Harirharganj City Challenges in Urban Development and Basic Amenities बोले पलामू : बाजार में न बिजली ना पानी, गंदगी से परेशानी, Palamu Hindi News - Hindustan
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बोले पलामू : बाजार में न बिजली ना पानी, गंदगी से परेशानी

हरिहरगंज सिटी, पलामू का एक प्रमुख बाजार है, जहां बुनियादी सुविधाओं का गंभीर अभाव है। सफाई, पेयजल, और स्वास्थ्य सेवाओं की समस्याएं हैं। नगर पंचायत गठन के बाद भी विकास की गति धीमी है। व्यापारियों और...

Newswrap हिन्दुस्तान, पलामूWed, 9 April 2025 02:01 AM
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बोले पलामू : बाजार में न बिजली ना पानी, गंदगी से परेशानी

पलामू के पांच नगरों में सबसे नया हरिहरगंज सिटी, बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित बड़ा बाजार है। डेली मार्केट के अलावा सोमवार व शुक्रवार को हरिहरगंज में साप्तहिक हाट लगता है। इस हाट में पलामू के अलावा बिहार के भी क्रेता-विकेता बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। परंतु यहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। इलाके में सफाई, पेयजल, लाइट की समस्या है। शहर के व्यवसायी और युवाओं ने हिन्दुस्तान अखबार के बोले पलामू कार्यक्रम में खुलकर अपनी बातें रखीं और समस्या के समाधान की मांग की। मेदिनीनगर। पलामू जिला मुख्यालय सिटी मेदिनीनगर से 70 किलोमीटर की दूरी पर बिहार की सीमा से सटा हुआ हरिहरगंज बाजार को करीब छह साल पहले नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हुआ है। इसके पहले भी हरिहरगंज बाजार जिले के बड़े व्यवसायिक केंद्र के रूप में पहचाना जाता रहा है। इस शहर की आबोहवा पलामू क्षेत्र से कम और मगध क्षेत्र से ज्यादा निकट है। इस शहर में स्थित पुलिस थाना पर उग्रवादियों का हमला भी हो चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उग्रवादियों ने हरिहरगंज शहर में हमला किया था। परंतु पांच वर्षो में हरिहरगंज तेजी से विकास की ओर बढ़ चला है।

नेशनल हाइवे-139 इस शहर के बीच से होकर निकली है। परंतु नेशनल हाइवे की सड़क भी काफी संकीर्ण है जिसके कारण अक्सर जाम लगती रहती है। एनएच-139 के फोरलेन प्रोजेक्ट के तहत हरिहरगंज में फोरलेन बाइपास का निर्माण कराया जा रहा है जो मुख्य शहर से पश्चिम क्षेत्र से होकर निकल रहा है। इसके कारण शहर का विकास काफी तेज हुआ है। परंतु जिस तेजी से शहर की आबादी बढ़ रही है और निजी स्तर पर लोग खुद को विकास की ओर लेकर बढ़ रहे हैं। उस तेजी से नगरीय सुविधाओं का विकास नहीं हो पा रहा है। नगर पंचायत गठन के करीब पांच वर्ष बीत जाने के बावजूद भी चुनाव कराकर लोकप्रिय बोर्ड का गठन नहीं किया जा सका है। इसके कारण जनसमस्याओं का निदान की दिशा में पहल नहीं हो पा रही है।

शहर में सफाई की सरकारी व्यवस्था काफी बदतर है। जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा मिलता है। नालियां जाम होकर बदबू फैलाती रहती थी। अधिकांश स्ट्रीट लाइट डेड पड़े हुए हैं। नगर पंचायत अधिसूचित करने के लिए जिन पंचायतों को शामिल किया गया है उनके मोहल्ले में आने-जाने के लिए पूर्ववर्ती जर्जर सड़क का अबतक मरम्मत तक नहीं किया गया है, नवनिर्माण की बात अभी दूर है। पाइप लाइन से पेयजल आपूर्ति के लिए स्थापित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की योजना कारगर साबित नहीं हो पा रही है। झारखंड सरकार ने प्रारंभि हुए नए वित्तीय वर्ष में हरिहरगंज शहरी जलापूर्ति योजना का क्रियान्वयन का प्रावधान किया है। इससे शहरवासियों में थोड़ी उम्मीद जगी है।

हरिहरगंज में स्वास्थ्य की सेवा भी अभी भी बदतर ही है। नया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कराया गया है परंतु आवश्यक संसाधनों और चिकित्सकों का घोर अभाव है। मरीज को प्राथमिक चिकित्सा के अलावा अन्य कोई सुविधा सीएचसी में नहीं मिल पा रहा है। ऑन ड्यूटी चिकित्सक मरीज का प्राथमिक इलाज के करने के बाद उसे रेफर कर देते हैं और अधिकांश मरीज बिहार के औरंगाबाद के सदर अस्पताल ले जाए जाते हैं क्योंकि औरंगाबाद की दूरी 24 किलोमीटर जबकि मेदिनीनगर स्थित मेडिकल कॉलेज अस्पताल की दूरी 70 किलोमीटर है।

हरिहरगंज शहर में उच्च शिक्षा की कोई सरकारी व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। अधिकांश विद्यार्थी या तो औरंगाबाद आ-जाकर या मेदिनीनगर में किराये के मकान में रहकर पढ़ाई करते हैं। माध्यमिक शिक्षा के लिए हरिहरगंज सिटी में एक प्लस-2 विद्यालय है जबकि बालिकाओं के लिए अलक हाईस्कूल स्तर तक की शिक्षा की मात्र व्यवस्था है। इसके कारण आम विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। टाउन हाल, बाजार शेड, चौराहे का सौंदर्यीकरण, नाली का पक्कीकरण व ढकने, नदी घाट का निर्माण आदि की दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। शहर में एक तालाब है परंतु वह भी सीमटता जा रहा है। कोई भी पार्क अबतक विकसित नहीं किया जा सका है। शहर के मध्य में स्थित मध्य विद्यालय का भवन व मैदान भी बदतर स्थिति में है।

जिले का सबसे बड़ा सब्जी बाजार है हरिहरगंज में

हरिहरगंज सिटी में करीब 35 हजार आबादी रहती है। 16 वार्डो में विभक्त हरिहरगंज शहर बड़ा सब्जी बाजार भी है जहां से प्रत्येक दिन चार-पांच ट्रक सब्जियां बडे शहरों में भेजी जाती है। इस शहर से सब्जी कोलकता तक भेजी जा रही है। तिल की प्रोसेसिंग यूनिट भी यहां विकसित हुआ है। बड़ा व्यवसायिक केंद्र होने के बावजूद इस शहर के विकास की गति धीमी बनी हुई है। इसे लेकर आम व्यवसायी और युवाओं को काफी मलाल है। शहर में पांच-छह साल पहले शामिल हुए ग्रामीण क्षेत्र की हालात ज्यादा खराब है। इन मोहल्लों में आने-जाने के लिए सड़क का भी घोर अभाव है। लोग कई बार मांग उठाएं हैं परंतु समाधान अबतक नहीं निकल पाया है।

अक्सर जाम लगने से लोगों को होती है परेशानी

हरिहरगंज शहर को जाम की झाम से अभी भी छुटकारा नहीं मिली है। फोरलेन बाइपास निर्माण अभी निर्माणाधीन है। मुख्य सड़क में अतिक्रमण आदि के कारण परेशानी बनी हुई है। शहर की नालियां भी अभी खुली हुई है। इसके कारण पैदल चलने वाले भी मुख्य सड़क पर ही चलने के लिए विवश होते हैं। हरिहरगंज शहर से होकर प्रत्येक दिन 2000 से अधिक बड़ी गाड़ियां गुजरती है। बड़े मालवाहक ट्रक भी इसमें शामिल हैं। अभी तक व्यवस्थित बस स्टैंड, टेंपो स्टैंड का निर्माण नहीं हो सका है। इसके कारण मुख्य सड़क पर ही गाड़ियां पार्क होती है जो जाम की समस्या को और बढ़ा रहे हैं।

शौचालय की भी नहीं है व्यवस्था

साप्ताहिक बाजार के साथ-साथ डेली मार्केट में भी काफी संख्या में ग्राहक उमड़ते हैं परंतु उनके लिए पेयजल और सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था अबतक नहीं की गई है। लोग खुले में शौच जाने और बोतलबंद पानी खरीदकर पीने के लिए विवश हैं। नालियों की सफाई पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बाजार में भी नियमित सफाई सही तरीके से नहीं हो रही है। कूड़ा भी बीडीओ आवास के पास डंप किया जा रहा है। इसके कारण गंदगी लोगों का जीना दूभर कर दिया है। मच्छर का आतंक भी शहर में काफी है। रात होते ही स्ट्रीट लाइट की बदतर हालात सामने आ जाता है।

जरूरी सुविधाओं का अभाव

हरिहरगंज शहर पर केवल शहरी आबादी नहीं वरन आसपास के करीब दो लाख की आबादी निर्भर है। परंतु शिक्षा और चिकित्सा की दृष्टि से भी बुनियादी सुविधाओं का विकास नहीं किया गया है। अस्पताल का नया भवन बनने के बावजूद सुविधाएं नहीं दी गई है। इसके कारण मरीजों को काफी परेशानी होती है। चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को भी काफी दबाव झेलना पड़ता है। स्कूलों में भी शिक्षक व संसाधन का घोर अभाव है। इसके कारण विद्यार्थी कोचिंग में पढ़ने के लिए विवश हैं। मार्केट का विकास, मनोरंजन के साधन आदि का विकास भी लंबित है।

समस्याएं

1. शहर में प्रत्येक दिन लंबा जाम लगता है। इससे कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

2. पेयजल और सार्वजनिक शौचालय की दृष्टि से कोई काम नहीं किया गया है।

3. अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब हो गए हैं। इसके कारण रात में सड़कों पर अंधेरा रहता है।

4. मुख्य सड़क के अलावा मोहल्ले की सड़कों का निर्माण भी नहीं हो रहा है।

5. शहर में उच्च शिक्षा के लिए सार्वजनिक सेक्टर का कोई संस्थान नहीं है।

सुझाव

1. सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जाए। सभी घरों में पाइप लाइन से जलापूर्ति की जाए।

2. मुख्य बाजार के अलावा मोहल्ले में भी सड़क और नालियों की नियमित सफाई करायी जाए।

3. फोरलेन बाइपास के निर्माण में तेजी लाकर शहर को जाम की समस्या से निदान दिलाएं।

4. नए अस्पताल भवन में पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की पदस्थापना सुनिश्चित की जाए।

5. बालिका विद्यालय का प्लस-2 में अपग्रेडेशन किया जाए। कॉलेज की भी स्थापना हो।

इनकी भी सुनिए

नगर पंचायत क्षेत्र में कोई भी नगरीय सुविधा लोगों को नही मिल रही है। शहर के गली-मोहल्ले में कचरा का अंबार लगा हुआ है। पेयजल आपूर्ति भी ठप है। मेन रोड पर रोजाना जाम लगने के कारण रोड़ के किनारे दुकानदारो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, व्यवसाय भी प्रभावित होता है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर में बिजली की समस्या शुरू हो गई है। लोड शेडिंग की भी समस्या शुरू हो गई है।

-विश्वदीप गुप्ता, व्यवसायी

शहरी क्षेत्र में रोजाना सफाई का काम चल रहा है। शहरी क्षेत्र में कई स्ट्रीट लाइट खराब है, नया लाइट लगाने के लिए सर्वे किया गया है। ब्लौक कैंपस में शहर का कचरा जो डंप हो रहा है उसको दूसरे जगह पर डंप करने की तैयारी चल रही है, जल्द टेंडर भी होगा। गर्मी के मौसम को देखते शहर के खराब चापानलो की मरम्मती की जा रही है। नियमित रूप से पेयजल आपूर्ति चालू रहे इसके लिए भी प्रयास जारी है।

-नजीबुल्लाह अंसारी, सीटी मैनेजर

नियमित हो साफ-सफाई

शहरी क्षेत्र में विकास का कोई भी काम देखने को नही मिला है, लोग बुनियादी सुविधा का दंश झेल रहे है। सफाई का काम बंद है, शहरी क्षेत्र में सैकड़ों लाइट खराब है। -राजीव रंजन

व्यापारियों को कोई सुविधा नही मिल रहा है जबकि ट्रेड लाइसेंस बनाने के लिए नगर पंचायत विभाग दबाव बना रखा है। विभाग सभी वार्ड में नियमित सफाई की दिशा में पहल नहीं कर रही है। -प्रमोद कुमार सिंह

शहर में गंदगी का अंबार है। मच्छर काफी परेशान करते हैं। पेयजल, बिजली, स्ट्रीट लाइट की भी बड़ी समस्या है। मोहल्ले की सड़क भी बदतर हालात में हैं। इस तरफ पहल की जरूरत है। -मृत्युंजय सिंह

पुराना शहर होने के बावजूद व्यवस्थित तरीके से विकास नहीं किया जा रहा है। यह शहर सरकार को राजस्व भी अधिक देता है। फिर भी विकास पर समुचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है। -अखिलेश मेहता

कचरा को भी गैरवाजिब तरीके से डंप किया जा रहा है। बीडीओ आवास के पास से अविलंब कचना हटाना चाहिए। साथ ही कचरा प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। -हरेन्द्र सिंह

हरिहरगंज सब्जी का बड़ा बाजार है। परंतु व्यवसायियों के लिए यहां कोई सुविधा विकसित नहीं हुई है। इस दिशा में तत्काल पहल की जरूरत है। व्यवसाय बढ़ेगा तभी राजस्व भी बढ़ेगा। -नंद किशोर मेहता

शहर में जाम की समस्या का निदान नहीं निकल पा रहा है। इसके कारण व्यवसाय काफी प्रभावित हो रहा है। मनोरंजन के लिए पार्क आदि का विकास भी अबतक नहीं किया गया है। -राहुल कुमार ठाकुर

हरिहरगंज शहर के बटाने घाट की भी बदतर हालात है। सड़क की स्थिति भी काफी बदतर है। इस तरह अबतक किसी का ध्यान नहीं गया है। प्रशासन को इसपर गंभीरता होने की आवश्यकता है। - शंभू यादव

हरिहरगंज शहर को नगर पंचायत बनाए पांच साल से अधिक समय बीत गया परंतु अबतक सुविधाओं का विकास नहीं किया गया है। इससे व्यवसायियों को काफी परेशानी हो रही है। -संजय जायसवाल

शहर में सार्वजनिक शौचालय अबतक नहीं बनाए गए हैं। इसके कारण बाजार आने वाले क्रेता-विक्रेताओं को खुले में शौच जाना पड़ता है जिससे शर्मिंदगी महसूस होती है। -दिनेश स्वर्णकार

शिक्षा और चिकित्सा के लिए समुचित संसाधन व संस्थान का घोर अभाव है। शहर लगातार उपेक्षा का शिकार हो रहा है। इस दिशा में तत्काल पहल करने की आवश्यकता है। -नकुल प्रसाद

शहर में लोकल पर्यटन स्थल विकसित करने के योग्य कई जगह है। पार्क का निर्माण भी किया जा सकता है। परंतु अबतक इस दिशा में किसी तरह की पहल नहीं की गई है। -कामेश्वर सिंह कमल

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