प्राकृतिक धाम हनुमानगढ़ी खटैया- पत्थलडीहा में रामनवमी का है खास महत्व
कुदरती गुफा में स्वयं विराजमान राम भक्त हनुमान की पूजा- अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ती है भीड़

धर्मेन्द्र पाठक बगोदर, प्रतिनिधि।
बगोदर प्रखंड क्षेत्र को कुदरत ने अपनी खुबसूरती से संवारा है। इलाके के अलग-अलग जगहों पर विराजमान पहाड़, जंगल, झरना, नदी, गुफा आदि इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है। इन्हीं में से एक है खटैया- पत्थलडीहा स्थित प्राकृतिक धाम हनुमानगढ़ी । जिसे खटैया पहाड़ के नाम से भी जाना जाता है। इसी पहाड़ के बीच में स्थित है कुदरती गुफा। मान्यता है कि इस गुफे में स्वयं राम भक्त हनुमान प्रकट हुए हैं। उनकी आकृति गुफा के अंदर के पत्थर में बनी हुई है। इसके अलावा यहां लंगुर ( हनुमान ) भी भारी संख्या में सालों से डेरा जमाए हुए हैं। एक तरफ पत्थर में राम भक्त हनुमान की आकृति और दूसरी तरफ लंगुरों का जमावड़ा से ग्रामीणों की आस्था है कि यहां राम भक्त हनुमान सचमुच में विराजमान हैं। ऐसे में यहां के प्रति श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है और स्वयं प्रकट हुए राम भक्त हनुमान की पूजा- अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं का आवागमन सालों भर रहता है। रामनवमी की बात करें तब यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। नौ दिनों तक यह का माहौल भक्तिमय रहता है। नौ दिनों तक यहां रात्रि में रोज प्रवचन आयोजित होता है, जिससे सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस मौके पर यहां नौ दिनों तक मेला सा नजारा रहता है। छोटी-छोटी दुकानें भी सज जाती है।
रामनवमी में पांच गांवों के झंडों का होता है मिलान: प्राकृतिक धाम हनुमानगढ़ी खटैया- पत्थलडीहा कमेटी के अध्यक्ष महेश मिश्रा बताते हैं कि रामनवमी के मौके पर यहां पांच गांवों के रामनवमी झंडे का मिलान होता है। बताते हैं कि यहां आपरूपी प्रकट हुए बजरंगबली के प्रति श्रद्धालुओं में अटूट आस्था है। बताते हैं कि गुफा और आपरूपी प्रकट हुए हनुमानजी की आकृति के बारे में किसी को कोई ठोस जानकारी नहीं है। सैकड़ों सालों से लोगों के द्वारा गुफा और बजरंगबली की आकृति को देखा और पूजा जाता रहा है। इस बीच यहां कई साधु - महात्मा भी आए। इसमें एक साधु- महात्मा में दुबिया बाबा भी शामिल थे। वे दूब घास और दूध का सेवन करते थे और शेर की सवारी करते थे। बताया कि पहाड़ के अंदर भी एक गुफा है, जिसमें दुबिया बाबा समाधी लिए थे। दूसरी ओर इस परिसर में एक कुआं भी है जिसका पानी देखने में दुधिया रंग यानी सफेद दिखता है और पीने में बिल्कुल ठंडा लगता है।
आज से नौ दिनों तक चलेगा राम कथा: रामनवमी के मौके पर यहां इस बार नौ दिवसीय रामचरित मानस नवाह पारायण सह राम कथा का आयोजन किया गया है। इसका शुभारंभ आज रविवार को होगी। विधायक नागेन्द्र महतो के द्वारा अनुष्ठान का शुभारंभ किया जाएगा। झांसी की सुप्रसिद्ध कथा वाचिका दीदी ज्योति साध्वी के द्वारा संगीतमयी श्रीराम कथा किया जाएगा। रामनवमी पूजा कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र राउत बताते हैं कि धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी पूरी कर ली गई है। अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए कमेटी की लगातार बैठकें भी हो रही है।
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