Seminar on One Nation One Election Held in Pakur to Enhance Electoral Process बार-बार चुनाव होने से बहुत अधिक धन का व्यय होता है: जिलाध्यक्ष, Pakur Hindi News - Hindustan
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बार-बार चुनाव होने से बहुत अधिक धन का व्यय होता है: जिलाध्यक्ष

पाकुड़ में आईडीएल की संगोष्ठी में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर चर्चा की गई। सचिव संजय कुमार ने चुनावी सुधार और संसाधनों की बचत पर जोर दिया। भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण...

Newswrap हिन्दुस्तान, पाकुड़Sat, 10 May 2025 05:21 AM
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बार-बार चुनाव होने से बहुत अधिक धन का व्यय होता है: जिलाध्यक्ष

पाकुड़, प्रतिनिधि। गैर सरकारी संस्था आईडीएल के सचिव संजय कुमार की अध्यक्षता में मार्केट कॉम्प्लेक्स में गुरुवार देर शाम को एक राष्ट्र एक चुनाव पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में सुधार, संसाधनों की बचत, लोकतंत्र को अधिक प्रभावी एवं समर्पित बनाना था। संगोष्ठी में मुख्य रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय, प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी, अनुग्रहित प्रसाद साह, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शबरी पाल शामिल हुए। आईडीएल के सचिव ने एक राष्ट्र एक चुनाव को राष्ट्र की अखंडता के लिए जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि देश की इतनी बड़ी आबादी को बार-बार चुनाव में नहीं झोंका जा सकता।

चुनावों में होने वाले भारी-भरकम खर्च को लेकर कहा कि बार-बार चुनाव होने से बहुत अधिक धन का व्यय होता है। जितना देश का शिक्षा का बजट है उसका आधा चुनावों में खर्च हो जाता है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि देश में राजनीतिक स्थिरता और विकसित भारत के निर्माण हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दूरदर्शी विजन है। जिसे साकार करने की दिशा में यह संवाद अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमे चुनाव में सुधार की आवश्यकता है। हर सार्वजनिक और सामाजिक क्षेत्र में विभिन्न सुधारों का कार्य नरेंद्र मोदी ने किया है। शिक्षा नीति में सुधार, स्वास्थ्य में सुधार, देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा में सुधार, तीन तलाक, 500 वर्ष पुराने मुद्दे को सर्व सहमति से दूर हमने किया तो हम अब एक राष्ट्र एक चुनाव कराने में निश्चित ही हम सफल होंगे। प्रदेश मंत्री दुर्गा मरांडी ने कहा एक राष्ट्र एक चुनाव में सबसे बड़ी भूमिका राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग की होगी। यह इतना आसान कार्य नहीं की चर्चा से ही यह संभव हो जाए उसके लिए हमें बहुत सारे संशोधन और व्यवस्थाओं को लागू कर एक राष्ट्र एक चुनाव की परिकल्पना पर कार्य करना होगा। हमें उसके लिए अनुच्छेद 82 और 83 में सुधार करने की आवश्यकता है। मौके पर शर्मिला रजक, दीपक साह, मनोरंजन सरकार, सोहन मंडल अजीत रविदास, सपन दुबे उपस्थित थे।

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