बच्चों को इस धातु के बर्तन में खिलाएं खाना, दिमाग होता है तेज, बढ़ती है यादाश्त
आयुर्वेद के अनुसार यदि किसी खास किस्म की धातु के बर्तन में बच्चों को खाना खिलाया जाए, तो उनका दिमागी विकास बेहतर होता है। ये बच्चों की यादाश्त और फोकस दोनों को इंप्रूव करने में मदद कर सकते हैं।

हर मां-बाप की ये चाहत होती है कि उनका बच्चा पढ़ाई-लिखाई में तेज हो और आगे चलकर कुछ तो बड़ा करे। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे की फिजिकल ग्रोथ के साथ-साथ मेंटल ग्रोथ का भी पूरा ध्यान रखा जाए। इसके लिए आप बच्चों की डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ छोटे बदलाव कर सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खानपान के अलावा भी अगर बच्चों को खास किस्म के बर्तनों में खाना दिया जाए, तो उनका दिमागी विकास अच्छा होता है। आयुर्वेद में तो किसी खास परेशानी से बचने के लिए किसी एक किस्म की धातु के बर्तन में खाना खाना बहुत ही इफेक्टिव माना जाता है। तो चलिए आयुर्वेद से ही जानते हैं बच्चों को किस धातु के बर्तन में खाना देने से बेहतर होता है उनका मानसिक विकास।
तांबे का बर्तन, दिमाग को करेगा तेज
बच्चों के बेहतर मानसिक विकास में तांबे का बर्तन बहुत फायदेमंद हो सकता है। दरअसल तांबा एक ऐसी धातु है जो दिमाग के विकास के लिए जरूरी माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स प्रदान कर सकता है। यदि आप बच्चे को सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा पानी पिलाते हैं, तो यह शरीर को डिटॉक्स करता है और ब्रेन सेल्स को एक्टिव करने में मदद करता है। इससे उनकी मेमोरी पावर स्ट्रांग होने में तो हेल्प मिलती ही है, साथ ही बच्चे मेंटली बहुत एक्टिव हो जाते हैं। इसके लिए बस रात में तांबे के बर्तन में पानी भर कर रख दें। सुबह इस पानी को बच्चे को पीने के लिए दें।
कांसे का बर्तन भी दिमाग के लिए फायदेमंद
कांसे के बर्तन में खाना खाने से बच्चों का दिमाग तेज होने में मदद मिलती है। दरअसल आयुर्वेद में कांसा धातु को सबसे पवित्र और हेल्दी धातुओं में से एक माना गया है। कहा जाता है कि कांसे की थाली में खाना खाने से खाना जल्दी पचता है। इसके साथ ही इसमें खाने से शरीर, खाने में मौजूद सभी पोषक तत्वों को अच्छे से अब्जॉर्ब करता है, जिससे बच्चे की शारीरिक और मानसिक हेल्थ पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है।
मिट्टी के बर्तन में खाने से मिलता है लाभ
मिट्टी का बर्तन भी हेल्थ के लिहाज से काफी फायदेमंद है। खासतौर पर बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए मिट्टी का बर्तन तो किसी वरदान से कम नहीं। मिट्टी के बर्तन में बना खाना ना सिर्फ बेहद स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह पोषण से भरपूर होता है। मिट्टी से मिलने वाले मिनरल्स, शरीर में कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन लेवल को बैलेंस करने में मदद करते हैं, जिससे बच्चे को हेल्थी ग्रोथ मिलती है, जिसका पॉजिटिव असर उनके ब्रेन पर पड़ता है।
लोहे का बर्तन भी है हेल्दी विकल्प
बच्चे की मेंटल ग्रोथ के लिए उन्हें नियमित तौर पर लोहे के बर्तन में बना खाना जरूर खिलाएं। दरअसल लोहा शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे ब्रेन तक ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर तरीके से होती है। आयुर्वेद के अनुसार बच्चों को अगर नियमित रूप से लोहे के बर्तन में बना खाना दिया जाए, तो वे बहुत अधिक एक्टिव, एनर्जी से भरपूर होते हैं, साथ ही उनकी कंसंट्रेशन पावर बूस्ट होने में भी मदद मिलती है।
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