पहलगाम हमला: कश्मीर में सामान्य होते हालात के लिए झटका
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले ने घाटी में खौफ फैला दिया है। इससे कश्मीर में पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला पाकिस्तान की हताशा का...

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए भीषण आतंकी हमले से घाटी में खौफ का साया एक बार फिर छा गया है.पर्यटकों पर हुए हमले का असर पूरे कश्मीर पर पड़ने की संभावना है.भारत के अन्य राज्यों में जब तेज गर्मी पड़ती है तो लोग छुट्टी में कश्मीर जाना पसंद करते हैं, हाल के सालों में कश्मीर घूमने का चलन बढ़ा है और कर्नाटक से लेकर ओडिशा तक के पर्यटकों इन वादियों को सैर के लिए चुनते हैं.लेकिन पहलगाम के बाइसरन में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का इस क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, जो आतंकवादी हमलों के लंबे प्रभाव से धीरे-धीरे उबर रहा था.पहलगाम क्यों बना निशाना अधिकारियों और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि आतंकवादियों ने घाटी में पर्यटन के लिए बढ़िया समय को चुना.इस वक्त कश्मीर में घास के मैदान और मुगल गार्डन वसंत का आनंद लेने के लिए हजारों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.कश्मीर जाने वाले हर पर्यटक की लिस्ट में दक्षिण कश्मीर का पहलगाम जरूर रहता है.पहलगाम कई वजहों से महत्वपूर्ण है- यह अमरनाथ गुफा के दो मार्गों में से एक है.यहां हर साल लाखों तीर्थयात्री पहुंचते हैं.बाइसरन में देवदार का समृद्ध जंगल है और यह लोकप्रिय ट्रैकिंग मार्ग भी है.पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बारे में पूर्व आईपीएस और रक्षा विशेषज्ञ शांतनु मुखर्जी कहते हैं कि कश्मीर बहुत जल्दी सामान्य हो रहा था, बहुत सारे पर्यटक कश्मीर जा रहे थे, सिर्फ अमरनाथ यात्रा के लिए नहीं बल्कि अलग-अलग तरह के पर्यटक वहां जा रहे थे.
देश-विदेश के पर्यटकों के वहां जाने से आम कश्मीरियों के आर्थिक विकास में मदद हो रही थी.आतंकियों ने हमले के लिए पहलगाम को क्यों चुना, इस सवाल के जवाब में मुखर्जी ने डीडब्ल्यू हिंदी से कहा, "हमारा पड़ोसी देश हमेशा ऐसा ही काम करता है.इस बार उसका तरीका बदल गया.उसको यह लगा पर्यटकों का कश्मीर जाना बंद हो जाए तो उसका लक्ष्य पूरा हो जाएगा"पर्यटकों पर निशाना, कश्मीर को नुकसानइस हमले को रक्षा विशेष पाकिस्तान की हताशा के तौर पर देख रहे हैं.मुखर्जी ने आगे कहा, "पाकिस्तान के जो सेना प्रमुख हैं, उन्होंने हाल ही में एक बयान दिया कि कश्मीर इस्लामाबाद की गले की अहम नस है.इस बयान की कोई जरूरत नहीं थी.पाकिस्तान सेना प्रमुख के इस बयान को हम इस घटना से अलग नहीं देख पाएंगे, इसको जोड़ कर ही देखना होगा.कश्मीर की हालत अच्छी हो रही है, वहां शांति हो रही है, यह उनको (पाकिस्तान) बर्दाश्त नहीं हो रहा है"जानकारों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख का बयान आतंकवादियों को हमले के लिए उकसाने वाला था.इंडियन आर्मी के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल उत्पल भट्टाचार्य ने डीडब्ल्यू हिंदी से कहा पहलगाम और सोनमार्ग दोनों ही महत्वपूर्ण जगहें हैं, क्योंकि यहां से अमरनाथ यात्रा होती है.इसिलिए यहां अगर कुछ होता है तो उसकी प्रतिक्रिया बहुत ज्यादा होती है.इसलिए आतंकवादियों ने इस इलाके को चुना है.
सोनमर्ग और लद्दाख को जोड़ने वाली सुरंग चालूदरअसल, 3 जुलाई से 9 अगस्त तक अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है और यात्रा के लिए 14 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है.अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम रूट अहम है.इस रूट से गुफा तक पहुंचने में तीन दिन लगते हैं और यह रास्ता आसान है.इसमें खड़ी चढ़ाई नहीं पड़ती है.आतंकियों द्वारा यह हमला यात्रियों को डराने की कोशिश हो सकती हैं.मुखर्जी कहते हैं, "इस हमले के बाद भारत को अपनी खुफिया तंत्र को और भी मजबूत करना पड़ेगा, विभिन्न संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाना होगा और सुरक्षा को तगड़ा करना पड़ेगा"भट्टाचार्य का मानना है, "भारत, कश्मीर के बारे में बार-बार कहता है कि वहां आतंकवादियों से निपटना संभव हो पाया है, और आतंकवादी इसे गलत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं.इसलिए, भले ही यह अलग-थलग मामला हो, फिर भी ऐसी कुछ चीजें घटित हो सकती हैं.इन क्षेत्रों में स्लीपर सेल अभी भी सक्रिय हैं.इसलिए सुरक्षा बलों को अधिक सतर्क रहना होगा"35 साल में पहली बार आतंक के खिलाफ बंद हुआ कश्मीरपर्यटकों के बीच लोकप्रिय है कश्मीरभारत सरकार जम्मू-कश्मीर को पर्यटन के लिए अनुकूल स्थान के रूप में बढ़ावा देने में सक्रिय रही है.मई 2023 में श्रीनगर ने तीसरी जी 20 पर्यटन कार्य समूह बैठक की मेजबानी की, जिसमें कम से कम 60 विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया, लेकिन इसके लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे.भारत की तरफ से बीते कुछ सालों में कश्मीर में कार्यक्रमों के आयोजन को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति शुरू की गई है.
साथ ही, जम्मू-कश्मीर में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए एक फिल्म नीति विकसित की गई है.पिछले महीने विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 2024 में 2.3 करोड़ से ज्यादा पर्यटक जम्मू-कश्मीर घूमने आए.राज्य पर्यटन विभाग के मुताबिक अनुच्छेद 370 के हटने के बाद और उसके बाद की पाबंदी से पहले यानी 2018 में 1.6 करोड़ से ज्यादा पर्यटक राज्य में आए थे.इनमें से 8.3 लाख पर्यटक कश्मीर आए थे.टीआरएफ क्या है और ये क्या चाहता हैरणनीतिक मामलों के जानकार अजय शुक्ला कहते हैं, "इस हमले की टाइमिंग को देखना जरूरी है.यह हमला पर्यटन सीजन के शुरूआत में हुआ है और इसका एक मकसद जरूर होगा कि पर्यटकों से आम कश्मीरियों की होने वाली आय को नुकसान पहुंचाना हो"अजय शुक्ला भी मुखर्जी की बात से सहमत नजर आते हैं और कहते हैं कि पाकिस्तान सेना के प्रमुख मुनीर के हालिया बयान को भी इस हमले से जोड़कर देखना पड़ेगा.उन्होंने कहा, "ये दो बहुत बड़े कारण हैं, जिससे यह हमला हुआ हो, जिसकी टाइमिंग महत्वपूर्ण हो जाती है"विश्लेषक माइकल कुगेलमान ने तर्क दिया कि इस हमले से "भारत और पाकिस्तान के बीच एक नए संकट का बहुत गंभीर खतरा पैदा हो गया है, और 2019 में हुए छोटे सैन्य संघर्ष के बाद यह संकट का सबसे गंभीर खतरा है".