Impact of Pakistan s Airspace Closure on Indian Airlines Increased Costs and Delays पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र पर कितना निर्भर है भारत?, India Hindi News - Hindustan
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पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र पर कितना निर्भर है भारत?

2019 की बालाकोट स्ट्राइक के बाद भारतीय एयरलाइनों को 700 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। अब पाकिस्तान ने फिर से एयरस्पेस बंद कर दिया है, जिससे भारत की उड़ानों पर असर पड़ेगा। यात्रा का समय बढ़ेगा, ईंधन...

डॉयचे वेले दिल्लीFri, 25 April 2025 05:22 PM
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पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र पर कितना निर्भर है भारत?

2019 की बालाकोट स्ट्राइक के बाद जब एयरस्पेस बंद हुआ था, तब भारतीय एयरलाइन कंपनियों को 700 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.2025 में भी ऐसे आसार नजर आ रहे हैं.पहलगाम हमले पर कार्रवाई के चलते भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए.नतीजतन पाकिस्तान ने भी 24 अप्रैल को बड़ा कदम उठाते हुए भारत के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया.एयरस्पेस यानी देशों के अपने हवाई क्षेत्र जिसमें वो दूसरे देशों के विमानों को उड़ने की अनुमति देते हैं.इससे भारत से पश्चिम की तरफ अंतरराष्ट्रीय यात्राएं करने वाले लोगों के लिए टिकटें महंगी हो सकती है.साथ ही भारतीय विमान कंपनियों को भी नुकसान झेलना पड़ सकता है.किन चीजों पर पड़ेगा असरएयरलाइन इंडस्ट्री जानकारों का मानना है कि इन पाबंदियों से फ्लाइट यात्रा का समय बढ़ेगा, ईंधन महंगा होगा और टिकट महंगे होंगे.

मध्य एशिया, यूरोप, यूके और उत्तरी अमेरिका जाने वाली फ्लाइटों पर इसका असर ज्यादा देखने को मिलेगा.भारत को सैकड़ों करोड़ का नुकसान करा गया पाकिस्तान का बंद एयरस्पेसकई भारतीय विमान कंपनियां जैसे एयर इंडिया और इंडिगो ने पहले ही अपने रूट बदल दिए हैं.अब वे फ्लाइट को अरब सागर से मोड़कर लेकर जाएंगे.इससे होगा ये कि यात्रा का समय दो से ढाई घंटे बढ़ जाएगा, ईंधन की खपत बढ़ जाएगी और परिणामस्वरूप, शायद टिकट का किराया भी.एक्स पर विमान कंपनियों ने क्या क्या कहा हाल ही में एयर इंडिया ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा, "सभी भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध की घोषणा के कारण, यह उम्मीद की जा रही है कि उत्तरी अमेरिका, यूके, यूरोप और खाड़ी देशों से आने-जाने वाली एयर इंडिया की कुछ उड़ानें वैकल्पिक रास्ते से होकर जाएंगी" एयर इंडिया ने इस पर खेद भी जताया.मार्केट शेयर के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने भी एक्स पर बताया कि उनकी कुछ अंतरराष्ट्रीय फ्लाइटें इस फैसले से प्रभावित हो रही हैं.इंडिगो ने लिखा, "हम समझते हैं कि इससे आपको असुविधा हो सकती है, और हमारी टीमें आपको जल्द से जल्द अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद करने की पूरी कोशिश कर रही हैं" उन्होंने यात्रियों को लगातार फ्लाइट स्टेटस और रिफंड स्टेटस देखते रहने की नसीहत दी.

फ्लाइट के हवाई रास्तों और कीमतों पर असरसबसे ज्यादा वो उड़ानें प्रभावित होंगी जो उत्तर भारत के हवाई अड्डों से पश्चिमी देशों की तरफ जाने के लिए आमतौर पर पाकिस्तानी एयरस्पेस का इस्तेमाल कर रही थीं.वो इसलिए क्योंकि वहां से उन्हें सबसे कम दूरी तय करनी पड़ती है.इन उड़ानों को अब पश्चिम की ओर जाने से पहले गुजरात या महाराष्ट्र की तरफ और फिर अरब सागर के ऊपर जाना होगा, जिससे उड़ान का समय बढ़ जाएगा, ईंधन की खपत बढ़ जाएगी और फ्लाइटें शेड्यूल करने में परेशानियां आ सकती हैं.बालाकोट स्ट्राइक के समय इंडस्ट्री को हुआ 700 करोड़ रुपये का घाटाहालांकि अभी तक किसी भी एयरलाइन कंपनी ने इस फैसले के उद्योगपर पड़ने वाले वित्तीय असर की जानकारी नहीं दी है.लेकिन अगर पिछली कुछ ऐसी ही स्थितियां परखी जाएं तो पता चलता है कि 2019 मेंबालाकोट एयरस्ट्राइक के समय भी भारतीय एयरलाइन कंपनियों पर 700 करोड़ रुपये का भार तो केवल अतिरिक्त ईंधन खर्च की वजह से पड़ गया था.जानकारों का मानना है कि आसमान में थोड़ी सी भी दूरी अगर बढ़ जाती है तो उसमें एयरलाइन की परिचालन लागत बढ़ती है.नतीजतन इससे यात्रियों के लिए टिकट भी महंगा हो जाता है.आंकड़े क्या कहते हैं?एयरलाइन कंपनियां फिलहाल इस बंद से पड़ रहे असर का आकलन करने में जुटीं हैं.

2018 से 2019 के बीच करीब 31 करोड़ लोगों ने हवाई यात्रा की थी.इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 34 करोड़ के पार जा सकता है.इसका मतलब है कि ज्यादा लोग, शेड्यूल करने में ज्यादा दिक्कतें, रूट बदलने में परेशानी और इसलिए ज्यादा बड़े घाटे के आसार.2019 में ज्यादातर उड़ानों की अवधि कम से कम 70-80 मिनट बढ़ गई थी.दिल्ली से शिकागो जाने वाली एयर इंडिया की उड़ानों को ईंधन भरने के लिए यूरोप में रुकना पड़ा था.इसके अलावा, इंडिगो की दिल्ली से इस्तांबुल जाने वाली उड़ान, जो उस समय नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट द्वारा संचालित की जा रही थी, उसे भी ईंधन भराने के लिए दोहा में रुकना पड़ा था.किराये में संशोधन पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है.