बिना रजिस्ट्रेशन और टैक्स के धनबाद में दौड़ रहे बाहरी वाहन
धनबाद में हाल के दिनों में वाहनों के एनओसी लेने वालों की भीड़ बढ़ी है। बिहार में वाहनों के रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स को लेकर सख्ती बढ़ी है, जिसके कारण झारखंड से पंजीकृत वाहनों के लिए एनओसी की आवश्यकता...

धनबाद, लखन कुमार हाल के दिनों में जिला परिवहन कार्यालय में वाहनों का एनओसी लेने वालों की भीड़ बढ़ी है। दरअसल बिहार राज्य में बाहर से आने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन वहीं कराने और रोड टैक्स को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई है। यही कारण है कि झारखंड (धनबाद) से पंजीकृत वैसे वाहन, जो अब बिहार में इस्तेमाल हो रहे हैं, उनके वहां पर रजिस्ट्रेशन के लिए धनबाद परिवहन विभाग से एनओसी लिया जा रहा है। इसके विपरीत धनबाद परिवहन विभाग यहां चल रहे बाहरी वाहनों पर कार्रवाई करने में पीछे है। एक तरफ विभाग एनओसी तो दे रहा है, लेकिन दूसरी तरफ धनबाद में चलने वाले बाहरी वाहनों से एनओसी मांग नहीं रहा है।
यही कारण है कि बाहरी वाहन जिले में बगैर रजिस्ट्रेशन और बिना टैक्स के धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। बिहार और बंगाल के सर्वाधिक वाहन बाहरी वाहनों की बात की जाए तो जिले में बिहार राज्य और पश्चिम बंगाल के सर्वाधिक वाहन हैं। वहीं औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण कॉमर्शियल वाहनों की संख्या भी अच्छी खासी है, लेकिन बड़े व्यावसायिक वाहनों में अधिकांश नागालैंड से रजिस्ट्रर्ड हैं। परिवहन विभाग ऐसे वाहनों पर कभी अभियान नहीं चलाता। आकंड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले पांच वर्षों में महज 692 बाहरी वाहनों ने धनबाद में रजिस्ट्रेशन कराया है। अभियान के अभाव में नियमों की अवहेलना तो हो ही रही है, राजस्व का भी सीधा नुकसान है। क्या है नियम नियमानुसार बाहर के राज्य के वाहन अगर धनबाद जिले में परिचालित होते हैं तो सात दिनों के अंदर परिवहन कार्यालय में इसकी सूचना देनी है। इसके बाद यहां से पुन: रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा। इससे पहले गाड़ी का जहां से पूर्व में रजिस्ट्रेशन हुआ है, वहां के परिवहन कार्यालय से एनओसी लाना होगा। इसी एनओसी के साथ रजिस्ट्रेशन की प्रकिया शुरू होगी। जिले से पंजीकृत होने के बाद रोड टैक्स भी अदा करनी होगी।
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