पसीना खोल सकता है सेहत से जुड़े 7 राज, ऐसे लगाएं पता
क्या आप जानते हैं पसीने का काम सिर्फ शरीर की गर्मी को बैलेंस रखकर बॉडी को कूल रखना ही नहीं होता है। बल्कि इसके कम या ज्यादा होने पर आप सेहत से जुड़ी कुछ समस्याओं का भी पता लगा सकते हैं।

तेज धूप, जिम में घंटों का वर्कआउट या किचन की गर्मी में खड़े रहकर पकाना हो खाना, ज्यादा या कम लेकिन पसीना सब लोगों को आता है। शरीर के बढ़ते तापमान को कंट्रोल करने का यह अपना एक प्राकृतिक तरीका है। व्यक्ति को आने वाला पसीना ना सिर्फ बॉडी को कूल बनाए रखता है बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी बाहर निकालने का जरिया होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं पसीने का काम सिर्फ शरीर की गर्मी को बैलेंस रखकर बॉडी को कूल रखना ही नहीं होता है। बल्कि इसके कम या ज्यादा होने पर आप सेहत से जुड़ी कुछ समस्याओं का भी पता लगा सकते हैं। रजोनिवृत्ति से लेकर तनाव और चिंता तक, कौन सी चिकित्सा स्थिति में आपको कब कैसा पसीना आ सकता है और कब व्यक्ति का पसीना उसे किसी गंभीर चिकित्सा स्थिति का संकेत देता है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है, इस आर्टिकल में इन सब बातों को पढ़ेंगे। आइए जानते हैं आपका पसीना आपकी सेहत से जुड़े कौन से राज खोलता है।
सेहत से जुड़े ये 7 राज खोलता है पसीना
सामान्य पसीना (एक्रिन)-यह हल्का, पानी जैसा पसीना होता है, जो गर्मी के दिनों में तापमान बढ़ने या व्यायाम, एक्सरसाइज की वजह से एक्टिव रहने पर निकलता रहता है। इस प्रकार का पसीना शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
नमक वाला पसीना
अगर पसीना सूखने के बाद त्वचा पर सफेद दाग या नमक की परत नजर आए तो यह डिहाइड्रेशन की कमी की तरफ इशारा हो सकता है। ऐसे व्यक्ति को पानी का सेवन अच्छी मात्रा में करना चाहिए।
हाइपरहाइड्रोसिस
अगर किसी व्यक्ति को बिना किसी स्पष्ट कारण के बहुत ज्यादा पसीना आता है, तो यह हाइपरहाइड्रोसिस नामक स्थिति का संकेत हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पसीने की ग्रंथियां अति सक्रिय हो जाती हैं। जिससे शरीर में अत्यधिक पसीना आता है। यह नसों या हार्मोन से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।
तनाव से होने वाला पसीना (एपोक्राइन)- इस तरह का पसीना आमतौर पर गाढ़ा होता है। इस पसीने में वसा की मात्रा भी मौजूद होती है। यह अत्यधिक तनाव के समय उत्पन्न होता है और व्यक्ति के बगल, खोपड़ी और कमर के आसपास शरीर के बालों की जड़ों से आता है।
कम पसीना आना
अगर किसी व्यक्ति को कम पसीना आता है तो एनहाइड्रोसिस का संकेत हो सकता है। जिसकी वजह से शरीर का तापमान बढ़ सकता है। यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।
पसीने की तेज गंध
पसीने की गंध आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण पैदा होती है, लेकिन कुछ मामलों में, यह मधुमेह या थायरॉयड समस्याओं का भी संकेत हो सकती है। अगर आपके पसीने से तेज और अलग तरह की गंध आए तो यह डायबिटीज या हार्मोनल समस्या की तरफ इशारा हो सकता है।
पसीने का रंग
पसीना आमतौर पर पानी, नमक और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स का मिश्रण होता है, इसलिए इसका रंग साफ या हल्का पीला होता है। लेकिन अगर यही रंग नीला, पीला या लाल हो तो यह क्रोमहाइड्रोसिस जैसे दुर्लभ रोगों का संकेत भी हो सकता है।इसके अलावा कुछ बैक्टीरिया पसीने में मौजूद पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करके भी पीले रंग के धब्बे बना सकते हैं।
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