50 लाख जनजातीय लोगों के समग्र विकास के लिए कार्रवाई में लाई जाएगी तेजी
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत सुधारी जाएगी स्थिति, राज्य स्तर पर कन्वर्जेंस एवं परिवार, गांव स्तर पर गैप की पहचान पर बलधरती आबा जनजातीय

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में गुरुवार को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान की राज्य स्तरीय सर्वोच्च समिति की बैठक प्रोजेक्ट भवन स्थित मुख्य सचिव सभागार में हुई। जनजाति परिवारों और जनजाति बहुल गांवों को बुनियादी सुविधाओं से पूर्ण कर उनके सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत की गई है। इसके तहत झारखंड के 7139 गांवों के लगभग 49.76 लाख जनजातीय लोगों के समग्र विकास हेतु कार्ययोजना का सूत्रण कर कार्रवाई की जा रही है। मुख्य सचिव द्वारा बैठक में केन्द्र और राज्य स्तर पर कन्वर्जेंस और परिवार, गांव स्तर पर गैप की पहचान और संबंधित मंत्रालय से बजटीय आवंटन की प्राप्ति में तेजी लाने पर बल दिया गया, ताकि लक्ष्य की प्राप्ति निर्धारित समय-सीमा के अंदर सुनिश्चित की जा सके।
प्रशासी विभाग द्वारा सभी विभागों के लिए एक दिशा-निर्देश बनाने के परिप्रेक्ष्य में भी कार्रवाई की जानी अपेक्षित होगी। विभागीय पदाधिकारी को छत्तीसगढ़, ओडिशा आदि राज्यों से संपर्क कर कार्रवाई करने का निदेश दिया गया। बैठक में विभागवार योजना की गहन समीक्षा की गई, जिसमें संबंधित विभाग द्वारा योजना की स्वीकृति, भौतिक उपलब्धि के परिप्रेक्ष्य में की गई कार्रवाई से अवगत कराया गया। मुख्य सचिव ने प्रशासी विभाग को निर्देश दिया कि वे अपने स्तर से भारत सरकार से प्राप्त पत्र, निर्देशों के आलोक में सभी विभागों को कार्रवाई के लिए पत्र निर्गत करें। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 से आगामी 03 वर्षों के लिए कुल 24,104 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है, जिसमें केन्द्रांश 15,336 करोड़ रुपये एवं राज्यांश 8,768 करोड़ रुपये है। मुख्य सचिव द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, जल जीवन मिशन, मेडिकल मोबाइल यूनिट, विद्युत ग्रिड, आंगनबाड़ी केंद्रों, वन धन विकास केंद्र इत्यादि की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया गया कि तत्संबंधी प्रगति प्रतिवेदन/आवंटन आदि के संबंध में सभी विभाग भारत सरकार से पत्राचार कर योजना के कार्यान्वयन में तेजी लाना सुनिश्चित करें। बैठक में मस्तराम मीणा (प्रधान सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग), कृपानंद झा (सचिव, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग), मनोज कुमार (सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग विभाग), ए सिद्दिकी (सचिव, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग), उमाशंकर सिंह (सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग), जितेन्द्र सिंह (सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग), अबू इमरान (अभियान निदेशक, झारखंड राज्य स्वास्थ्य मिशन) आदि उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।
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