Challenges in Registration of Migrant Workers in Sahibganj District प्रवासी मजदूरों नहीं कराते निबंधन,परदेश में होती परेशानी, Sahibganj Hindi News - Hindustan
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प्रवासी मजदूरों नहीं कराते निबंधन,परदेश में होती परेशानी

साहिबगंज में प्रवासी मजदूरों की अपेक्षित संख्या का निबंधन नहीं हो पा रहा है। जानकारी और जागरुकता की कमी, आवश्यक दस्तावेजों की अनुपलब्धता और नियोक्ता की दिलचस्पी की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। वर्तमान...

Newswrap हिन्दुस्तान, साहिबगंजThu, 1 May 2025 12:11 AM
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प्रवासी मजदूरों नहीं कराते निबंधन,परदेश में होती परेशानी

साहिबगंज। रोजी-रोटी के लिए परदेश जाने वाले प्रवासी मजदूरों की अपेक्षित संख्या में जिला में निबंधन नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं। इसके पीछे जानकारी या जागरुकता का अभाव या फिर आवश्यक दस्तावेज की कमी प्रमुख कारण बताया जाता है। कुछ मामलों में संबंधित नियोक्ता के दिलचस्पी नहीं लेने से भी प्रवासी मजदूरों को संबंधित सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते इन मजदूरों को दूसरे राज्य में कई बार परेशान उठानी पड़ती है। श्रम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक फिलवक्त जिला में 13,269 प्रवासी मजदूर निबंधित हैं। कोरोना काल में 2021-22 में करीब 40 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर विभिन्न राज्यों से यहां वापस घर लौट आए थे।

उन्हें तत्काल रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा से जोड़ा गया था। लेकिन कुछ दिनों के बाद बाद स्थिति सामान्य होने पर मनरेगा में कम मजदूरी व स्थानीय स्तर पर बेहतर रोजगार उपलब्ध नहीं होने के चलते ये प्रवासी मजदूर वापस दूसरे राज्य चले गए। एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि यहां प्रवासी मजदूरों की संख्या करीब 60 हजार से अधिक है। इनमें से बड़ी संख्या में लोग बिना किसी को बताए स्वेच्छा से रोजगार के लिए जाते हैं। दूसरी से प्रशासन व सरकार से नजर छुपाकर चोरी छुपे नियोक्ता हर दिन मजदूरों को काम दिलाने के नाम पर बाहर ले जा रहे है। बड़ा सवाल है कि जब सरकार प्रवासी मजदूरों को सरकार इतनी सुविधा दे रही है तो वे क्यों नहीं इसका लाभ लेना चाहते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए प्रवासी मजदूर जिला में निबंधन करना क्यों नहीं चाहते हैं। निबंधन के बैगर मजदूरों को परेशानी पिछले दिनों मुंबई में कथित रूप से बांग्लादेशी के संदेह पर हिरासत गए 13 मजदूरों को भले ही यहां के जनप्रतिनिधि की पहचान कर वहां की पुलिस ने तत्काल छोड़ दिया है। लेकिन यदि इन मजदूरों के पास प्रवासी मजदूर का निबंधित कार्ड होता तो ऐसे मजदूरों को किसी पहचान की आवश्यकता नहीं होती। मजदूर निर्भीक होकर कहीं भी काम कर सकते हैं। दो रंग का होता है प्रवासी मजदूर कार्ड दूसरे राज्य में काम के लिए जाने वाले प्रवासी मजदूरों को दो रंग का कार्ड निर्गत किया जाता है। हालांकि यहां ऑनलाइन में सिर्फ लाल रंग का कार्ड निर्गत किया जा रहा है। दरअसल, जो मजदूर स्वेच्छा से काम के लिए दूसरे राज्य में जाते हैं उन्हें लाल कार्ड निर्गत होता है। यदि कोई एजेंसी मजदूरों को काम के लिए बाहर ले जाता है तो वैसे निबंधित प्रवासी मजदूरों को हरा कार्ड मिलता है। यहां से एक भी एजेंसी विधिवत मजदूरों को बाहर नहीं ले जाता है। निबंधित प्रवासी मजदूर प्रखंड निबंधित मजदूर बरहेट 3023 बरहड़वा 3246 बोरियो 841 मंडरो 401 पतना 2063 राजमहल 725 साहिबगंज 556 तालझारी 506 उधवा 1908 छह प्रवासी मजदूरों मिला शव लाने के लिए राशि वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले के छह मजदूरों के मृत्यु होने पर मृत शरीर को निवास स्थान तक लाने के लिए 50-50 हजार प्रति परिवार दिया गया है। हालांकि इनमें से एक मजदूर जो बाद में आवेदन किया था,उन्हें वित्तीय वर्ष 2025-26 में एक लाख रुपए मिला है। प्रवासी मजदूरों को मिलने वाली सुविधा विवरण निबंधित प्र.मजदूर अनिबंधित प्र.मजदूर मृत्यु/अपंगता 200000 150000 -दुर्घटना में दोनों आंख या दो अंग की हानी 200000 150000 -दुर्घटना में एक आंख या एक अंग की हानी 100000 75000 -सामान्य/दुर्घटना मृत्यु होने पर मृत शरीर को लाने तक 50 हजार -मृत शरीर को लाने तक 50 हजार प्रवासी मजदूरों के अधिक से अधिक निबंधन कराने के लिए पंचायत व प्रखंड स्तर पर जनप्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला कराया जा रहा है। प्रचार प्रसार के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी जा रही है। धीरेन्द्रनाथ महतो श्रम अधीक्षक, साहिबगंज।

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