Supriya Sule described the Pahalgam terror attack as an incident of firing people said you should be ashamed सुप्रिया सुले ने पहलगाम आतंकी हमले को बताया फायरिंग की घटना, लोग बोले- शर्म आनी चाहिए, Maharashtra Hindi News - Hindustan
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सुप्रिया सुले ने पहलगाम आतंकी हमले को बताया फायरिंग की घटना, लोग बोले- शर्म आनी चाहिए

  • एक यूजर ने मुंबई में हुए आतंकी हमले की याद दिलाई तो किसी ने पूछा- आपको ऐसा बात करके शर्म नहीं आती है? आपको बता दें कि इस हमले 28 लोगों की नृशंस हत्या कर दी है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 23 April 2025 08:19 AM
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सुप्रिया सुले ने पहलगाम आतंकी हमले को बताया फायरिंग की घटना, लोग बोले- शर्म आनी चाहिए

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सांसद सुप्रिया सुले के द्वारा पहलगाम आतंकी हमले को फायरिंग की घटना करार देने पर लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल कर दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने मुंबई में हुए आतंकी हमले की याद दिलाई तो किसी ने पूछा- आपको ऐसा बात करके शर्म नहीं आती है? आपको बता दें कि इस हमले 28 लोगों की नृशंस हत्या कर दी है। आतंकियों ने पहले उनसे उनका धर्म पूछा और फिर हत्या कर दी। इस घटना को लेकर पूरे देश में उबाल है।

सुप्रिया सुले ने एक्स पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को टैग करते हुए वहां घायल पुणे को लेगों को उचित मदद की गुजारिश की थी। उन्होंने लिखा था, 'उमर अब्दुल्ला से अनुरोध है कि वे पुणे के निम्नलिखित लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता और सहायता प्रदान करें, जो आज पहलगाम गोलीबारी की घटना में घायल हुए हैं। असावरी जगदाले, प्रगति जगदाले, संतोष जगदाले (गोली लगने से घायल), कौस्तुभ गणबोटे (गोली लगने से घायल) और संगीता गबोटे पुणे से हैं। परिवार ने उनकी स्थिति के बारे में स्पष्टता के लिए अनुरोध किया है। आपके कुशल और त्वरित प्रशासन के लिए धन्यवाद!''

अनुराग नाम के एक यूजर ने जवाब देते हुए लिखा, 'गोलीबारी की घटना? सचमुच? इस्लामिक आतंकवादी हमला। इसे वही कहें जो यह है।' वहीं एक दूसरे यूजर ने लिखा, 'गोलीबारी की घटना? क्या 9/11 एक उड़ान घटना थी? 26/11 एक होटल घटना थी? चार्ली हेब्दो एक कार्टून घटना थी? शर्म की बात है!'

एक ने लिखा, 'क्या है गोलीबारी की घटना? आतंकवादी हमला बोलने में क्यों जुबान फ़िसल रही है?'

एक अन्य यूजर ने लिखा, 'आतंकवाद के सामने चुनिंदा सहानुभूति शर्मनाक है सुप्रिया सुले। क्या अन्य पीड़ितों की जान सिर्फ़ इसलिए कम कीमती है क्योंकि वे पुणे से नहीं हैं? यह कोई जिला स्तरीय दुर्घटना नहीं है, यह एक राष्ट्रीय त्रासदी है। दर्द में भी ऐसी संकीर्ण राजनीति? शर्मनाक। जब आतंकवादी हमला करते हैं, तो वे राज्य या निर्वाचन क्षेत्र के बारे में नहीं पूछते - वे भारतीयों पर हमला करते हैं। मानव जीवन को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करना बंद करें। सिर्फ अपने राजनीतिक नक्शे के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए खड़े होने की शालीनता रखें।'