भुरकुंडा को ट्रैफिक की उलझन से उबारे प्रशासन
भुरकुंडा के मेन रोड पर अतिक्रमण और अव्यवस्थित पार्किंग के कारण सड़क जाम की समस्या बढ़ रही है। इससे एंबुलेंस और स्कूल बसों को भी जाम का सामना करना पड़ रहा है। यदि फल दुकानदारों और सब्जी बाजार को अंदर...
भुरकुंडा के मेन रोड पर अतिक्रमण और अव्यवस्थित पार्किंग के कारण सड़क जाम की समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे आम जनता और आवश्यक सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं। दुकानदारों द्वारा फुटपाथ पर सामान सजाने और फल विक्रेताओं के मनमाने कब्जे के कारण सड़क पर वाहनों की भीड़ लग जाती है, जिससे एंबुलेंस और स्कूल बसों को भी जाम का सामना करना पड़ता है। यदि फल दुकानदारों और सब्जी बाजार को अंदर बने शेड में स्थानांतरित किया जाए, तो पार्किंग व्यवस्था में सुधार संभव है। इसके लिए प्रशासनिक हस्तक्षेप और जन जागरूकता आवश्यक है, ताकि भुरकुंडा की सड़कों को जाम मुक्त बनाया जा सके। इस समस्या को बोले रामगढ़ की टीम से भुरकुंडा के लोगों ने साझा कर अपनी व्यथा बताई।
भुरकुंडा। कोयलांचल के हृदयस्थली भुरकुंडा की सबसे बड़ी समस्या सड़क जाम बन चुकी है, जिससे दैनिक जीवन के सभी पहलू प्रभावित हो रहे हैं। विशेष रूप से मेन रोड पर अतिक्रमण और अनियमित पार्किंग के कारण ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह बिखर गई है। सड़क पर जाम की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि आवश्यक सेवाएं जैसे एंबुलेंस और स्कूल बसें भी घंटों जाम में फंसी रहती हैं, जिससे लोगों के जीवन और सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है। मेन रोड पर दुकानदारों द्वारा फुटपाथ पर सामान सजाकर बेचने की प्रथा ने सड़क जाम की समस्या को और बढ़ा दिया है। दुकानदारों का यह अतिक्रमण न केवल पैदल चलने वालों के लिए असुविधाजनक है, बल्कि वाहन पार्किंग के लिए भी जगह की कमी पैदा करता है। इसके कारण लोग सड़क पर ही दो और चार पहिया वाहनों को पार्क करने के लिए मजबूर हो जाते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति और भी बिगड़ जाती है। फल दुकानदारों के मनमाने तरीके से जूस मशीन, डाब आदि फुटपाथ पर रखकर बेचने से भी समस्या बढ़ती है। अंदर-बाहर की जमीन पर कब्जे के कारण स्थानीय किसान सड़क किनारे सब्जी बेचने को मजबूर हैं, जिससे पैदल यात्रियों और वाहनों के लिए रास्ता और भी संकरा हो जाता है।
इसके अतिरिक्त, ऑटो चालकों ने भी मेन रोड को स्टैंड बना लिया है, जिससे सवारी बैठाने के लिए ऑटो सड़क पर ही खड़े रहते हैं और जाम की समस्या और भी गंभीर हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर कई बार प्रयास किए गए हैं। पुलिस-प्रशासन के हस्तक्षेप से कुछ समय के लिए स्थिति में सुधार भी हुआ, लेकिन कुछ ही समय बाद बाजार फिर से अतिक्रमण की स्थिति में लौट आता है। इन प्रयासों की विफलता के पीछे प्रशासनिक कार्रवाई की कमी और प्रभावी निगरानी की अभाव को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इसका नुकसान केवल पैदल यात्रियों और वाहनों को ही नहीं, बल्कि अंदर बाजार के दुकानदारों को भी उठाना पड़ रहा है। पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग सड़क के किनारे स्थित दुकानों से ही सामान खरीदते हैं, जिससे सैकड़ों दुकानदारों के व्यवसाय प्रभावित हो रहे हैं। भुरकुंडा की सड़क जाम समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
यदि मेन रोड के किनारे वाले फल दुकानदारों और रेलवे लाइन में लगने वाले सब्जी बाजार को अंदर बने शेड में स्थानांतरित कर दिया जाए तो पार्किंग की व्यवस्था सुचारू रूप से बन सकती है। अंदर बाजार में लाखों रुपये की लागत से सब्जी बाजार शेड बनाया गया है, लेकिन वहां दुकानदारों की कमी के कारण यह स्थान खाली पड़ा है। प्रशासनिक पहल और जागरूकता के माध्यम से इस स्थान का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है। इसके अलावा, ऑटो स्टैंड पर भी सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। ऑटो चालकों के अनियमित स्टैंड लगाने पर अंकुश लगाकर ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के प्रयास किए जाने चाहिए। इस का समाधान केवल प्रशासनिक प्रयासों से ही नहीं, बल्कि जनता के सहयोग से भी संभव है।
सब्जी बाजार शेड से मिलेगी राहत
ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। पार्किंग की समस्या भी दैनिक जीवन को कठिन बना रही है। इस संकट के समाधान के लिए सरकार ने अंदर बाजार में लाखों रुपये खर्च कर सब्जी बाजार शेड का निर्माण करवाया था, लेकिन यह शेड पूरी तरह से खाली पड़ा है। इस शेड का सही तरीके से उपयोग न होने के कारण सड़क पर जाम और पार्किंग की समस्याएं और भी बढ़ गई हैं। यदि मेन रोड के किनारे वाले फल दुकानदारों और रेलवे लाइन पर लगने वाले सब्जी बाजार को इस अंदर बने शेड में शिफ्ट कर दिया जाए, तो सड़क जाम की समस्या समाप्त होगी।
मेन रोड में अतिक्रमण से बढ़ा जाम
भुरकुंडा का मेन रोड अतिक्रमण के कारण गंभीर सड़क जाम का सामना कर रहा है। दुकानदारों द्वारा फुटपाथ पर सामान सजाकर बेचने से पैदल यात्री और वाहन चालकों के लिए परेशानी बढ़ गई है। पार्किंग की जगह की कमी के कारण लोग सड़क पर ही दो और चार पहिया वाहन खड़ा करने को मजबूर हैं। इससे ट्रैफिक जाम की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है, जिससे एंबुलेंस और स्कूल बस जैसी आवश्यक सेवाएं भी घंटों जाम में फंसी रहती हैं। अतिक्रमण की यह समस्या स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों के लिए बड़ा संकट बन गई है। प्रशासनिक प्रयासों के बावजूद अतिक्रमणकर्ता हावी हैं।
फल और सब्जी दुकानदारों की मनमानी
दुकानदारों द्वारा जूस मशीन, डाब आदि फुटपाथ पर रखकर बिक्री करने से ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। किसान भी सड़क किनारे बैठकर सब्जी बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि अंदर-बाहर की जमीन पर कब्जा किया गया है। यह न केवल सड़क जाम की समस्या को बढ़ाता है, बल्कि व्यापारियों के लिए भी नुकसानदायक है। लोग सड़क किनारे ही सामान खरीदना पसंद करते हैं, जिससे अंदर बाजार के दुकानदारों को भी नुकसान हो रहा है। यदि इन दुकानदारों को अंदर बाजार के शेड में शिफ्ट किया जाए तो पार्किंग और जाम की समस्या दोनों का समाधान संभव है।
प्रशासनिक उदासीनता से खाली पड़ा है सब्जी बाजार शेड
अंदर बाजार में लाखों रुपये खर्च कर सरकारी मद से सब्जी बाजार शेड बनाया गया था, लेकिन यह शेड पूरी तरह से खाली पड़ा है। दुकानदारों के अंदर बाजार में दुकान न लगाने के कारण सड़क पर जाम और पार्किंग की समस्या लगातार बढ़ रही है। यह शेड सुविधाजनक स्थान है, जहां सब्जी और फल विक्रेता अपनी दुकान लगा सकते हैं, लेकिन प्रशासनिक पहल की कमी के कारण यह शेड बेकार पड़ा है। यदि इसे प्रभावी रूप से उपयोग में लाया जाए तो ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा और सड़क पर जाम की समस्या भी समाप्त होगी। इससे स्थानीय व्यापारियों को भी राहत मिलेगी और शहर की सड़कों पर भीड़ कम होगी।
प्रशासनिक कार्रवाई की जरूरत
कुछ ऑटो चालक मेन रोड को स्टैंड बना कर सवारी बैठाने के लिए सड़क पर ही खड़े रहते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या और बढ़ जाती है। ये ऑटो चालक सड़क पर पार्किंग की जगह भी घेर लेते हैं, जिससे पैदल चलने वालों को असुविधा होती है। प्रशासनिक स्तर पर प्रभावी कार्रवाई की कमी के कारण दुकानदारों और ऑटो चालकों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। इन पर अंकुश लगाने के लिए सख्त नियम लागू करने की जरूरत है। इसके साथ ही, ऑटो स्टैंड को निर्धारित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए ताकि सड़क पर जाम की स्थिति नियंत्रित की जा सके और यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।कुछ ऑटो चालक मेन रोड को स्टैंड बना कर सवारी बैठाने के लिए सड़क पर ही खड़े रहते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या और बढ़ जाती है। ये ऑटो चालक सड़क पर पार्किंग की जगह भी घेर लेते हैं, जिससे पैदल चलने वालों को असुविधा होती है। प्रशासनिक स्तर पर प्रभावी कार्रवाई की कमी के कारण दुकानदारों और ऑटो चालकों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। इन पर अंकुश लगाने के लिए सख्त नियम लागू करने की जरूरत है।
दुकानदारों को सड़क पर कब्जा नहीं करना चाहिए। प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि ट्रैफिक सुचारू होे और राहत मिले। समस्या के समाधान के लिए सभी प्रयास करना होगा। -अनामिका श्रीवास्तव
जाम के कारण एंबुलेंस और स्कूल बसें फंसी रहती हैं। ट्रैफिक व्यवस्था सुधारना जरूरी है। प्रशासन को प्रभावी कदम उठाने चाहिए। साथ ही लोगों को भी सड़क पर वाहन नहीं खड़ा करना चाहिए। -रेणुका दास
सड़क पर वाहन खड़े रहते हैं। इससे जाम बढ़ता है। प्रशासन को बेहतर पार्किंग व्यवस्था बनानी चाहिए ताकि ट्रैफिक सुचारू रहे। इसके लिए अंदर बाजार में बने सरकारी शेड एक बेहतर विकल्प है। -श्रीकांत गुप्ता
ट्रैफिक में सुधार जरूरी है। जाम के कारण बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है। वहीं जाम के कारण आवश्यक सेवाएं, जैसे एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन के भी आवागमन में परेशानी होती है। -जसविंदर सैनी
मेन रोड के किनारे फल की दुकान और सब्जी विक्रेताओं को जगह चाहिए, लेकिन इसका मतलब नहीं की अपने स्वार्थ के लिए फुटपाथ पर कब्जा करें। इन्हें अंदर बाजार में स्थान दिया जाए।-राणा प्रताप सिंह
जाम की समस्या से निजात पाया जा सकता है। इसके लिए प्रशासनिक पहल जरूरी है। सब्जी बाजार को शेड में शिफ्ट कर उक्त स्थल को पार्किंग के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। -अजीत मंडल
मेन रोड में ऑटो खड़ा होने से भी जाम लगता है, जबकि इनके लिए भुरकुंडा में बकायदा स्टैंड है। मेन रोड को ऑटो स्टैंड के तर्ज पर इस्तेमाल करने वालों पर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए। -सुरेंद्र यादव
अंदर बाजार के शेड को इस्तेमाल करने की जरूरत है। इससे सड़क पर जाम कम होगा और दुकानदारों को भी लाभ मिलेगा। इसके लिए प्रशासनिक पहल के साथ-साथ समाजिक पहल भी जरूरी है।-विजय साव
जाम के कारण रोज़ाना परेशानी होती है, खासकर आपातकालीन सेवा के लिए समस्या गंभीर है। पार्किंग की व्यवस्था सुधारी जाए तो काफी राहत मिलेगी। जाम में समय बर्बाद होता है। -इरशाद खान
प्रशासन को निगरानी बढ़ानी चाहिए और अतिक्रमणकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना जरूरी है ताकि सड़क पर जाम कम हो सके। -चंदन सरकार
बाजार शेड का बेहतर उपयोग और पार्किंग की सुविधा से जाम की समस्या सुलझाई जा सकती है। मेन रोड के फुटपॉथ से भी अवैध कब्जा को हटाने की दिशा में प्रयास होना चाहिए। -फूलेश्वर राम
भुरकुंडा मेन रोड से हजारों लोग गुजरते हैं। सड़क जाम से विद्यार्थियों को परेशानी होती है। इधर गर्मी के मौसम में जब जाम लगता है तो स्कूल बस के अंदर मौजूद छोटे बच्चों को बहुत परेशानी होती है। -राजेंद्र मुंडा
दुकानदार फुटपाथ पर सामान सजा कर बेचते हैं, जिससे सड़क पर जाम लग जाता है। ऑटो चालक भी मेन रोड को स्टैंड के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे ट्रैफिक की समस्या और बढ़ गई है। प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि सड़क पर जाम कम हो और यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। सब्जी बाजार शेड को भी इस्तेमाल में लाया जाना चाहिए।
-अजय साहू,संस्थापक, भुरकुंडा नवनिर्माण मोर्चा
बाजार में दुकान चलाने वाले सैकड़ों दुकानदार प्रभावित हैं। पार्किंग की जगह नहीं मिलती, इसलिए ग्राहक अंदर बाजार नहीं जाना चाहते। अब तो जाम की यह स्थिति है कि एंबुलेंस और स्कूल बस को भी रास्ता नहीं मिलता। प्रशासन को इस पर संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करनी चाहिए। मेन रोड के क्लीयर होने, ट्रैफिक नियम लागू करने और पार्किंग की व्यवस्था से बाजार की तस्वीर संवर जाएगी। -गणेश पाठक,अध्यक्ष, खुदरा वस्त्र विक्रेता संघ
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