बोले हजारीबाग:न अच्छी सड़क, ना पानी, यही है दीपूगढ़ा की परेशानी
हजारीबाग शहर के कनहरी पहाड़ की तलहटी में बसे दीपूगढ़ा में मूलभूत समस्याओं का अभाव है। यहां की सड़कें खराब हैं। जलस्तर घटने और नियमित जलापूर्ति नहीं हो

हजारीबाग । शहर के दीपूगढ़ा वार्ड नंबर 5 के निवासी इन दिनों पानी की किल्लत झेल रहे हैं। गर्मी की शुरुआत होते ही यह संकट और भी विकराल रूप ले रहा है, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वार्ड में लगभग हर घर में दो से तीन बोरिंग मौजूद हैं, लेकिन ज्यादातर बोरिंग या तो सूख चुके हैं या पानी बहुत ही कम मात्रा में निकल रहा है। इससे पीने के पानी के साथ-साथ दैनिक उपयोग के लिए भी पानी की भारी कमी हो जाती है। हालांकि नगर निगम की ओर से एसपी कोठी तक सप्लाई पानी के लिए पाइपलाइन डाली गई है, लेकिन वहां से अपने-अपने घर तक पानी पहुंचाने के लिए लोगों को स्वयं की जेब से पैसे खर्च कर पाइपलाइन खींचनी पड़ी है। यही नहीं, कई जगहों पर जहां यह पाइपलाइन जमीन के ऊपर से होकर गुजरती है, वहां लोगों के चलने से पाइप फट जाती है । स्थानीय लोगों की मांग है कि एलएनटी द्वारा बिछाई गई पाइपलाइन को शहर के झील से जोड़ा जाए, ताकि यहां के घरों में नियमित और पर्याप्त पानी की आपूर्ति हो सके। लोगों का कहना है कि अगर झील से सप्लाई की व्यवस्था हो जाए तो इस गंभीर जलसंकट से काफी हद तक निजात मिल सकती है। कुछ वर्षों पहले तक नगर निगम की ओर से हर दिन दो से तीन पानी के टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन अब यह व्यवस्था भी बंद हो चुकी है। लोग शिकायत करते हैं कि नगर निगम अब इस समस्या को लेकर पूरी तरह से उदासीन हो गया है। स्थानीय निवासी बताते हैं, पहले रोज सुबह-शाम टैंकर आता था, अब फोन करने पर कहा जाता है कि पानी नहीं है या टैंकर व्यस्त है। ऐसे में हमें या तो महंगे दामों पर पानी खरीदना पड़ता है या दूर के कुओं और हैंडपंपों से पानी लाना पड़ता है। जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढ़ रहा है, वैसे-वैसे इस इलाके में पानी का संकट और भी गहराता जा रहा है। कई घरों में तो पीने के पानी का भी अभाव हो गया है। स्कूल जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए यह समस्या और भी विकराल होती जा रही है। कहीं-कहीं तो लोगों को सुबह 4 बजे उठकर पानी भरने जाना पड़ता है।
पानी की समस्या के अलावा इलाके में स्ट्रीट लाइट्स का स्विच खराब होने के कारण दिनभर बिजली जलती रहती है। इससे न सिर्फ बिजली की बर्बादी हो रही है, बल्कि नगर निगम पर अनावश्यक खर्च भी बढ़ रहा है। यह एक ओर जहां प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, वहीं दूसरी ओर शहर के विकास में भी रुकावट बन रहा है। लोगों की शिकायत है कि पानी की आपूर्ति बंद होने पर जब नगर निगम या जलापूर्ति विभाग को फोन किया जाता है, तो वहां से अलग-अलग बहाने सुनने को मिलते हैं । पानी के साथ-साथ यहां सड़क भी मरम्मत के अभाव में जर्जर हो चुकी हैं। कई गलियों में तो गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं, जिससे आवाजाही में परेशानी होती है। बरसात के समय इन सड़कों पर कीचड़ और जलजमाव हो जाता है, जो न सिर्फ लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना देता है, बल्कि कई बार दुर्घटनाओं की वजह भी बनता है। वार्ड की एक महिला बताती हैं, पानी के बिना घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है। हमने कई बार नगर निगम में आवेदन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
दीपूगढ़ा में जलसंकट, बिजली की बर्बादी और जर्जर सड़कों जैसी बुनियादी समस्याएं अगर समय रहते हल नहीं की गईं, तो इससे न केवल आम जनता का जीवन अस्त-व्यस्त होता रहेगा, बल्कि सरकार और नगर निकाय की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा। प्रस्तुति : अनुज
पाइपलाइन में लीकेज की नहीं होती मरम्मत, टैंकर से नहीं मिलता है पानी
दीपूगढ़ा के लोग जल संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन नगर निगम की कार्यशैली निराशाजनक है। लोगों की शिकायत है कि फोन करने पर जलापूर्ति विभाग बहाने बनाता है। पहले जहां रोज टैंकर से पानी मिलता था, अब वह भी बंद है। पाइपलाइन के लीकेज की मरम्मत नहीं होती और टंकी से भरपूर पानी नहीं दिया जाता। मेंटेनेंस के नाम पर केवल बिल वसूला जाता है, समाधान नहीं होता। जल संकट के प्रति यह लापरवाही प्रशासनिक कमजोरी को दर्शाती है।
स्ट्रीट लाइट का स्विच खराब होने से दिनभर जलती है बिजली
दीपूगढ़ा में जल संकट के साथ-साथ बिजली की भी समस्या है। इलाके में स्ट्रीट लाइट का स्विच खराब होने से दिनभर बिजली जलती रहती है। इससे नगर निगम का खर्च बढ़ रहा है और बिजली की बर्बादी हो रही है। यह प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। लोगों का कहना है कि शिकायत के बावजूद न तो स्विच सही किए जाते हैं और न ही बिजली की बर्बादी पर ध्यान दिया जाता है। इससे सरकारी संसाधनों का नुकसान हो रहा है।
ज्यादातर घरों मेंे सूख चुकी है बोरिंग, पानी खरीदने की मजबूरी
दीपूगढ़ा वार्ड नंबर 5 में पानी की किल्लत चरम पर है। गर्मी की शुरुआत के साथ ही यहां के बोरिंग या तो सूख चुके हैं या बेहद कम पानी दे रहे हैं। नगर निगम की पाइपलाइन तो है, लेकिन झील से कनेक्शन न होने के कारण पानी की नियमित आपूर्ति नहीं हो रही है। पहले पानी टैंकर आते थे, पर अब वह भी बंद हो गया है। लोग मजबूर होकर महंगे दामों पर पानी खरीद रहे हैं या दूर-दराज से पानी ला रहे हैं।
सड़क जर्जर होने से परेशानी
दीपूगढ़ा वार्ड की सड़कें भी बदहाल स्थिति में हैं। कई गलियों में बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिससे पैदल चलना और गाड़ियों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। बरसात के समय कीचड़ और जलजमाव आम बात हो जाती है। नगर निगम की अनदेखी के कारण सड़क मरम्मत के इंतजार में हैं। जल संकट, बिजली की बर्बादी और खराब सड़कों की समस्या मिलकर नगर निगम की लचर व्यवस्था की पोल खोल रही है। लोग नाराज हैं कि चुनाव के समय नेता वादे करते हैं, लेकिन उसके बाद समस्याओं की कोई सुनवाई नहीं होती।
समयाएं
1. दीपूगढ़ा में महीनों से पानी की समस्या है। बोरिंग सूख चुके हैं। टैंकर से भी पानी आना बंद हो गया है।
2. जलस्तर गिर चुका है। नलों और चापकलों से पानी नहीं निकल रहा।
3. निगम की टैंकर सेवा पहले मिलती थी, अब बंद हो गई है। पानी के लिए भटक रहे हैं लोग।
4. पाइपलाइन तो है, लेकिन उसमें पानी नहीं आ रहा है।
5. नाली नहीं रहने से घरों का गंदा पानी सड़क पर बहता है। इससे परेशानी होती है।
सुझाव
1. एलएनटी की पाइपलाइन को कोनार से जोड़ने की प्रक्रिया तेज की जाए।
2. नगर निगम फिर से टैंकर से पानी आपूर्ति शुरू करे। गर्मियों में दोगुना पानी की आपूर्ति की जाए।
3. दीपूगढ़ा के हर मोहल्ले में जलापूर्ति की नियमित निगरानी की जाए।
4. स्ट्रीट लाइट्स का स्विच ठीक किया जाए, ताकि बिजली की बर्बादी रोकी जा सके।
5. नगर निगम जर्जर सड़कों की मरम्मत कराए।
दीपूगढ़ा में पानी की समस्या हर साल गंभीर हो जाती है। नगर निगम सिर्फ वादा करता है लेकिन समाधान नहीं करता। झील से पानी की सप्लाई जोड़ दी जाए तो लोग राहत महसूस करेंगे। -उदय प्रसाद सिंह
हमलोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ रहा है। बोरिंग भी जवाब दे चुका है। रोजाना पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। नगर निगम का रवैया बेहद लापरवाही भरा है।
- भैया वरुण कुमार
पानी के लिए रोज सुबह जल्दी उठकर लाइन लगानी पड़ती है। कई बार तो खाली लौटना पड़ता है। पहले टैंकर आता था अब वह भी बंद हो गया। नगर निगम को झील से पानी की सप्लाई चालू करनी चाहिए। -केएम प्रसाद
मोटर चलाते हैं तो कुछ मिनट में ही पानी आना बंद हो जाता है। पानी के बिना दैनिक काम भी नहीं हो पा रहा है। बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो गया है। नगर निगम सिर्फ दिखावा करता है। - दीपम अंबष्ठ
इस इलाके में हर घर पानी की समस्या झेल रहा है। बोरिंग से पानी नहीं मिल रहा। टैंकर की सुविधा भी खत्म हो गई है। नगर निगम को झील से पानी की सप्लाई करवानी चाहिए।
-राजेश कुमार
यहां के लोग बहुत परेशान हैं। हर घर में पानी की किल्लत है। गर्मी बढ़ते ही हालत और खराब हो रहे हैं। पानी के बिना जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। निगम से कई बार शिकायत की गई है। -राजीव सिंह
नगर निगम की लापरवाही की वजह से यह हालात बने हैं। पानी सप्लाई की पाइपलाइन तो डाली गई है लेकिन पानी नहीं आता। मजबूरी में महंगे दाम पर पानी खरीदना पड़ता है।
- अनिल कुमार सिन्हा
बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को पानी भरने में सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। कई बार तो रात में भी पानी लाना पड़ता है। नगर निगम इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है। समस्या का समाधान होना चाहिए। -संजय कुमार
हमने कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गर्मी में पानी सबसे बड़ी जरूरत है। बिना पानी के जिंदगी रुक जाती है। झील से पानी की सप्लाई चालू हो जाए तो राहत मिलेगी। -दीपक सिंह
दीपूगढ़ा में लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। टैंकर की व्यवस्था बंद हो चुकी है। बोरिंग भी सूख चुके हैं। नगर निगम को लोगों की तकलीफ समझनी चाहिए और जल्द ही समाधान करना चाहिए। -मुन्ना कुमार
हर साल गर्मी में पानी की किल्लत हो जाती है, लेकिन समाधान नहीं होता। नगर निगम की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हो रही है। लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। -जितेंद्र कुमार सिन्हा
यहां के लोग पानी के एक-एक बूंद के लिए परेशान हैं। घर का सारा काम ठप हो गया है। नगर निगम को चाहिए कि झील से सप्लाई करे और पानी की समस्या का स्थायी समाधान निकाले। -भैया तरुण
क्षेत्र में पानी की समस्या कई इलाकों में देखी जा रही है। पानी की समस्या के समाधान के लिए न सिर्फ ठोस योजना की जरूरत है बल्कि उसका समुचित कार्यान्यवन समय पर हो इस पर भी ध्यान रखना पड़ेगा। टैंकर से पानी क्षेत्र में पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
आनंद देव, पूर्व डिप्टी मेयर हजारीबाग
दीपूगढ़ा पहाड़ी क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ऐसे में चापानल बहुत जल्दी ही फेल हो जाने की समस्या आते रहती है फिर भी नगर निगम की ओर से सभी वैसे चापानल जो खराब है उसकी मरम्मत करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही टैंकर से पानी पहुंचाने का प्रयास जारी है।
अनिल पांडेय, सहायक नगर आयुक्त
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