झारखंड में कब होगा जातिगत सर्वे? कांग्रेस के सवाल पर मंत्री दीपक बिरुआ ने दिया जवाब
झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने परिवहन, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दीपक बिरुआ से पूछा कि राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण कब कराए जाएंगे। जिसका मंत्री ने जवाब दिया औपर बताया कि कार्मिक विभाग को पहले ही नोडल एजेंसी बनाया जा चुका है।

झारखंड में प्रस्तावित जाति आधारित सर्वे अगले वित्तीय वर्ष में कराया जाएगा, सोमवार को राज्य विधानसभा में एक मंत्री ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए कार्मिक विभाग को पहले ही नोडल एजेंसी बनाया जा चुका है। परिवहन, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दीपक बिरुआ ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव द्वारा उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'सरकार राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण कराने को लेकर गंभीर है। इस संबंध में पिछले साल फरवरी में ही निर्णय लिया जा चुका है। हम अगले वित्तीय वर्ष के दौरान सर्वेक्षण कराने के लिए अपना पूरा प्रयास करेंगे।"
यादव ने सर्वे करने की समय-सीमा के बारे में जानना चाहा। उन्होंने सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा अब तक किए गए कार्य के बारे में भी पूछा। बिरुआ ने कहा कि विभाग ने 4 मार्च को एक एजेंसी को नियुक्त करने के लिए नोटिस जारी किया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस कार्य में कितने लोगों की जरूरत है, काम का स्तर क्या है और वित्तीय पहलू क्या है। उन्होंने कहा, "मैंने कुछ एजेंसियों से बात की है, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा।"
मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष समाप्त होने में कुछ ही दिन बचे हैं। उन्होंने कहा, "मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि सरकार तेलंगाना और बिहार की तर्ज पर अगले वित्त वर्ष में इस कार्य को पूरा करने के लिए सभी प्रयास करेगी।" प्रदीप ने सरकार से सरना अनुयायियों की आबादी का पता लगाने के लिए सरना धार्मिक संहिता को शामिल करने का आग्रह किया।