50 साल की महिला डॉक्टर पर अवैध संबंधों का शक, पति ने ही करा दिया कत्ल; कैसे खुला राज
मौके पर पहुंची हुडकेश्वर थाने की पुलिस को डॉ. अनिल ने बताया कि उन्हें अर्चना के सिर पर चोट के निशान मिले और घर में लूटपाट की गई है।

महाराष्ट्र के बड़े शहर नागपुर में एक डॉक्टर ने बेवफाई के शक में अपनी डॉक्टर पत्नी की ना सिर्फ बेरहमी से हत्या कर दी बल्कि उस वारदात को साजिशन लूटपाट का रंग देने की कोशिश की। हालांकि, आरोपी डॉक्टर की रची गई साजिश और प्लानिंग धरी की धरी रह गई और डॉक्टर अपने भाई समेत पुलिस के हत्थे चढ़ गया। दरअसल, डॉ. अर्चना राहुले नागपुर के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में फिजियोथेरेपी विभाग में सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। उनकी सड़ी गली लाश 12 अप्रैल की रात उनके ही आवास पर मिली।
उनके पति 52 वर्षीय डॉ. अनिल अनिल छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज में काम करते है, जबकि बेटा आदित्य पुणे में MBBS का तृतीय वर्ष का छात्र है। हुआ यूं कि 12 अप्रैल की रात 9.30 बजे के करीब जब डॉ. अनिल अपने घर पर पहुंचे तो देखा कि घर का मुख्य दरवाजा खुला है और उनकी पत्नी अचेत गिरी पड़ी हैं। इसके बाद उन्होंने हल्ला करना शुरू कर दिया। शोर-शराबा सुनकर पड़ोसी वहां जमा हो गए और पुलिस को इसकी सूचना दे दी।
मर्डर को डकैती और लूटपाट का दिया रंग
मौके पर पहुंची हुडकेश्वर थाने की पुलिस को डॉ. अनिल ने बताया कि उन्हें अर्चना के सिर पर चोट के निशान मिले और घर में लूटपाट की गई है। हालांकि, पुलिस को शुरुआत में ही लूटपाट की कहानी में झोल नजर आने लगा। बाद में जांच के दौरान पुलिस को अनिल के बयानों में विरोधाभास मिला। बयानों में प्रेम संबंध दिखाने और हत्या पर सदमा जताने के बावजूद, अनिल के व्यवहार ने पुलिस का संदेह गहरा कर दिया। पुलिस ने जब उनसे पूछा कि पिछले तीन दिनों में उन्होंने अपनी पत्नी से संपर्क करने का प्रयास क्यों नहीं किया तो इसका स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।
मोबाइल डेटा ने उगले राज़
इसके बाद पुलिस को डॉ. अनिल के मोबाइल फोन डेटा के विश्लेषण सहित गहन जांच से पता चला कि वह 9 अप्रैल को नागपुर में ही था और रायरपुर में उसके होने का दावा गलत निकला। आगे की पूछताछ में अनिल ने कबूल किया कि उसी ने अपने किसान भाई के साथ मिलकर पत्नी की हत्या कर दी क्योंकि उसका चरित्र अच्छा हीं था। बकौल डॉ. अनिल उसने भंडारा जिले के खैरलांजी गांव के किसान भाई राजू राहुले (48) की मदद से इस घटना को अंजाम दिया।
पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से अनिल को अर्चना के चरित्र पर शक हो रहा था, जिसके कारण अक्सर बहस होती थी और यहां तक कि शारीरिक शोषण भी होता था। अर्चना ने अपनी बहन डॉ. नीमा सोनारे को अनिल की धमकियों और हिंसक व्यवहार के बारे में भी बताया था। पारिवारिक सूत्रों ने यह भी कहा कि उनके इकलौते बेटे ने बार-बार अपने पिता को अपनी मां पर शक न करने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन सब बेकार गया।
तीखी बहस के बाद दर्दनाक मौत
9 अप्रैल को एक बार फिर डॉ. अर्चना और डॉ. अनिल के बीच तीखी बहस हुई। इसके बाद, अनिल ने अपने भाई राजू को अपने घर बुलाया। झगड़े के दौरान, अनिल ने अर्चना के पैरों को पकड़ लिया, जबकि राजू ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से वार किया, जिससे अर्चना की तुरंत मौत हो गई। इसके बाद दोनों भाईयों ने डकैती की तरह घटना को अंजाम दिया, सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके घर को बंद कर दिया और वहां से भाग गए।
इस हत्या का पता तब चला, जब अनिल 12 अप्रैल को वापस लौटा और शव को खोजने का नाटक करते हुए शोर मचाने गा। उसके रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी घबरा गए और हुडकेश्वर पुलिस को इसकी सूचना दे दी। सीनियर इंस्पेक्टर ध्यानेश्वर भेड़ोदकर, एसीपी नरेंद्र हिवारे और जोनल डीसीपी रश्मिता राव के नेतृत्व में एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और विस्तृत जांच शुरू कर दी। अनिल की पेशेवर पृष्ठभूमि और शांत व्यवहार से पुलिस शुरू में गुमराह हो गई लेकिन जल्द ही जांचकर्ताओं ने सच्चाई का पता लगा लिया। फोन रिकॉर्ड, अनिल की टाइमलाइन में गड़बड़ी और संदिग्ध व्यवहार के कारण पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करने में सफलता हासिल कर ली।
दोनों भाई कुछ महीनों से बना रहे थे योजना
लगातार पूछताछ करने पर अनिल ने अपराध स्वीकार कर लिया और अपने भाई पर हत्या का आरोप लगाया। पीड़िता अर्चना न केवल एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद थीं, बल्कि एक बेहद कुशल पेशेवर भी थीं। फिजियोथेरेपी प्रोफेसर के रूप में अपनी भूमिका के अलावा, उनके पास कानून में स्नातकोत्तर की डिग्री थी और वह अपनी दूसरी पीएचडी कर रही थीं। वरिष्ठ निरीक्षक भेड़ोदकर कहते हैं, "हमने अनिल और राजू दोनों को आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। जांचकर्ताओं ने यह भी खुलासा किया है कि दोनों भाई कई महीनों से एन्क्रिप्टेड संदेशों का आदान-प्रदान कर रहे थे, जिससे पता चलता है कि हत्या की योजना पहले से ही बना ली गई थी।"