पहलगाम हमले के बाद MP की दरगाह में सुंदरकांड, शाहबुद्दीन से श्यामलाल बन गया सेवक
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक दरगाह में ना सिर्फ सुंदरकांड का पाठ हुआ बल्कि इस दरगाह के सेवक जो कभी हिन्दू से मुसलमान बन गए थे, उन्होंने अब दोबारा हिन्दू धर्म अपना लिया है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मध्य प्रदेश से बड़ी घटना सामने आई है। यहां एक दरगाह में ना सिर्फ सुंदरकांड का पाठ हुआ बल्कि इस दरगाह के सेवक जो कभी हिन्दू से मुसलमान बन गए थे, उन्होंने अब दोबारा हिन्दू धर्म अपना लिया है। मामला कुलकर्णी नगर भट्ठा का है। यहां एक दरगाह है जहां कुछ समय पहले तक कव्वाही की गूंज गूंजती थी। लेकिन अब यहां सुंदर कांड का पाठ हुआ है। इसके अवाला यहां के सेवक ने भी दोबारा घर वापसी करते हुए हिन्दू धर्म अपना लिया है। ये सब शुरू हुआ एक वायरल वीडियो से, जिसमें पार्षद जीतू यादव इस दरगाह को अवैध बता रहे थे।
वहीं दरगाह, जो पहले महज 10x10 फीट की थी, अब 1000 से 2000 स्क्वायर फीट में फैल चुकी है। पार्षद जीतू यादव ने जब इसका विरोध किया था तो स्थानीय लोग एक हो गए और नज़ारा ही बदल गया टीम जब मौके पर पहुंचे, तो वहां का दृश्य बदला हुआ था। दरगाह में सुंदरकांड का पाठ हो रहा था, लोग पूरी श्रद्धा में इससे जुड़े हुए थे, और प्रसाद बांटा जा रहा था। इसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई। दो मिनट का मौन, आंखों में नमी और दिलों में देश के लिए सम्मान ये दृश्य हर किसी को भावुक कर देने वाला था।
वीडियो में जिस शख्स को जीतू यादव ने फटकार लगाई, उसने बाद में न सिर्फ अपना धर्म परिवर्तन किया, बल्कि खुद यह घोषणा भी की कि अब यहां कव्वाली कभी नहीं होगी, यहां सिर्फ हनुमान चालीसा गूंजेगी।
दरगाह का सेवक श्यामलाल ने बताया था कि वह पहले हिंदू थे जिसके बाद वह इस दरगाह की सेवा करते-करते उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया था लेकिन पहलगाम का जो आतंकी हमला हुआ उसके बाद उसे आतंकवादियों से नफरत हुई और उसने फिर से हिंदू धर्म अपना लिया है।
श्यामलाल से बन गए थे शाहबुद्दीन
दरअसल इंदौर के कुलकर्णी नगर में रहने वाले श्यामलाल निनोरी क्षेत्र की ग्वालियर ऑयल मिल की जमीन पर बनी सैयद निजामुद्दीन की दरगाह पर देखरेख करते थे, जहां क्षेत्रीय लोगों ने उन्हें मुस्लिम मान लिया। जहां लोगों ने श्यामलाल का नाम बदलकर शाहबुद्दीन कर दिय और श्यामलाल भी खुद को शहाबुद्दीन मानने लगे और पिछले 40 सालों से निजामुद्दीन दरगाह की सेवा में लगे रहे।
पिछले दिनों पहलगाम में हुए हादसे में मारे गए हिन्दू परिवारों की मौत से दुखी होकर शाहबुद्दीन उर्फ श्यामलाल का हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने क्षेत्रीय पार्षद जीतू यादव की पहल पर धर्म परिवर्तन करने का मन बनाया और हिन्दू धर्म अपनाते हुए दरगाह परिसर में कव्वाली की जगह सुंदरकांड का पाठ करवाया। इस दौरान उन्होंने पहलगाम में मारे गए हिंदुओं को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान क्षेत्रीय पार्षद जीतू यादव और बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
रिपोर्ट-हेमंत नागले
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