टाटा स्टील और ट्रांसपोर्टरों ने कहा, साइट पर हो फिटनेस जांच
एक मई से गालूडीह में कॉमर्शियल वाहनों की जांच शुरू होने पर टाटा स्टील, सेंट्रल ट्रांसपोर्ट और साइजर जैसी कंपनियों ने परिवहन मंत्री को पत्र भेजकर पुरानी व्यवस्था के तहत अपने साइट पर जांच कराने की मांग...

एक मई से सभी तरह के कॉमर्शियल वाहनों की जांच गालूडीह के समीप आमचुरिया में होने की खबर की आलोचना शुरू हो गई है। ऐसे में टाटा स्टील, सेंट्रल ट्रांसपोर्ट और साइजर जैसी कंपनियों ने राज्य के परिवहन मंत्री को पत्र भेजा है, जिसमें पुरानी व्यवस्था के तहत उनके प्लांट या साइट पर ही वाहनों की जांच कराने की मांग की है। टाटा स्टील प्रबंधन का कहना है कि प्लांट में कई तरह के भारी वाहन व मशीनें चलती हैं, जिन्हें उठाकर इतनी दूर ले जाना संभव नहीं है। ऐसा करने से कंपनी का उत्पादन प्रभावित होगा। पूर्व में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) उनके साइट पर आकर ही कॉमर्शियल वाहनों की जांच कर सर्टिफिकेट देते थे। वहीं, सेंट्रल ट्रांसपोर्ट प्रबंधन का कहना है कि उसकी 90 बसें हैं, जो ए, बी, सी व जनरल शिफ्ट में टाटा मोटर्स के कर्मचारियों को ड्यूटी पर लाने और वापस घर छोड़ने में लगी है। बसों को जांच के लिए भेजने से कर्मचारियों की आवाजाही प्रभावित होगी। वहीं, साइजर कंपनी ने अपने पत्र में कहा कि उनके पास जो भारी वाहन हैं, वे लोडिंग-अनलोडिंग के क्षेत्र में कार्यरत हैं। शहर में अधिकतर समय नो इंट्री होती है, इसलिए इतनी दूर भेजने से न सिर्फ ट्रैफिक जाम होगा, बल्कि उनका काम भी प्रभावित होगा। इसलिए इन कंपनियों ने मांग की है कि उन्हें गालूडीह में शुरू होने वाले आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) नहीं बुलाकर, एमवीआई द्वारा उनके साइट पर ही फिटनेस रिन्युअल सर्टिफिकेट दिलाया जाए। मालूम हो कि परिवहन मंत्रालय के द्वारा जारी आदेश के तहत पूर्व से संचालित सभी वाहन फिटनेस सेंटर बंद कर अब सिर्फ सरकार द्वारा अधिकृत आटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर (एटीएस) के माध्यम से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा जो आमचुरिया में खुलने जा रहा है।
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