अगले सप्ताह छह दिन बंद रहेंगे बैंक, 24 और 25 को हड़ताल
झारखंड में अगले हफ्ते छह दिन बैंक बंद रहेंगे। यूएफबीयू ने 24 और 25 मार्च को हड़ताल की घोषणा की है। 22 मार्च को चौथा शनिवार और 23 को रविवार की छुट्टी है। इस हड़ताल से 20 हजार करोड़ रुपये का लेन-देन...

रांची, संवाददाता। झारखंड में अगले हफ्ते छह दिन बैंक बंद रहेंगे। यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 24 और 25 मार्च को अखिल भारतीय बैंक हड़ताल की घोषणा की है। 22 को चौथा शनिवार एवं 23 को रविवार की छुट्टी के चलते बैंक बंद रहेंगे। वहीं, 30 को रविवार व 31 को ईद-उल-फितर का अवकाश है। इस तरह 22 से 31 मार्च के बीच कुल छह दिन बैंक बंद रहेंगे। यूनियंस के मुताबिक हड़ताल से राज्य में करीब 20 हजार करोड़ का लेन-देन प्रभावित होगा। मंगलवार को एसबीआई के प्रशासनिक भवन में हुई प्रेसवार्ता में मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल की घोषणा को दोहराया गया।
मौके पर अखिल भारतीय बैंक ऑफिसर्स कंफडरेशन के राज्य महासचिव प्रकाश उरांव ने बताया कि हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ ग्रामीण बैंककर्मी भी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि बैंकों शाखाओं और कार्यकलापों में वृद्धि हो रही है। लेकिन उस मात्रा में कर्मियों की नियुक्ति नहीं हो रही। वहीं, पांच दिनी कार्य सप्ताह की मांग पर यूएफबीयू और आईबीए में सहमति के बाद भी सरकार ने अब तक अपनी सहमति नहीं दी है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में घट रहे कर्मी
उरांव बोले, 2013 से 2024 के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कर्मियों की संख्या 8,86,490 से घटकर 7,46,679 हो गई है। निजी क्षेत्र के बैंकों में इस बीच कर्मियों की संख्या 6 लाख से अधिक बढ़ी है। निजी क्षेत्र के बैंकों में 2013 में 2,29,124 कर्मी थे, जो बढ़कर 8,46,530 हो गए हैं।
20 हजार करोड़ का लेन-देन होगा प्रभावित
यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के संयुक्त संयोजक एमएल सिंह ने बताया कि राज्य में इस दो दिवसीय हड़ताल के कारण लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का लेन-देन प्रभावित होगा। इसके अलावा इस हड़ताल में झारखंड के सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में काम करने वाले 20 हजार अधिकारी व कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहेंगे।
क्या है मांगें
बैंक यूनियन की प्रमुख मांगों में सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती, अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने, बैंकिंग उद्योग में पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करने, बैंककर्मियों को रियायती शर्तों पर दिए जाने वाले स्टाफ कल्याण लाभों पर आयकर नहीं वसूलने की मांग शामिल है। इसके अलावा बैंकिंग उद्योग में अनुचित श्रम व्यवहार और बैंकों में स्थाई नौकरियों की आउटसोर्सिंग बंद करने की मांग भी शामिल है। मौके पर वाईपी सिंह, गौतम घोष, कुणाल कुमार, शशिकांत भारती, ज्योत्स्नेश्वर पांडे, केआर चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे।
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