तेज दिमाग के लिए बच्चों से रोज सुबह जरूर कराएं ये 5 काम, पढ़ाई ही नहीं जीवन में भी रहेंगे आगे
बच्चे के मॉर्निंग रूटीन में आप कुछ ऐसी चीजें एड कर सकते हैं, जो उनके ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाने में हेल्प कर सकती हैं। बचपन से ही अपनाई गई ये हैबिट्स बच्चे के लाइफ टाइम तक उसके लिए बहुत हेल्पफुल साबित होंगी।

अच्छी फिजिकल और मेंटल हेल्थ, दोनों के लिए ही एक अच्छे मॉर्निंग रूटीन का होना बेहद जरूरी है। खासतौर से बच्चों के लिए तो यह और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है क्योंकि यह उनकी ग्रोथ स्टेज होती है। ऐसे में बच्चों के मॉर्निंग रूटीन में अगर कुछ हैबिट्स को एड कर दिया जाए तो उनकी ब्रेन ग्रोथ को और भी ज्यादा इंप्रूव किया जा सकता है। दरअसल सुबह का समय काफी प्रोडक्टिव हो सकता है और यदि इसे सही से इस्तेमाल किया जाए तो ब्रेन फंक्शन पर भी पॉजिटिव असर देखा जा सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही हैबिट्स के बारे में बता रहे हैं, जो बच्चों के ब्रेन डेवलपमेंट के लिए काफी हेल्पफुल हो सकती हैं।
बच्चों से जाहिर करें अपना प्यार
सुबह का समय पूरे दिन पर असर डालता है इसलिए कोशिश करें कि बच्चे के दिन की शुरुआत प्यार के साथ हो। इसके लिए बच्चे को तुरंत बेड से ना उठाएं बल्कि खुद भी उसके पास पांच मिनट के लिए बैठ जाएं। इस दौरान उसे ढेर सारी हग्स दें, किस करें और कडल करें। बताएं कि आप उन्हें कितना प्यार करते हैं और कैसे वो स्पेशल हैं। इस छोटी सी हैबिट से बच्चे के दिन की शुरुआत प्यार की भावना से होगी, जिससे उसका सारा दिन अच्छा जाएगा। साथ ही उसके ब्रेन में 'ऑक्सीटोसिन' हार्मोन भी रिलीज होगा, जो ब्रेन ग्रोथ के लिए काफी अच्छा है।
सुबह के रूटीन में शामिल करें रीडिंग
सुबह के समय बच्चों के रूटीन में कुछ समय रीडिंग के लिए भी निकालें। इस दौरान जरूरी नहीं कि आप उन्हें स्कूली किताबें ही पढ़ने को दें। बल्कि उन्हें ऐसी किताबें दें जिन्हें वो शौक से पढ़ें ताकि बच्चों में रीडिंग हैबिट डेवलप हो। इसके लिए अच्छी कहानियों से बेहतर कुछ नहीं। ऐसी कहानियां चुनें जो बच्चे को कुछ सिखाती हों। इससे ना सिर्फ बच्चे में पढ़ने के प्रति शौक पैदा होगा बल्कि उसका ब्रेन अच्छी चीजों को जल्दी रिसीव भी करेगा और ये बातें उसके व्यवहार में बैठ जाएंगी।
माइंडफुल मेडिटेशन से हो दिन की शुरुआत
दिमाग को शांत रखने और उसका फोकस और कंसंट्रेशन बढ़ाने के लिए मेडिटेशन से बेहतर कुछ नहीं। ऐसे में बच्चे के मॉर्निंग रूटीन में भी आप कुछ देर मेडिटेशन के लिए निकाल सकते हैं। इसके लिए आप बेहद सिंपल सी शुरुआत कर सकते हैं जैसे डीप ब्रीदिंग यानी गहरी सांस लेना या फिर कुछ मिनटों के लिए गाइडेड मेडिटेशन। सुबह की शुरुआत मेडिटेशन से करने पर बच्चों का ब्रेन फंक्शन इंप्रूव होता है। उनका फोकस और कंसंट्रेशन बढ़ती है और स्ट्रेस भी कम होता है।
बच्चे से बुलवाएं अफर्मेशन
अफर्मेशन यानी खुद के बारे में पॉजिटिव बातें बोलना। यह एक बहुत सिंपल और पावरफुल टूल है, जिसके जरिए आप बच्चों को मेंटली स्ट्रांग और कॉन्फिडेंट बना सकते हैं। आप जो भी क्वालिटीज अपने बच्चे में चाहते हैं या आपके हिसाब से बच्चे को जिन भी चीजों को अपनी पर्सनेलिटी में एड करने की जरूरत है, उनकी एक लिस्ट बनाएं और उन्हीं के आधार पर अफर्मेशन तैयार करें। रोज सुबह बच्चे के उठने पर उससे वही बातें दोहराने को कहें, उदहारण के लिए - 'मैं बहुत कॉन्फिडेंट हूं।' जब बच्चा अपने बारे में ऐसी पॉजिटिव बातों के साथ दिन की शुरुआत करता है तो खुद के बारे में भी वैसा ही फील भी करता है।
मेंटल और फिजिकल वर्कआउट करें शामिल
बच्चे की फिजिकल और मेंटल ग्रोथ दोनों अच्छी हों, इसके लिए आप उनके मॉर्निंग रूटीन में इनसे जुड़ी एक्टिविटीज एड कर सकते हैं। इसके लिए आप आधे से एक घंटे का टाइम फिक्स कर सकते हैं। कोशिश करें कि बच्चा नेचर में कुछ देर गुजारे और थोड़ा फिजिकल वर्कआउट करें। रही मेंटल वर्कआउट की बात तो उसके लिए आप बच्चे से कुछ ब्रेन गेम्स खेलने को कह सकते हैं। इसमें किसी तरह की पहेली-पजल या सवाल सॉल्व करना हो सकता है। सिंपल इतना भी कर सकते हैं कि बच्चे से अपने कल के दिन के दिन के बारे में 5 बातें याद कर के लिखने को कहें। इससे ब्रेन फंक्शन इंप्रूव होने में मदद मिलती है।
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