बोले धनबाद: पानी निकासी का इंतजाम हो और खाली जमीन पर पार्क बनाया जाए
बिनोद बिहारी कोयलांचल विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्रों में निवासियों को बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जलापूर्ति, सड़कें, और स्ट्रीट लाइट्स की स्थिति गंभीर है। लोगों ने स्थानीय...
एक तरफ बिनोद बिहारी कोयलांचल विश्वविद्यालय युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए अपनी ओर आकर्षित कर रहा है तो दूसरी तरफ विश्वविद्यलय के आसपास बसे कई मुहल्लों में हजारों की आबादी रह रही है। राजनगर, सुभाष नगर, माडा कोऑपरेटिव कॉलोनी आदि हैं, जो सुविधाओं से वंचित हैं। बोले धनबाद की ओर से आयोजित संवाद में मुहल्ले वालों ने कहा कि आवासीय कॉलोनियों से पानी निकासी की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। जलापूर्ति पाइप लाइन सभी मुहल्लों तक नहीं पहुंची है। वहीं खाली जमीन का उपयोग पार्क के रूप में किया जाए तो मुहल्ले वासियों को बेहतर माहौल मिले। अधूरी नालियों के कारण भी दिक्कत है। सुभाष नगर और राजनगर के समीप सरकारी भूखंड भी है, जहां पार्क का निर्माण किया जा सकता है। इससे महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को घुमने में सुविधा होगी। लोगों का कहना है कि पार्क बन जाने से भूमि का अतिक्रमण नहीं होगा। इन कॉलोनियों में सात से अधिक बहुमंजिली इमारतें भी हैं। हजारों की आबादी है।
भेलाटांड़ नगर निगम क्षेत्र में आने के बावजूद सुभाष नगर, राज नगर, माडा कॉलोनी में सुविधाओं का अभाव है। करीब चार हजार की आबादी है। पेयजल के लिए यहां के लोग परेशान रहते हैं। कुछ ही इलाकों में पानी सप्लाई की पाइप है। अधूरी नालियों के कारण भी दिक्कत है। साफ-सफाई ठीक से नहीं होने के कारण हमेशा गंदगी का अंबार रहता है। जो नालियां हैं, वह जाम हैं। मुहल्ले में कई जगह आज भी कच्ची सड़क है। बरसात में इन सड़कों में चलना मुश्किल हो जाता है। हिन्दुस्तान से बातचीत में लोगों ने कहा कि लिंक रोड़ और नाली का निर्माण कराया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय के समीप सुभाषनगर में 3.5 एकड़ सरकारी जमीन खाली है, जिसमें पार्क बनाया जा सकता है। खाली सरकारी जमीन पर सामुदायिक भवन भी बना सकता है। तीन कॉलोनियों के पानी की निकासी नहीं होने के कारण पूरे इलाके में पानी भर जाता है। स्ट्रीट लाइट लगी हुई है लेकिन ज्यादातर वर्षों से खराब हैं। गली नंबर 2, 4ए, 4बी, 4सी का सड़क का काम नहीं हुआ है। सड़क नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। लोग बताते हैं कि माडा कोऑपरेटिव कॉलोनी में जलापूर्ति पाइपलाइन 50 मीटर ही बिछी हुई है। लोगों को इस वजह से जलसंकट का सामना करना पड़ता है। वहीं आठ लेन में आंबेडकर स्कूल तक जलापूर्ति लाइन बिछी हुई है। हाईटेंशन तार के नीचे सपोर्टिंग तार लगाने की जरूरत है।
अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब : मुहल्लों में अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है। लोगों ने कहा कि शाम ढलने के बाद लोगों को इससे परेशानी होती है। कई स्थानों पर स्ट्रीट लाइट है ही नहीं। जरूरत के अनुसार स्ट्रीट लाइट लगाई जाए। बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत की जानी चाहिए। कुछ स्थानों पर बिजली के खुले तार को बदल कर कवर तार लगाया जाए।
अर्बन हेल्थ सेंटर का हो निर्माण : स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ी आबादी इस क्षेत्र में रह रही है। इसलिए अर्बन हेल्थ सेंटर का निर्माण किया जाए। बीमार पड़ने पर यहां के लोगों को इससे राहत मिलेगी। सिर्फ कॉलोनी ही नहीं अर्बन हेल्थ सेंटर बनने से सुसनीलेवा बस्ती सहित पानी टंकी की ओर बसे नए मुहल्ले वालों को भी स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिलेंगी। -अंकित पांडेय
सुझाव
1. खाली सरकारी जमीन पर पार्क का निर्माण किया जाए ताकि अतिक्रमण नहीं हो
2. मोहल्ले को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण करने की जरूरत है
3.नाली का निर्माण जल्द कराया जाए ताकि पानी निकासी की सुविधा हो
4. जलापूर्ति पाइप लाइन बिछे ताकि पेयजल संकट से निजात मिले
5. मेमको मोड़ फीडर पर शटडाउन के लिए कट आउट स्विच लगे
शिकायतें
1. पानी की निकासी नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में तालाब बन जाता है
2. स्ट्रीट लाइट है लेकिन कई वर्षों से खराब है, जिसके कारण राम में अंधेरा छा जाती है।
3. खाली जमीन पर पार्क बनाने के लिए निगम को आवेदन देने पर भी कार्यवाही नहीं
4. मोहल्ले में सुरक्षा के लिए पुलिस की नियमित पेट्रोलिंग नहीं होती है
5. राज नगर से सुभाष नगर को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण अभी तक नहीं किया गया है। जिसके कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है।
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