खलारी में गांजा और अन्य मादक पदार्थों के सेवन से युवा पीढ़ी हो रहे नशे के शिकार, बढ़ रही समस्याएं
खलारी-कोयलांचल क्षेत्र में नशाखोरी तेजी से बढ़ रही है, खासकर युवा पीढ़ी में, जिसमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं। दवाओं की बिक्री पर निगरानी और खेलकूद में भागीदारी के जरिए बच्चों को नशे से दूर रखने की अपील...

खलारी, संवाददाता। खलारी- कोयलांचल क्षेत्र की आवासीय कॉलोनियों और ग्रामीण इलाकों में नशाखोरी का प्रचलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। विशेष रूप से युवा पीढ़ी, जिसमें छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी शामिल हैं, बच्चे नशे की गिरफ्त में आकर अपने भविष्य को अंधकारमय बना रहे हैं। खलारी- कोयलांचल क्षेत्र का नेहरू स्टेडियम, खलारी रेलवे स्टेडियम, पिपरवार क्षेत्र का स्वाधीनता स्वर्ण जयंती स्टेडियम, डकरा स्टेडियम, खलारी बाजारटांड़, खलारी - मैकलुस्कीगंज-खलारी- पतरातु मुख्य सड़क के किनारे के जंगल और आसपास के जंगल जैसे स्थान नशाखोरी के अड्डे बन गए हैं। इन इलाकों में दारू की बोतलें, कोरेक्स सिरप की शीशियां, गांजा पीने में इस्तेमाल की जानेवाली चीलम, व्हाइटनर और अन्य मादक पदार्थों के रैपर बिखरे हुए मिलते हैं।
जब पैसे की कमी होती है, तो नशे की लत पूरी करने के लिए ये बच्चे आवासीय कालोनी, दुकान समेत अन्य स्थानों पर चोरी जैसी घटनाओं को भी अंजाम देने से नहीं कतराते। समाज और प्रशासन से अपील: खलारी- कोयलांचल क्षेत्र के चिकित्सकों ने समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि इन बच्चों को खेलकूद और शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल कर मुख्यधारा में वापस लाने की पहल करें। खेलकूद और सकारात्मक गतिविधियों से ही इन युवाओं को नशाखोरी से दूर रखा जा सकता है। गांजा की बिक्री पर रोक लगाने की जरूरत: खलारी- कोयलांचल क्षेत्र में गांजा की बढ़ती बिक्री अभिभावकों के लिए गंभीर चिंता का कारण बनी हुई है। अभिभावकों ने खलारी पुलिस से गुप्त रूप से चल रही गांजा की बिक्री पर अविलंब रोक लगाने की मांग की है। नशे की दवाओं की बिक्री पर निगरानी जरूरी: खलारी- कोयलांचल क्षेत्र की मेडिकल दुकानों में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नशे की दवाइयां बेची जा रही हैं। अभिभावक इस पर रोक लगाने के लिए जिला ड्रग्स पदाधिकारी से शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। खेलकूद में पिछड़ता खलारी क्षेत्र: खलारी, जो कभी कोयला उत्पादन और खेलकूद के लिए प्रसिद्ध था, अब नशाखोरी के कारण अपनी पहचान खोता जा रहा है। समाज के हर व्यक्ति को इस समस्या के समाधान के लिए कदम उठाने की जरूरत है ताकि युवा पीढ़ी को बेहतर भविष्य दिया जा सके। कोट---- युवा पीढ़ी के द्वारा लगातार गांजा, व्हाइटनर, नशीली दवाइयां के सेवन करने से बच्चों का नर्वस सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है, जिससे बच्चे मानसिक रुप से बीमार होने लगते हैं इसलिए युवा पीढ़ी को नशाखोरी से बचाना बहुत ही जरूरी है। डॉक्टर संजीव कुमार, चिकित्सक पिपरवार क्षेत्रीय अस्पताल । खलारी कोयलांचल क्षेत्र में नशा की सामग्री की विक्री किए जाने की सूचना अगर किसी के द्वारा मिलती है तो पुलिस उक्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। साथ ही सूचना देनेवालों का नाम गुप्त रखा जाएगा। जयदीप टोप्पो, थाना प्रभारी, खलारी।
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