Lack of Cleanliness in Pakur Municipal Council s Claims Fall Short सड़क किनारे पड़े कचड़ें व नालियों की नहीं होती नियमित सफाई, Pakur Hindi News - Hindustan
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सड़क किनारे पड़े कचड़ें व नालियों की नहीं होती नियमित सफाई

पाकुड़ नगर परिषद की सफाई व्यवस्था में लापरवाही के कारण शहर में गंदगी फैली हुई है। प्रमुख सड़कों और मोहल्लों में कचरा बिखरा हुआ है, जिससे लोगों को चलने में दिक्कत हो रही है। नगर परिषद द्वारा नियमित...

Newswrap हिन्दुस्तान, पाकुड़Tue, 13 May 2025 02:52 AM
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सड़क किनारे पड़े कचड़ें व नालियों की नहीं होती नियमित सफाई

पाकुड़, प्रतिनिधि। नगर परिषद की ओर से साफ-सफाई का दावा तो बहुत किया जाता है लेकिन शहर का नजारा दावों पर खरा नहीं उतर रहा है। नगर परिषद के कर्मियों की लापरवाही का नतीजा है कि शहर के मुख्य सड़क पर जगह-जगह कूड़े फैले मिल जाते हैं। गंदगी उठाने के बाद कुछ दिनों तक पड़े कूड़े का सड़ांध बरकरार रहता है और फिर लोगों के द्वारा कचरे को लापरवाही के साथ फेंक दिया जाता है। इसका असर यह होता है कि उन रास्तों से गुजरना मुश्किल हो जाता है। यह हाल शहर के प्रमुख मार्गों का है। सोमवार को शहर की सफाई कोई खास नहीं था, शहर के भगतपाड़ा, हरिणडांगा स्कूल के निकट, गवालपाड़ा के अलावे गली-मुहल्ले में जहां-तहां खुले में ही कचरे को फेंके हुए थे।

मुख्य चौक-चौराहे से लेकर मोहल्ले तक कूड़े का उठाव नहीं हुआ था। कूड़े का उठाव नहीं होने कारण चारों तरफ गंदगी फैली रहती है। नगर परिषद की गाड़ी समय पर नहीं आती है। हरिणडांगा पश्चिम स्कूल के पास कचड़ा फेंका हुआ था और मवेशी कचड़े में अपना भोजन खोज रहे थे। कचरा का समय से उठाव नहीं होने के कारण चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। उस रास्ते से आने-जाने वाले लोगों को हमेशा ही परेशानी होती है। बदबू के कारण रास्ते से गुजरना मुश्किल हो जाता है। मुख्य सड़क किनारे कूड़ेदान के अभाव में लोग सड़क पर कूड़ा फेंकते हैं बदबू और गंदगी से बाजार में आने वाले लोगों को खासी दिक्कत होती है। इसे लेकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार से संपर्क किया गया लेकिन संपर्क नहीं होने के कारण उसकी बात को नहीं रखा गया है। नालियों की भी नहीं होती है नियमित सफाई : शहर के मुख्य सड़क किनारे नालियों की नियमित साफ-सफाई नहीं होती है। बारिश होते ही नगर परिषद का पोल खुल जाता है। हल्की बारिश होने से सड़क पर नालियों का गंदगी बहने लगते है। उन गंदगी के बीच लोगों को चलना पड़ता है। शहरवासियों का कहना है कि जब सफाई के नाम पर दर्जनों कर्मी को रखा गया है तो नियमित साफ-सफाई किस कारण से नहीं किया जाता है, आखिर इसमें विभाग की गलती है या फिर सफाई-व्यवस्था को देखने वाले कर्मियों की है। सफाई के नाम पर प्रत्येक माह 09 लाख की खर्च : शहर के 21 वार्डों के सड़क किनारे पड़े गंदगी, घरों की सफाई न नालियों की साफ-सफाई को लेकर प्रत्येक माह आठ से नौ लाख रुपए का खर्च करते है। उतने खर्च किए जाने के बाद भी सड़क किनारे जहां-तहां गंदगी पड़ा रहा है। वहीं नालियों की भी नियमित सफाई नहीं होने से हमेशा सड़क पर नालियों का गंदा पानी बहता रहता है। बारिश होने के बाद नाली का गंदगी लोगों के घरों के सामने जमा होने से लोग खूद सफाई करने को मजबूर हो जाते है। इस दिशा में नगर परिषद को ठोस कदम उठानी चाहिए ताकि लोगों को गंदगी से निजात मिल सके।

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