देवेंद्र फडणवीस बोले- शिवसेना को ही दे रहे थे CM पद, बताया क्यों छूटा 2014 में साथ
- चुनाव के नतीजों का ऐलान हुआ, तो भाजपा को 122 सीटें मिली थीं। जबकि, अलग चुनाव लड़ रही उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली अविभाजित शिवसेना ने तब अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस से हाथ मिला लिया था। इसके बाद ठाकरे राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुलासा किया है कि आखिर क्यों तब अविभाजित शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी अलग हुए थे। उन्होंने यह भी दावा किया है कि भाजपा ने तब शिवसेना को मुख्यमंत्री बनाने का भी मौका दिया था, लेकिन असहमति के चलते दोनों दल अलग हो गए। साल 2014 में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ा था। वहीं, 2022 में शिवसेना टूट गई थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम फडणवीस ने कहा, 'हम गठबंधन की बात शुरू हुई, तब उस समय की शिवसेना ने अपने मन में फैसला कर लिया था कि उसे 151 सीटों पर चुनाव लड़ना है। जबकि, हमारा प्रस्ताव था कि हम 127 सीटों पर लड़ेंगे और शिवसेना 147 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हम बची हुई सीटों को गठबंधन की अन्य साझेदारों को देंगे।'
दावा- शिवसेना को दे रहे थे CM पद
उन्होंने यह भी बताया है कि भाजपा ने सत्ता साझेदारी का फॉर्मूला रखा था और शिवसेना को CM पद मिलना था। रिपोर्ट के अनुसार, फडणवीस का कहना है कि शिवसेना समझौता करने के लिए तैयार नहीं थी, जिसके चलते चर्चा आगे नहीं बढ़ सकी।
उन्होंने कहा, ‘इस वजह से मामला आगे नहीं बढ़ सका। जबकि, हमने उन्हें बहुत समझाया कि हम 127 सीटों पर लड़ेंगे और आप 147 सीटों पर लड़ें, आपका सीएम होगा और हम डिप्टी सीएम पद रख लेंगे...। वे समझौता करने के लिए तैयार ही नहीं थे।’