बोले हजारीबाग: बजबजाती नालियां और गंदगी से निजात दिलाएं
हजारीबाग के न्यू एरिया चौथी गली में जलजमाव और सफाई की समस्या बढ़ रही है। स्थानीय लोग टूटे नालियों और खराब सड़कों से परेशान हैं। नगर निगम से कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। बारिश के...

हजारीबाग। शहर के न्यू एरिया चौथी गली के लोगों का कहना है कि यहां नाली बनी है, लेकिन स्लैब टूटे हैं। गंदा पानी ऊपर से बहता है। गंदगी हर जगह फैली रहती है। इलाके में न तो नियमित सफाई होती है और न ही कोई समाधान निकाला जा रहा है। इससे निजात के लिए नगर निगम से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। स्थानीय दुकानदार भी इससे खासे परेशान हैं। गड्ढों से भरी सड़कें दुर्घटनाओं को न्योता दे रही हैं। राहगीरों के साथ-साथ टोटो और बाइक सवारों को भी रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां की सड़कें इस कदर खराब हैं कि बाइक चलाना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। रोजाना कोई न कोई टोटो या बाइक वाला गड्ढे में गिर जाता है। कई बार बच्चे भी फिसल कर गिर जाते हैं। जलजमाव की समस्या सिर्फ एक-दो दिनों की नहीं है। बारिश रुकने के बाद भी पानी दो-तीन दिनों तक जमा रहता है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित होता है। कीचड़ और गंदगी की वजह से लोग अपने घरों से बाहर निकलने से कतराते हैं। लोगों का कहना है पहले भी हालात खराब थे, लेकिन अब तो और भी बुरा हो गया है। नाली बनी पर स्लैब नहीं, सड़क बनी पर जल निकासी नहीं। नगर निगम केवल खाना पूर्ति करता है। क्षेत्र की कोई सुध लेने वाला नहीं है।
वार्ड संख्या 20 में जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़कों पर पानी बहता है, जो सीधे घरों में घुस जाता है। नगर निगम द्वारा बनाई गई सड़कों की ऊंचाई भी एक कारण है, जिससे बारिश का पानी रुकता नहीं बल्कि घरों में चला जाता है। घरों में पानी घुसने से लोगों के सामान भी खराब हो जाते हैं और घर की दीवारें तक सीलन से कमजोर हो चुकी हैं।
स्थानीय लोगों की मांग है कि नालियों को सही ढंग से ढंका जाए, सड़क की मरम्मत की जाए और नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। दुर्गंध और मच्छरों की समस्या से निजात दिलाने के लिए फॉगिंग कराई जाए और कचरे का समय पर उठाव हो।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी लोग निराश हैं। लोगों का कहना है कि चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन बाद में कोई ध्यान नहीं देता। इलाके में जल भराव टूटी नाली और गंदगी का अंबार जिससे मच्छर और दुर्गंध इलाके में फैल रहा है। इसका समाधान आवश्यक है। बारिश के दिनों में यह समस्या काफी बढ़ जाती है इसका समाधान समय रहते होना चाहिए। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पहले जब नालियों का निर्माण नहीं हुआ था, तब गली का पानी बहकर दूसरी गली में चला जाता था, जिससे वहां के लोगों को भी परेशानी होती थी। अब जब नालियों का निर्माण हुआ है, तब भी राहत नहीं मिली है।
इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है यहां की नालियों के स्लैब टूट चुके हैं। इससे गंदा पानी ऊपर बहता है और पूरे इलाके में दुर्गंध फैल जाती है। इससे मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है। मुहल्ले की हालत ऐसी है कि हल्की बारिश में भी नालियों का गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है। मुहल्ले में कुछ घर ऐसे भी हैं जो सड़क से काफी नीचे हैं। सड़क पर पानी आने के बाद यही गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है।
लोगों ने नगर निगम और यहां के जनप्रतिधियों से इस परेशानी से राहत दिलाने की गुहार लगायी है। नाली का पानी रोड पर भरा होने के कारण सबसे अधिक परेशानी यहां के स्कूली बच्चों को होती है। इस इलाके में साइकिल और मोटरसाइकिल सवार गिरकर घायल हो चुके हैं। यहां तक कई बार यात्रियों से भरा टोटो भी पलट चुका है। इसके बाद भी संबंधित अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इधर मुहल्ले के कुछ लोगों का कहना है कि निगम इसपर जल्द संज्ञान ले।
जर्जर सड़क पर पैदल चलना हो रहा मुश्किल
सड़कों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि उन पर पैदल चलना भी चुनौती बन गयी है। लगातार जलजमाव और बिना मरम्मत के कारण सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। गड्ढों में पानी भरने से दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। टोटो और बाइक सवार आए दिन गिरते हैं, जिससे लोग घायल हो रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे और काम पर जाने वाले लोग परेशान हैं। सड़क की बदहाली पर नगर निगम का कोई ध्यान नहीं है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि जल्द मरम्मत नहीं हुई तो आने वाले समय में हालात और बिगड़ेगी। ऐसे में लोगों का कहना है कि बरसात से पहले इसकी मरम्मत जरूरी है।
शिकायतों के बाद भी नहीं होती कोई कार्रवाई
स्थानीय लोग नगर निगम के काम से नाराज हैं। नियमित सफाई नहीं होती, नालियों की मरम्मत नहीं होती और सड़कों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। जनप्रतिनिधि भी चुनाव के बाद क्षेत्र से गायब हैं। जलजमाव , टूटी नाली और कचरो के अंबार से लोग काफी परेशान है। बरसात के दिनों में यह स्थिति काफी खराब हो जाती है। इसका समाधान जल्द से जल्द नहीं किया गया तो स्थिति दिन वह दिन खराब होगी और इलाका रहने लायक नहीं रहेगा। ऐसे में मुहल्ले के लोगों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि निगम इस मामले में जल्द कोई समाधान निकाले।
लोगों को सता रहा बीमारी का डर
वार्ड संख्या 20 में नालियों का निर्माण हुआ तो है, लेकिन वह अधूरा और बिना प्लानिंग के है। इसके कारण नाली बन जाने के बाद भी यहां के लोगों को जलजमाव और गंदगी समस्या से राहत नहीं मिल सकी है। इलाके की नालियों के स्लैब टूटे हुए हैं। इससे गंदा पानी ऊपर बहता है और दुर्गंध फैलती है। इससे मच्छर पनप रहे हैं और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना ढक्कन वाली नालियों से आने-जाने में भी दिक्कत होती है। इसके अलावा जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण बारिश का पानी नालियों से बाहर निकल कर सड़कों और घरों में घुस जाता है।
जलजमाव सबसे बड़ी बाधा
एक दिन की हल्की बारिश में ही पूरे क्षेत्र की सड़कें पानी से भर जाती हैं। नालियों की सफाई नहीं होने से जल निकासी नहीं होता, जिससे घरों तक पानी घुस जाता है। बरसात में यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। पानी कई दिनों तक जमा रहता है जिससे कीचड़ और बदबू की समस्या बढ़ जाती है। लोग घुटनों तक पानी में चलने को मजबूर हैं। जलजमाव से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। नगर निगम की ओर से बताया गया कि इसको लेकर नगर निगम से लगातार समन्वय किया जा रहा है और बजट स्वीकृति के बाद कार्य में तेजी लाई जाएगी।
न्यू एरिया चौथी गली की सूचना हिन्दुस्तान के माध्यम से मिला है। मैं वहां संबंधित कर्मचारियों को भेज रहा हूं जल्द स्थिति में सुधार होगा। इसमें सुधार के लिए लोगों को भी थोड़ा जागरूक होना होगा। जहां तहां कचरा नहीं फेंके। यहां के लोग परेशानी हैं तो सभी इलाकों की स्थिति मैं ठीक करने की कोशिश कर रहा है।
-योगेंद्र प्रसाद, नगर आयुक्त, हज़ारीबाग
न्यू एरिया में जलजमाव, गंदगी और नाली से जुड़ी समस्याओं को लेकर हम पूरी तरह गंभीर हैं। लोगों की समस्याएं वाजिब हैं और उन्हें दूर करना हमारी प्राथमिकता है। नालियों पर स्लैब लगाने, जलनिकासी की बेहतर व्यवस्था, नियमित सफाई और सड़क मरम्मत की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
-राजेश कुमार सिन्हा, पूर्व वार्ड पार्षद
नाली निर्माण बिना योजना के हुआ है। स्लैब टूटा है जिससे नालियों का गंदा पानी बाहर बहता है। इससे बदबू, गंदगी और मच्छरों की भरमार हो गई है। बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं। -राजेश
जरा सी बारिश में पानी घरों में घुस जाता है। फर्श गीले हो जाते हैं, दीवारें सीलन से भर जाती हैं। कई बार शिकायत की गई, मगर अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं।
-कपिल देव प्रसाद
सड़कों की हालत इतनी खराब है कि पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। जगह-जगह गड्ढे हैं, जिनमें बारिश का पानी भर जाता है। गड्ढों में लोग गिरकर घायल हो जाते हैं। -विशाल कुमार वर्मा
गली में महीनों से सफाई नहीं हुई है। कचरा डस्टबिन से बाहर सड़कों पर फैल चुका है। बदबू और संक्रमण का खतरा है। मच्छर लगातार बढ़ते जा रहे हैं, डेंगू और मलेरिया का डर बना हुआ है। -संजय कुमार
सड़कें टूटी हैं कि टोटो और बाइक चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। रोज़ दुर्घटनाएं होती हैं। कई बार लोग गड्ढों में गिरकर घायल हो चुके हैं। मरम्मत की मांग कई बार की गई। -अमित कुमार स्नेही
जलजमाव से स्कूल और ऑफिस जाने में परेशानी होती है। कपड़े गंदे हो जाते हैं। कई बार बच्चों को वापस लौटना पड़ता है। सड़कों पर इतना कीचड़ है कि फिसलने का डर रहता है। -नीरज कुमार
बरसात के बाद कई-कई दिन तक पानी जमा रहता है। नालियां चोक हो जाती हैं और पानी सड़कों से होते हुए घरों में घुसता है। न तो जलनिकासी की व्यवस्था है और न ही कोई सफाई। -विपुल
नगर निगम का रवैया बेहद लापरवाह है। शिकायतों का असर नहीं होता। अधिकारी आते ही नहीं। चुनाव के समय नेता लोग आते हैं। हमें अपनी समस्याओं से खुद ही जूझना पड़ता है। -राकेश कुमार सिंह
नालियों से पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह रहा है। इससे बच्चे, बुजुर्ग सभी परेशान हैं। बारिश के बाद सड़कें तालाब बन जाती हैं। बिजली के तार भी पानी में डूब जाते हैं। -विजय जायसवाल
नाली की सफाई न होने के कारण कचरा जमा हो गया है, इससे पानी रुक जाता है और चारों तरफ फैलने लगता है। मोहल्ले में बदबू और बीमारियों का डर बना हुआ है। छोटे बच्चे अक्सर बीमार पड़ रहे हैं। -सुशांत बक्शी
सड़क और नाली के बीच समन्वय नहीं है। नाली नीचे और सड़क ऊपर होने से पानी सीधा घरों में चला आता है। इससे घरों में सीलन और फफूंदी फैल रही है। कई बार घरेलू सामान बर्बाद हो चुका है। -सनू कुमार
बरसात के मौसम में हालत और भी खराब हो जाती है। पानी घुटनों तक भर जाता है। कई बार जरूरी काम भी छोड़ना पड़ता है क्योंकि बाहर निकलना संभव नहीं होता। गली में स्ट्रीट लाइटें भी खराब हैं।-गोपी रमन
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