रामगढ़ के ठाडीहहाट गांव में 24 प्रहर व्यापी अखंड हरिनाम को लेकर गांव में भक्ति का माहौल
रामगढ़ के ठाडीहाट गांव में 24 प्रहर अखंड हरिनाम और लीला कीर्तन का आयोजन किया गया। कीर्तन में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया गया। भक्तों को बताया गया कि भक्ति ही इस कलियुग का एकमात्र रास्ता है।...

रामगढ़: प्रतिनिधि। रामगढ़ प्रखंड के ठाडीहाट गांव में आयोजित 24 प्रहर व्यापी अखंड हरिनाम व लीला कीर्तन को लेकर गांव में भक्ति का माहौल व्याप्त है। कीर्तन मे झूमा रुमा दास और महंत प्रमोद ने भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया। भक्त रधुनाथ का भगवान से मिलन का पाला कीर्तन के माध्यम से वर्णन करते हुए कहा कि भगवान हमेशा भक्त की परीक्षा लेते है, बावजूद भक्ति के मार्ग को नहीं छोड़ने वाले भक्त के दास बन जाते हैं भगवान।कीर्तन के माध्यम से कहा कि इस कलियुग में भगवान की भक्ति ही एक मात्र रास्ता है। जीवन काल में कितने भी विपत्ति क्यों न आए भगवान की भक्ति नहीं छोड़ना चाहिए। सांसारिक जीवन में हमें हमेशा सतकर्म ,परोपकार व जीवों के प्रति दया की भावना रखना चाहिए। कहा कि भगवान ने विभिन्न अवतार व लीलाओं के माध्यम से हमें सीख दिया कि भक्ति में कितनी शक्ति है। अच्छे कर्म की फल हमेशा अच्छा व बुरा कर्म का बुरा मिलती है।आगे बांग्ला कीर्तन के माध्यम से बताया गया की भगवान अपने भक्तो की सेवा सदा स्वीकार करते हैं और उसका प्रमाण समय समय पर मिलता रहता है।भगवान श्री गौर निताई श्री कृष्ण के सबसे दयालु अवतार गौर निताई (श्री चैतन्य महाप्रभु ) हैं, जो विशेषतः कलियुग के लोगो का उद्धार करने के लिए और उन्हें कृष्ण प्रेम ( कृष्ण भक्ति ) सिखाने के लिए स्वयं भक्ति करके भक्ति का प्रचार किये।ठाडीहाट मे आयोजित 24 प्रहर व्यापी हरिनाम व लीला कीर्तन का श्रवण कर श्रद्धालू भक्ति रस मे झूमते नजर आये।गुरुवार को महाप्रसाद वितरण के साथ ही 24 प्रहर लीला कीर्तन का समापन हो जाएगा।
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