झारखंड के 24 फीसदी हैंडपंप खराब; केंद्र ने चिट्ठी लिख भूजल स्तर की निगरानी के दिए आदेश
झारखंड इन दिनों भीषण गर्मी के चलते पेयजल समस्या और संभावित सूखे की मार झेलता दिख रहा है। इसे देखते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने झारखंड के मुख्य सचिव और विभाग के सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में भूजल स्तर की सख्ती से निगरानी की बात कही है।

झारखंड में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच पेयजल समस्या और संभावित सूखे को देखते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने झारखंड के मुख्य सचिव और विभाग के सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में भूजल स्तर की सख्ती से निगरानी की बात कही है। इधर सामने आया है कि राज्य में 24 फीसदी हैंडपंप खराब हैं। राज्य में जियो टैग आच्छादित कुल हैंडपंप 2,21,445 हैं। इसमें 24.36 फीसदी यानी 53,934 काम नहीं कर रहे हैं।
केंद्र ने चिट्ठी में पाइप जलापूर्ति विहीन क्षेत्रों में हैंडपंप, कुएं, बोरवेल से पानी पहुंचाने की भी बात लिखी है। जिन क्षेत्रों में पाइप जलापूर्ति या सामुदायिक जलशोधन संयंत्रों द्वारा पानी नहीं दिया जा रहा है, वहां हैंडपंप, बोरवेल, कुएं, झरनों, अन्य उन्नत स्रोतों आदि के माध्यम से जलापूर्ति शुरू करने को कहा है।
संवेदनशील क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के लिए रूट मैप के साथ पर्याप्त योजनाएं तैयार करें। गहराइयों पर ट्यूबवेल की ड्रिलिंग की संभावना का आकलन करें। केंद्रीय मंत्रालय ने संभावित सूखे के दौरान ग्रामीण जल आपूर्ति की स्थिति को पूरी तरह से क्रियाशील बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। ताकि घरों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पर्याप्त और सुरक्षित जल आपूर्ति हो सके। केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिव और विभागीय सचिव को ऐसा पत्र लिखा है।