लावारिश मरीजों को शिफ्टिंग से पहले अनाथालय भेजने की तैयारी
एमजीएम अस्पताल का मेडिसिन वार्ड 3 मई को ढह गया, जिसमें तीन लावारिश मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन अब लावारिश मरीजों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है। नए भवन में शिफ्टिंग...

एमजीएम अस्पताल के मेडिसिन वार्ड की इमारत तीन मई को धंस गई थी, जिसमें तीन लावारिश मरीजों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद अस्पताल प्रबंधन अब ऐसे मरीजों को लेकर गंभीर हो गया है। अधीक्षक डॉ. आरके मंधान ने बताया कि नए भवन में मरीजों को शिफ्ट करने से पहले जिला प्रशासन को पत्र लिखा जाएगा, ताकि इन लावारिश मरीजों को वृद्धाश्रम या अनाथालय जैसी सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया जा सके। एमजीएम के मेडिसिन वार्ड में करीब एक दर्जन लावारिश मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा सर्जरी व हड्डी रोग विभाग में भी कई ऐसे मरीज हैं, जो वर्षों से अस्पताल में रह रहे हैं।
कुछ मरीज तो एक साल से, जबकि कुछ छह साल तक से अस्पताल में रह रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इनमें से कुछ वास्तव में बीमार हैं, जबकि कुछ लोग बीमारी का बहाना बनाकर यहां रहने-खाने की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। अस्पताल प्रशासन की चिंता यह भी है कि इन्हें छुट्टी देने के बाद वे फिर से अस्पताल लौट आते हैं। डिमना के नए भवन में होंगे शिफ्ट अस्पताल के साकची स्थित भवन से डिमना के नए भवन में शिफ्टिंग के दौरान इन लावारिश मरीजों को भी वहां ले जाया जाएगा। अधीक्षक ने कहा कि जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाएगा कि इन मरीजों के लिए कोई स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके। अस्पताल प्रबंधन का मानना है कि यदि समय रहते इनकी व्यवस्था नहीं की गई, तो नए भवन में भी यही समस्या दोहराई जा सकती है।
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