झारखंड हाईकोर्ट ने खत्म किया शिक्षकों के वेतन का भेदभाव; करीब 50 हजार टीचरों की बढ़ेगी सैलरी
अदालत ने विभाग से उम्मीद जताई है कि इस पर जल्द निर्णय लेगा, ताकि शिक्षकों को कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ें। इस आदेश से करीब 50 हजार शिक्षकों को लाभ मिलेगा।

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय प्रसाद ने राज्य में समान काम करने वाले प्राथमिक शिक्षकों को समान वेतन देने का निर्देश दिया है। अदालत ने आदेश में कहा है कि विभाग आठ सप्ताह में इस पर निर्णय लेते हुए इनका भी वेतन वर्ष 2015 में नियुक्त हुए शिक्षकों के समान दे। अदालत ने विभाग से उम्मीद जताई है कि इस पर जल्द निर्णय लेगा, ताकि शिक्षकों को कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ें। अदालत ने उक्त निर्देश के साथ याचिका को निष्पादित कर दिया है।
कोर्ट के आदेश से लगभग 50 हजार शिक्षकों को लाभ मिलेगा। इस संबंध में दिलीप पांडेय सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया था कि वर्ष 2002-03 में जेपीएससी ने शिक्षकों की नियुक्ति की थी। इस दौरान कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों की नियुक्ति एक साथ हुई थी, जिनका ग्रेड पे 4200 था।
वर्ष 2009 में आरटीई एक्ट आने के बाद वर्ष 2012 में सरकार ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनाई। इसमें कक्षा एक से पांच और छह से आठ तक के शिक्षकों की बहाली अलग-अलग कर दी। इनका ग्रेड पे 4600 किया गया। इसके बाद पूर्व में नियुक्त शिक्षकों ने हाईकोर्ट में समान काम के बदले समान वेतन देने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। पूर्व में बहस के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।