गर्मियों में ज्यादा नॉनवेज खाने वाले हो जाएं सावधान, घेर सकते हैं 7 रोग
Side Effects Of Eating Too Much Non-Veg Food: गर्मियों में शरीर के लिए हल्का और ठंडा भोजन पचाना आसान होता है, जबकि इस मौसम में जरूरत से ज्यादा नॉन-वेज खाने से आपको स्वाद भले ही मिल जाए लेकिन साथ ही कई समस्याएं भी अपना शिकार बना सकती हैं। आइए जानते हैं कैसे ।

वींकेड हो या बच्चों की गर्मी की छुट्टियां, अगर आप नॉनवेज लवर हैं तो आपको अलग-अलग मौकों पर नॉनवेज डिश ट्राई करने का बहाना चाहिए होगा। गर्मियों में नॉन-वेज खाना भले ही स्वादिष्ट लग सकता है, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जी हां, आसान शब्दों में कहें तो, नॉनवेज का स्वाद आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। दरअसल, गर्मियों में शरीर के लिए हल्का और ठंडा भोजन पचाना आसान होता है, जबकि इस मौसम में जरूरत से ज्यादा नॉन-वेज खाने से आपको स्वाद भले ही मिल जाए लेकिन साथ ही कई समस्याएं भी अपना शिकार बना सकती हैं। आइए जानते हैं कैसे ।
ज्यादा नॉनवेज खाने के 7 बड़े नुकसान
पाचन संबंधी समस्याएं
नॉनवेजिटेरियन फूड जैसे मटन, चिकन और मछली, प्रोटीन और फैट रिच फूड होते हैं, जिसे पचाने में शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। गर्मियों में पाचन तंत्र धीमा हो जाता है। ऐसे में ज्यादा तला-भुना या मसालेदार नॉन-वेज खाने से व्यक्ति को कब्ज, एसिडिटी, गैस, अपच, और पेट में भारीपन की शिकायत हो सकती है। इसलिए गर्मियों में हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन खाना चाहिए और अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए।
शरीर में गर्मी बढ़ना
गर्मियों में नॉन-वेज फूड का अधिक सेवन शरीर में गर्मी पैदा कर सकता है। नॉन-वेज को 'हीटिंग फूड' माना जाता है, और इसे पचने में समय लगता है, जिससे शरीर का तापमान बढ़ सकता है। शरीर की गर्मी बढ़ने से व्यक्ति को पसीना, चक्कर आना, या थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इतना ही नहीं ऐसा करने से त्वचा पर चकत्ते, मुंहासे, या खुजली की शिकायत भी हो सकती है।
डिहाइड्रेशन का खतरा
गर्मियों में नॉन-वेज का अधिक सेवन डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ा सकता है। नॉन-वेज को पचाने के लिए शरीर को अधिक पानी की जरूरत होती है। गर्मियों में पहले से ही बॉडी में डिहाइड्रेशन का खतरा बना रहता है। ऐसे में नॉन-वेज का अधिक सेवन यह खतरा और बढ़ सकता है। जिससे व्यक्ति को सिरदर्द, कमजोरी, या पेशाब में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी जोखिम
रेड मीट (मटन, बीफ) और प्रोसेस्ड मीट (सॉसेज, बेकन) में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है। गर्मियों में इस तरह के नॉन-वेज फूड को खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा फ्राइड नॉन-वेज खाने से मोटापे की समस्या भी हो सकती है।
संक्रमण और फूड पॉइजनिंग
गर्मियों में नॉन-वेज को अगर सही तापमान पर स्टोर न किया जाए तो यह जल्दी खराब हो सकता है। ऐसे में अधपका मांस या मछली खाने से बैक्टीरियल इंफेक्शन (जैसे सैल्मोनेला या ई. कोलाई) का खतरा बढ़ता है। जिससे उल्टी, दस्त, या पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
किडनी पर अतिरिक्त दबाव
जब आप जरूरत से ज्यादा प्रोटीन खाते हैं, तो शरीर को इसे पचाने और मेटाबोलाइज करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है, जिससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। गर्मियों में पानी की कमी और ज्यादा प्रोटीन का सेवन किडनी स्टोन या यूरिन इंफेक्शन का खतरा बढ़ा सकता है।
एलर्जी और त्वचा की समस्याएं
कुछ लोगों को नॉन-वेज, खासकर सीफूड, से एलर्जी हो सकती है, जो गर्मियों में और बढ़ सकती है। नॉन-वेज का अधिक सेवन उनके लिए त्वचा पर रैशेज, खुजली, या मुंहासे का कारण बन सकता है।
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