कहीं नहाते हुए आप भी तो नहीं करते पेशाब? जानें कैसे खतरनाक हो सकती हैं ये आदत
कुछ लोग अक्सर नहाते हुए ही पेशाब करने लगते हैं। अब ये आदत भले ही आपको सामान्य लगे लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे खतरनाक है ये आदत।

नहाना हम सभी के डेली रूटीन का हिस्सा है और इस दौरान कई बार हम कुछ ऐसी चीजें भी कर बैठते हैं, जो सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। ऐसी ही एक गलत आदत है नहाते समय पेशाब करना। अब यह बहुत सामान्य है और इसमें कुछ भी बहुत सोचने समझने वाला तो नहीं लगता है। लेकिन इसके परिणाम गम्भीर जरूर हो सकते हैं। जी हां, एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह मामूली सी लगने वाली आदत आपके लिए बहुत नुकसानदायक भी हो सकती है। तो चलिए जानते हैं इसके साइड इफेक्ट्स ताकि आप अगली बार ये दोनों काम एक साथ निपटाने की भूल ना करें।
ब्लैडर की नेचुरल ट्रेनिंग बिगड़ती है
जब आप अक्सर शॉवर लेते समय पेशाब करते हैं, तो धीरे-धीरे इसकी आदत पड़ जाती हैऔर आगे चलकर, सिर्फ पानी की आवाज से ही आपको पेशाब लग सकता है। दरअसल हमारा दिमाग और शरीर एक पैटर्न के आधार पर काम करता है। जब आप बार-बार शॉवर में पेशाब करते हैं, तो दिमाग पानी की आवाज को पेशाब के सिग्नल से जोड़ने लगता है। इससे भविष्य में जब भी आप पानी की आवाज़ सुनेंगे– जैसे नल खुलने पर या बारिश की आवाज सुनते ही, पेशाब करने की इच्छा जाग सकती है। यह आदत ब्लैडर की कंट्रोलिंग क्षमता को कमजोर कर सकती है। खासकर ऐसे लोग जो पहले से ही ब्लैडर से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए ये आदत और भी नुकसानदायक हो सकती है।
पेल्विक फ्लोर मसल्स पर पड़ता है दबाव
पेशाब करने के लिए शरीर को सही पोजीशन में रखना बहुत जरूरी है। खासतौर पर महिलाओं के लिए बैठकर पेशाब करना ज्यादा नेचुरल और सुरक्षित माना जाता है। लेकिन जब आप शॉवर में खड़े होकर पेशाब करते हैं, तो पेल्विक फ्लोर मसल्स पर असामान्य दबाव पड़ता है। लंबे समय तक ऐसा करते रहने से ये मसल्स कमजोर हो सकती हैं, जिससे ब्लैडर की कंट्रोलिंग पावर कमजोर हो सकती है। इस वजह से यूरिन लीक होने की समस्या हो सकती है।
यूटीआई (UTI) इंफेक्शन का हो सकता है खतरा
शावर लेते समय पेशाब करने से यूटीआई इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ सकता है। खासतौर पर महिलाओं को तो शावर में खड़े होकर कभी भी पेशाब नहीं करना चाहिए। दरअसल एक्सपर्ट्स के मुताबिक महिलाओं के शरीर का स्ट्रक्चर इस प्रकार होता है कि अगर वो खड़े होकर पेशाब करेंगी तो यूरिन पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाएगा, जिस वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा बढ़ जाता है।
यूरिनरी सिस्टम की सेंसटिविटी पर पड़ता है असर
शावर लेते समय पेशाब करने की आदत यूरिनरी सिस्टम की सेंसिटिविटी पर भी असर डाल सकती है। दरअसल जब बिना जरूरत की सिर्फ एक आदत के तौर पर आप शॉवर लेते समय पेशाब करते हैं, तो इसकी वजह से यूरिनरी सिस्टम काफी सेंसिटिव होने लगता है। इस वजह से ब्लैडर में थोड़ा सा भी यूरिन बनने पर दिमाग टॉयलेट जाने का संकेत देने लगता है। ऐसे में आपको बार-बार टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होती है, जिसका असर आपके लाइफ स्टाइल पर भी पड़ता है।
बन जाती है एक आदत जिससे छुटकारा मुश्किल
शॉवर में पेशाब करना शुरुआत में 'कभी-कभार' की चीज लगती है, लेकिन धीरे-धीरे यह एक रूटीन बन जाती है जिसे छोड़ पाना आसान नहीं होता। ऐसे में जब भी आप नहाने जाते हैं, शरीर खुद-ब-खुद पेशाब करने का संकेत देने लगता है, भले ही इसकी जरूरत ना हो। ये आदत आपकी मानसिक और शारीरिक आदतों को इस हद तक प्रभावित कर सकती है कि आपको पेशाब रोकना मुश्किल लगने लगता है। ऐसे में किसी डिफिकल्ट सिचुएशन में फंसने पर आपके लिए मुश्किल हो सकती है।
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