हजारीबाग का चौपारण इलाका अफीम की खेती और नशे के व्यापार के कारण संकट में है। पुलिस और प्रशासन के प्रयासों के बावजूद, युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। नशे का ये बढ़ता जाल न केवल व्यक्तिगत जीवन को...
हजारीबाग के न्यू एरिया चौथी गली में जलजमाव और सफाई की समस्या बढ़ रही है। स्थानीय लोग टूटे नालियों और खराब सड़कों से परेशान हैं। नगर निगम से कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। बारिश के...
हजारीबाग शहर के कनहरी पहाड़ की तलहटी में बसे दीपूगढ़ा में मूलभूत समस्याओं का अभाव है। यहां की सड़कें खराब हैं। जलस्तर घटने और नियमित जलापूर्ति नहीं हो
रामनवमी हजारीबाग की आत्मा में रची-बसी है। इसकी तैयारी भी व्यापक होती है। लेकिन इस त्योहार को जो सम्मान मिलना चाहिए था , वहीं नहीं मिला। आयोजन के दौर
कोल विद्रोह (1831-32) के दमन के बाद हजारीबाग जिले की स्थापना 1934 में हुई। हजारीबाग को जिला बनाने का उद्देश्य सैन्य छावनी के रूप में विकसित करना था।
अमेरिका की नई टैरिफ घोषणा ने वैश्विक व्यापार जगत को हिला दिया है। हजारीबाग जैसे मंझोले शहर के व्यापारी भी इससेे प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से प्रभावित हो रहे हैं। हजारीबाग, जो कृषि आधारित उत्पादों के लिए जाना जाता है, इस नीति से अछूता नहीं है।
हुरहुरू का पूरा इलाका बुनियादी समस्याओं से घिरा है। तंग गली, बजबजाती नाली, टूटी सड़क, गंदगी और बदबू इसकी पहचान बन गई है। वार्ड में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से लोग दो किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं।
हजारीबाग के चौपारण से गोरहर तक एनएच-2 के चौड़ीकरण का काम 2019 से चल रहा है, लेकिन छह सालों में यह अधूरा है। इस धीमी प्रगति के कारण 62 लोगों की जान जा चुकी है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सुरक्षा...
संत कोलंबा कॉलेज के हॉस्टल की स्थिति बहुत खराब है। छात्रों को पढ़ाई में कठिनाई हो रही है क्योंकि सुविधाएँ जैसे मेस, स्वास्थ्य केंद्र और लैब अनुपलब्ध हैं। रात में सुरक्षा के लिए कोई गार्ड नहीं है और...
हजारीबाग के हुरहुरू तेली मुहल्ले में बुनियादी समस्याएं बढ़ रही हैं। नालियों की सफाई नहीं होने से गंदगी और बीमारियों का खतरा है। तालाब की स्थिति खराब है और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए यह अपवित्र हो गया...