Jharkhand Legislators Visit ADPA Museum Highlight Traditional Lifestyles and Health Benefits जीवन शैली सुधार के लिए एडपा प्रेरणा स्रोत स्थल--सरयू, Lohardaga Hindi News - Hindustan
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जीवन शैली सुधार के लिए एडपा प्रेरणा स्रोत स्थल--सरयू

झारखंड विधानसभा के सदस्यों ने लोहरदगा में एडपा संग्रहालय का दौरा किया, जहां उन्होंने पुरानी जीवनशैली के उपकरणों का अवलोकन किया। विधायक सरयू राय और देवेंद्र कुंवर ने कहा कि पहले लोग स्वस्थ थे क्योंकि...

Newswrap हिन्दुस्तान, लोहरदगाWed, 11 June 2025 01:10 AM
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जीवन शैली सुधार के लिए एडपा प्रेरणा स्रोत स्थल--सरयू

लोहरदगा, संवाददाता।झारखंड विधानसभा के प्रतियुक्त विधानसभा समिति के सभापति सह जमशेदपुर के विधायक सरयू राय और जरमुंडी विधायक देवेंद्र कुंवर लोहरदगा दौरे के उपरांत बलदेव साहू कालेज निकट बर्म्मन हाईवे पेट्रोल पंप परिसर स्थित एडपा (कुडूख भाषा में घर) संग्रहालय का अवलोकन किया। जहां उन्होंने ढेकी, जाता, लोढ़ा सिलवट, ओखली, लटई, तार गाड़ी, चिपुल, गीली डंटा, अंटा, तीर धनुष, गूलेल चलाकर जहां अपना बचपना याद किया। वहीं गुंगू(पत्ता का बना रेनकोट), ठरकी(मवेशियों का जीपीएस), साइकिल डायनेमो, बांस का छाता, चीनी मिट्टी का बना विद्युत स्विच, पाषाण काल में भोजन बनने के उपकरण, मिट्टी के बर्तन, मिट्टी के चूल्हा, रेडियो, पटिया, रोयचो, हल जुवाठ, खटिया, लेदरा, कांसा का पईला और बर्तन, पुराने सिक्के, नकाशी दार दरवाजे, ढेलफोडवा, धूरमूस, गोइठा आदि देखकर कहा कि पहले के लोगों की जीवन शैली आज से काफी बेहतर था।

पहले के लोगों को ब्लड प्रेशर, शुगर, थायराइड, बाल सफेद और झड़ना, बैक पेन, आंखों की समस्या, डिप्रेशन आदि के शिकार नहीं होते थे। उसका कारण था पौष्टिक अनाज उपजाते थे। फिर जाता, ढेकी, ओखली, लोढा सिलवट आदि से कूट पीसकर के मिट्टी के बर्तन में, मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी और गोइठा और शारीरिक परिश्रम से बना भोजन अमृत होता था। पड़ोसी एक दूसरे के घरों का सामान बेहिचक उपयोग करते थे। सभी वर्ग के बच्चे लोग बिना खर्चे वाला क्षेत्रीय खेल खूब खेलते थे। संबंधों में प्रगाढ़ता रहती थी। कोई डिप्रेशन का शिकार नहीं होता था। द्वय विधायकों ने क्षेत्रीय स्नेक्स लकड़तोड़, लडूवा, लावा, गोपो का सेवन कर कहा कि क्षेत्रीय स्नैक्स हेल्थ इस वेल्थ तो होता ही है। क्षेत्रीय भोजन और क्षेत्रीय सामानों को बढ़ावा देने से रोजगार के अवसर भी सृजन होंगे। उन्होंने जीवन शैली सुधार के लिए एडपा एक प्रेरणा स्रोत स्थल बताया जो की सबों को देखना चाहिए। उन्होंने वहां लगे औषधीय पौधे पिस्ता बादाम, हिंग, लवंग, अर्जुन, महोगनी, लेमनग्रास, काजू, शहतूत, रुद्राक्ष, पान, सुपारी, कपूर, चीकू, लाल-सफेद चंदन, दालचीनी, कैक्टस, अनार, पारिजात, एलोवेरा, कड़ी पत्ता आदि का भी अवलोकन किया।

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