कांग्रेसियों के दो गुटों में हुई भिड़ंत, दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
धनबाद में कांग्रेस के दो गुटों के बीच झड़प हो गई। रणधीर वर्मा चौक पर विरोध मार्च के बाद तू-तू, मैं-मैं से शुरू होकर मारपीट में बदल गई। इस दौरान पत्रकारों को भी चोटें आईं। पंद्रह-बीस मिनट तक अफरा-तफरी...

धनबाद, विशेष संवाददाता। रणधीर वर्मा चौक और गांधी सेवा सदन बुधवार को रणक्षेत्र में बदल गया। कांग्रेसियों के दो गुट आपस में ही भिड़ गए। पहले तू-तू, मैं-मैं शुरू हुई, जो बाद में मारपीट में बदल गई। दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। मारपीट और खदेड़ा-खदेड़ी के कारण वहां भगदड़ मच गई। पंद्रह-बीस मिनट तक अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। बाद में कांग्रेसियों और स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सामान्य हुई। घटना में पत्रकारों को भी चोटें लगी हैं। क्या है मामला: धनबाद कांग्रेस ने रणधीर वर्मा चौक से लेकर आयकर भवन तक विरोध मार्च का आयोजन किया गया। मौके पर बड़ी संख्या में कांग्रेसियों का जुटान हुआ। विरोध मार्च खत्म होने के बाद कांग्रेसी रणधीर वर्मा चौक पर फिर से जुटे। इस क्रम में कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष राशिद रजा अंसारी और झरिया के नेता एनामुल हक के बीच कुछ बात को लेकर विवाद हो गया। तू-तू, मैं-मैं से विवाद की शुरुआत हुई, जो हाथापाई में बदल गई। आरोप है कि कार्यकारी जिलाध्यक्ष के समर्थक और परिजनों ने एनुअल हक और उनके समर्थकों पर जोरदार हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वाहनों में सवार होकर कुछ लोग मौके पर पहुंचे और विरोधियों पर जोरदार हमला बोल दिया। वाहन से आने वाले लोगों के हाथों में लोहे के रॉड भी थे। इधर, हमले के बाद दूसरे गुट के लोग भागने लगे। घेराबंदी करके कुछ लोगों की जमकर पिटाई की गई, जिसमें हेलमेट का भी इस्तेमाल किया गया। लात-घूंसे भी चले। मारपीट से बचने के लिए कुछ लोग गांधी सेवा सदन परिसर में भागे तो रॉड लिए कुछ लोग उनके पीछे-पीछे भागते हुए गांधी सेवा सदन परिसर में पहुंच गए, जहां मौजूद छायाकार और पत्रकारों ने मारपीट की तस्वीर उतारनी शुरू कर दी। कुछ लोग वीडियो बनाने लगे तो हमलावरों को वह नागवार लगा। इसके बाद कुछ पत्रकारों के साथ भी बदसलूकी की गई। पंद्रह-बीस मिनट तक उपद्रव चलता रहा। बाद में कुछ लोगों ने हस्तक्षेप किया तो मामला शांत हुआ। इस संबंध में कांग्रेसियों का कहना है कि दोनों गुटों के बीच पहले से ही तनातनी चल रही थी। इस बात की जानकारी कांग्रेस के वरीय नेताओं को भी थी। दोनों ओर से इस बारे में वरीय नेताओं को जानकारी दी गई थी। कांग्रेस की ओर से आयोजित विरोध मार्च के बाद ही इस तरह की घटना घट जाएगी इसका अंदेशा वरीय कांग्रेसियों को नहीं था। यही कारण है कि विरोध मार्च खत्म होने के बाद अधिकतर वरीय नेता अपने-अपने घर लौट गए।
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