चिकित्सक आते हैं और लगभग 500 मरीज इलाज करवाते हैं। पीजी ब्लॉक में झारखंड सरकार का बायोमीट्रिक डिवाइस लगा है, लेकिन एनएमसी का बायोमीट्रिक डिवाइस अभी तक नहीं लगा है, जिसके कारण ओपीडी में आने के पहले डॉक्टर मेडिकल कॉलेज या अस्पताल जाते हैं। वहीं एनएमसी के बायोमीट्रिक डिवाइस में अंगूठा लगाते हैं और उसके बाद वापस यहां आकर मरीजों का इलाज करते हैं।
मरीजों को होती है परेशानी
पीजी ब्लॉक में ओपीडी करने वाले डॉक्टरों को एनएमसी के बायोमीट्रिक डिवाइस में हाजिरी बनाने के लिए हर दिन 10 से 25 मिनट का समय लगता है। तब तक मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है। वहां हाजिरी बनाकर डॉक्टर वापस पीजी ब्लॉक आते हैं। इसके बाद मरीजों का इलाज शुरू होता है।
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