बेली फैट को कम करने के लिए अग्निसार क्रिया है फायदेमंद, सीख लें करने का तरीका
Reduce Belly Fat Yoga: बढ़ा हुआ, लटका पेट कम करना चाहते हैं तो अग्निसार क्रिया को रूटीन में जरूर शामिल करें। ये योग क्रिया बेली फैट को आसानी से कम करने के साथ ही डाइजेशन को भी इंप्रूव करेगा। जान लें स्टेप बाई स्टेप करने का तरीका।

बेली फैट को कम करना सबसे ज्यादा मुश्किल लगता है। जबकि पेट के आसपास के हिस्से में आसानी से फैट स्टोर होता है। खासतौर पर महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी के बाद बढ़े पेट को कम करना कठिन लगता है क्योंकि पेट की मसल्स ढीली हो जाती हैं। इन ढीली मसल्स को टाइट कर बेली फैट को कम करने में अग्निसार क्रिया मदद करती है। वहीं डाइजेशन इंप्रूव करने और मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने के लिए भी अग्निसार क्रिया फायदेमंद होती है। ये एक तरह की ब्रीदिंग एक्सरसाइज है जो बेली मसल्स को टाइट करती है। जानें कैसे करें अग्निसार क्रिया।
अग्निसार क्रिया स्टेप बाई स्टेप करने का तरीका
-अग्निसार क्रिया करने के लिए सबसे पहले सांस को भरें और साथ ही पेट को अंदर की तरफ खींचे।
-फिर सांस को छोड़ें लेकिन पेट को अंदर की तरफ खींच कर रखें।
-इसी तरह से दो से तीन बार सांस को इनहेल और एक्सहेल करें और अंदर की एयर को पूरी तरह से बाहर कर दें।
-ध्यान रहे कि पेट अंदर की तरफ ही खिंचा रहे।
-अब सांस को रोककर पेट को अंदर-बाहर करें।
-फिर सांस को बाहर छोड़ दें।
-ये क्रिया कई दिन और महीनों की प्रैक्टिस के बाद ही पूरी होगी। लेकिन सांस को रोककर पेट अंदर करने का प्रयास करना रोजाना शुरू करें।
अग्निसार क्रिया करने के फायदे
-इससे बेली फैट को घटाने के साथ ही स्टमक की मसल्स को टाइट करने में मदद मिलती है।
-अग्निसार क्रिया मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।
-डाइजेशन को इंप्रूव करने में मदद मिलती है।
-एनर्जी लेवल बढ़ता है।
-गट हेल्थ इंप्रूव होती है।
- एब्डॉमिनल मसल्स या कोर मसल्स को टाइट करने मदद मिलेगी।
अग्निसार क्रिया करने के दौरान सावधानियां
अग्निसार क्रिया करने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
-हमेशा पूरी तरह से खाली पेट में ही अग्निसार क्रिया करनी चाहिए। खाना खाने के लगभग 4 घंटे बाद। इसलिए सुबह के वक्त इसे करना सबसे अच्छा होता है।
-सुबह के वक्त अग्निसार क्रिया करने का एक और फायदा है कि इस वक्त सूरज का ताप कम होता है जिससे शरीर में भी गर्मी कम बनती है।
-अग्निसार क्रिया काफी सारी प्रैक्टिस के बाद ही हो पाता है। इसलिए शुरुआत में जल्दीबाजी करने की जरूरत नही है। रोजाना अभ्यास से ये आसान होगा।
-इस योग क्रिया को बहुत ज्यादा देर तक नहीं करना चाहिए। इससे शरीर में कमजोरी महसूस हो सकती है।
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