अभियोजन पदाधिकारियों को तकनीक से लैस करने का मिलेगा प्रशिक्षण
रांची में उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने अभियोजन कार्य की गुणवत्ता सुधारने और आपराधिक न्याय प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए लोक अभियोजक और सहायक लोक अभियोजकों के साथ बैठक की। बैठक में अभियोजन कार्य को...

रांची, विशेष संवाददाता। अभियोजन कार्य की गुणवत्ता में सुधार, बुनियादी ढांचे के विकास और आपराधिक न्याय प्रणाली को प्रभावी बनाने को लेकर गुरुवार को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने लोक अभियोजक और सहायक लोक अभियोजकों के साथ बैठक की। बैठक में अभियोजन कार्य को और अधिक पेशेवर और समयबद्ध बनाए जाने पर चर्चा की गई। अभियोजकों के प्रशिक्षण, तकनीकी संसाधनों के उपयोग और जांच एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय पर जोर दिया गया। अभियोजन अधिकारियों को आधुनिक तकनीकों से लैस करने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने पर चर्चा की गई। आपराधिक मामलों में दोषसिद्धि दर को बढ़ाने के लिए साक्ष्यों को मजबूत करने और अदालतों में प्रभावी पैरवी पर ध्यान केंद्रीत करने का निर्णय लिया गया। बैठक में सुझाव दिया गया कि फॉरेंसिक सुविधाओं का बेहतर उपयोग और गवाह संरक्षण कार्यक्रम को सशक्त किया जाए। पुराने लंबित मामलों को तेजी से निपटाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया गया।
नए संसाधनों के आवंटन पर चर्चा
अभियोजन कार्यालयों के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए नए संसाधनों के आवंटन पर भी चर्चा की गई। इसमें डिजिटल अभिलेख प्रणाली, आधुनिक कार्यालय उपकरण और अभियोजकों के लिए बेहतर कार्यस्थल शामिल है। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों में अभियोजन कार्यालयों की स्थापना को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि न्याय तक पहुंच आसान हो सके।
दोषियों को सजा दिलाना प्राथमिकता
उपायुक्त ने बताया कि बैठक का लक्ष्य एक ऐसी अभियोजन प्रणाली विकसित करना है जो न केवल कुशल हो, बल्कि समाज में विश्वास भी पैदा करे। आपराधिक मामलों में दोषियों को सजा दिलाना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बैठक में लोक अभियोजक अनिल सिंह, सहायक लोक अभियोजक सिद्धार्थ सिंह, संगम कुमार, निखार वर्णवाल, विधि विशेषज्ञ और जिले के वरीय पदाधिकारी शामिल थे।
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