मन रहेगा खुश तो तन रहेगा तंदुरुस्त, जानिए मानसिक तौर पर खुद को फिट रखने के तरीके Ways to keep yourself mentally fit to stay healthy

मन रहेगा खुश तो तन रहेगा तंदुरुस्त, जानिए मानसिक तौर पर खुद को फिट रखने के तरीके

  • शारीरिक सेहत पर तो खूब बातें होती हैं, पर मन की सेहत को लोग अकसर अनदेखा कर देते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि तन और मन दोनों की सेहत आपस में जुड़े हुए हैं। कैसे इस पहेली को सुलझाएं, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी

Avantika Jain हिन्दुस्तानSat, 5 April 2025 01:38 PM
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मन रहेगा खुश तो तन रहेगा तंदुरुस्त, जानिए मानसिक तौर पर खुद को फिट रखने के तरीके

बढ़ती उम्र और बीमारियों का डर। एक बारगी हमें अपनी शारीरिक सेहत पर ध्यान देने, उस ओर सोचने पर मजबूर करती है। पर, मानसिक सेहत कहीं पीछे छूट जाती है। पर क्या आप यह जानती हैं कि हमारी शारीरिक सेहत काफी हद तक हमारी मानसिक सेहत पर निर्भर करती है? तनाव से हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा आम हो चुका है। मनोचिकित्सक डॉ. स्मिता श्रीवास्तव बताती हैं कि कई बार तो सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन का तेज होना, मांसपेशियों में तनाव, थकान, सिरदर्द, पेट से जुड़ी समस्याओं सरीखे लक्षण चिंता और तनाव के कारण आते हैं। भारत में महिलाओं के साथ ये समस्याएं ज्यादा हैं। आंकड़े बताते हैं कि प्रत्येक दस में से छह महिलाएं अपने जीवनकाल में कभी न कभी अवसाद से गुजरती हैं। इतना ही नहीं, सर्वेक्षण बताते हैं कि 77 फीसदी भारतीय नियमित रूप से तनाव के कम से कम एक संकेत को प्रदर्शित करते हैं। रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि ऑफिस में विशेष रूप से जेनरेशन जेड महिलाओं की सेहत का स्तर गिरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो 3.8 करोड़ भारतीय चिड़चिड़ेपन के शिकार हैं। इसके लक्षण शारीरिक सेहत पर नींद आने में परेशानी, घबराहट, जरूरत से ज्यादा चिंता, जी मिचलाना, अप्रिय घटना की आशंका आदि के रूप में असर डालते हैं। मानसिक और शारीरिक सेहत के बीच बेहतर सामंजस्य बिठाने में कुछ बातें मददगार साबित हो सकती हैं:

महसूस करें बेहतर

तनाव, चिड़चिड़ापन, अवसाद, अरुचि आप कब महसूस करती हैं? जब आप सकारात्मक, सार्थक महसूस नहीं कर रही होती हैं। लिहाजा, खुद को ऐसे काम में मसरूफ करें जो आप आपको अच्छा महसूस कराने के साथ ही सार्थक भी लगे। इस बाबत डॉ. स्मिता कहती हैं कि जब हम अपनी रुचि का काम करते हैं, तब हमारे शरीर में एंडोर्फिन नाम के हार्मोन का स्राव होता है, जिसे हम गुड हार्मोन भी कहते हैं। ऐसा करके आप खुश रहने की ओर कदम बढ़ा पाएंगी और खुद की मानसिक सेहत को दुरुस्त रख पाएंगी।

व्यायाम आएंगे काम

अध्ययन कहते हैं कि व्यायाम आपके दिमाग को थकान के प्रति अधिक प्रतिरोधी बनाता है। अपनी दिनचर्या में व्यायाम को जगह दीजिए। दिन में योग, प्राणायाम, व्यायाम जो कुछ भी आपको अच्छा लगे, वह कर लीजिए। रात में बिस्तर पर जाने से पहले कुछ प्रयोग कर सकती हंै। आप ध्यान कर सकती हैं, अपनी आस्था के मुताबिक जाप कर सकती हैं। उसके साथ शवासन भी आपके शरीर के साथ ही मन को भी शांत करने में मददगार साबित होता है। आप उसे भी कर सकती हैं।

थोड़ा आलस भी है जरूरी

हम ढेर सारा काम करते हैं। पूरे हफ्ते दौड़ते हैं। यहां तक कि अपने खाली पलों में भी कभी इंटरनेट तो कभी कुछ और कामों में व्यस्त रहते हैं। बेहतर होगा कि हम हफ्ते भर के कामों का नियोजन करें और खुद के आराम, खुद को तरोताजा रखने के लिए समय निकालें। आपका ऐसा करना आपको मानसिक थकान से बचाएगा।

स्क्रीन से रहें दूर

आंकड़े बताते हैं कि जेनरेशन जेड इंस्टाग्राम पर प्रतिदिन औसतन 45 मिनट बिताता है जो कि प्रति सप्ताह 6 घंटे के बराबर है। विभिन्न शोध इस बात की तसदीक करते हैं कि सोशल मीडिया लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकरात्मक प्रभाव डालता है। लिहाजा, बेहतर होगा कि खासतौर से रात में स्क्रीन से दूरी बनाकर रखी जाए। जानकार बताते हैं कि मेलाटोनिन हार्मोन नींद के लिए जिम्मेदार होता है, जिसका स्राव अंधेरे में ही होता है। आंखों पर रोशनी पड़ने से इसका स्राव कम हो जाता है, नतीजा नींद में कमी।

ये भी आजमाएं

खुद के लिए ऐसे काम चुनें, जिसे करने में आपको मजा आए।

प्राथमिकता के मुताबिक काम चुनें और उन्हें नियोजित रूप से पूरा करें। खुद को काम और जिम्मेदारियों के बोझ में न डुबोएं।

लोगों को ना कहना भी सीखें। हर किसी को हर काम के लिए हामी भरने के कारण आप पर जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ने लगता है और धीरे-धीरे आपकी यह आदत आपके लिए आफत बन जाती है।

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