भूख हड़ताल पर बैठे जेपीएससी अभ्यर्थी, बोले-रिजल्ट या फांसी दो
11वीं से 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का मामला, पिछले 10 महीने से रिजल्ट का कर रहे हैं इंतजार

रांची। संवाददाता झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से 11वीं से 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी नहीं किए जाने से नाराज अभ्यर्थियों ने बुधवार को आयोग कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी। हाथों में पोस्टर लिए दर्जनों अभ्यर्थी पिछले 10 महीनों से पेंडिंग रिजल्ट को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर रिजल्ट नहीं देना है, तो सरकार उन्हें फांसी दे दे। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि मेंस की परीक्षा के लिए अतिरिक्त दो सप्ताह की मांग की गई थी, पर आयोग ने अपने तय समय पर परीक्षा ली थी। तय समय पर परीक्षा लेने के बाद उसका परिणाम लंबे समय से लटका है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग की कार्यप्रणाली से अभ्यर्थी की मानसिक स्थिति बिगड़ी हुई है। साथ ही अभ्यर्थियों ने रिजल्ट जारी कराने को लेकर राज्य सरकार से अपील की है कि मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर परिणाम जल्द से जल्द जारी कराया जाए। उनका कहना है कि जेपीएससी जैसी सर्वोच्च परीक्षा संस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता होनी चाहिए, वरना यह युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय है। आयोग की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेता सत्यनारायण शुक्ला ने कहा कि जेपीएससी की कार्यप्रणाली ने छात्रों का मानसिक संतुलन बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा जब मुख्यमंत्री की शपथ में एक दिन की देरी होती है तो पूरा तंत्र हिल जाता है। तो क्या जेपीएससी संवैधानिक संस्था नहीं है, 10 महीने से रिजल्ट रुका है, क्या यह संकट नहीं है। अभ्यर्थियों ने बताया कि जब आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो रही थी, तब अभ्यर्थियों ने प्रतीकात्मक मुंडन, पिंडदान और ब्रह्मभोज जैसे कदम भी उठाए थे। बावजूद इसके आयोग की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया। जेपीएससी में हर परीक्षा की यही कहानी अभ्यर्थी अविनाश कुमार ने कहा कि हमने मेंस परीक्षा दी है और 10 महीने से इंतजार कर रहे हैं। अगर आयोग हमें नौकरी नहीं दे सकता तो साफ कहे। अभ्यर्थी अभिषेक कुमार ने कहा कि जेपीएससी में हर परीक्षा की यही कहानी रही है। पिछली बार भी मेंस की तैयारी के लिए अभ्यर्थियों ने 25-30 दिन अतिरिक्त समय की मांग की थी, लेकिन आयोग ने नहीं सुना। अब एक साल होने को है, फिर भी परिणाम अधर में है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि झारखंड में व्यवस्थाएं जानबूझकर उलझाई गई हैं। अगर पारदर्शिता है तो आयोग साफ तारीख क्यों नहीं बताता कि रिजल्ट कब जारी होगा।
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