गया एयरपोर्ट से क्यों बंद हो गईं विदेशी उड़ानें, पर्यटन पर भी असर
- हर साल अक्टूबर से मार्च तक बोधगया का पर्यटन सीजन रहता है। इस दौरान थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम और श्रीलंका से बौद्ध श्रद्धालु बोधगया पहुंचते हैं। इस दौरान गया एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल फ्लाइट्स की चहलकदमी देखी जाती है। लेकिन जैसे ही गर्मी ने दस्तक दी, वैसे ही इन देशों की उड़ानें एक-एक कर बंद हो गईं।

गया एयरपोर्ट पर गर्मी की तल्खी ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की रफ्तार को पूरी तरह रोक दिया। 30 मार्च से ही थाइलैंड, वियतनाम और भूटान की उड़ानें बंद हो चुकी थी। अब 21 अप्रैल तक उड़ान भरने वाली म्यांमार एयरवेज की अंतिम इंटरनेशनल फ्लाइट भी ठप हो गई है। इसके साथ ही गया एयरपोर्ट पूरी तरह से इंटरनेशनल उड़ानों से खाली हो गया है। विदेशी उड़ानें बंद होते ही एयरपोर्ट पर सन्नाटा पसर गया है।
हर साल अक्टूबर से मार्च तक बोधगया का पर्यटन सीजन रहता है। इस दौरान थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम और श्रीलंका से बौद्ध श्रद्धालु बोधगया पहुंचते हैं। इस दौरान गया एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल फ्लाइट्स की चहलकदमी देखी जाती है। लेकिन जैसे ही गर्मी ने दस्तक दी, वैसे ही इन देशों की उड़ानें एक-एक कर बंद हो गईं।
इसके पीछे मुख्य वजह यात्रियों की घटती संख्या और गर्म मौसम है। सोमवार को गया एयरपोर्ट से इस साल म्यांमार एयरवेज अंतिम बार उड़ी। फिलहाल गया से इंडिगो की गया-दिल्ली व गया कोलकाता की घरेलू उड़ान जारी रहेगी।
अक्टूबर में फिर शुरू होगा इंटरनेशनल उड़ान
इंटरनेशनल विमानों की उड़ान बंद होने से बोधगया में विदेशी पर्यटकों के आने का सिलसिला थम गई है। यहां के अधिकाशं बौद्ध मठ और होटल सूने हैं। अब सात माह बाद यानी अक्टूबर से फिर विदेशी सैलानियों के आने का सिलसिला शुरू होगा। अगस्त माह तक ऑफ सीजन रहेगा। बोधगया का पर्यटन सीजन अमूमन सितंबर माह से शुरू हो जाता है। जब मौसम में ठंडक बढ़ेगी। मौसम बदलने के साथ विदेशी पर्यटकों का भी आना शुरू होता है। आमतौर पर मार्च तक पर्यटन सीजन चलती है।
नवबंर से फरवरी तक ज्यादा रहती है भीड़
नवबंर से फरवरी माह विदेशी पर्यटकों की भीड़ ज्यादा रहती है। लेकिन गर्मी के मौसम में गिने चुने पर्यटकों के अलावा कोई नहीं आता। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि बोधगया में गर्मी के मौसम में पर्यटकों को लुभाने के प्रयास नहीं हो रहे है। यहां अप्रैल से अगस्त में भीषण गर्मी पड़ती है। इस दौरान यहां का अधिकतम तापमान 44 डिग्री से भी पार कर जाता है।
इस कारण इंटरनेशनल विमानों की आवाजाही बंद कर दी जाती है। गर्मी में यहां कैसे पर्यटन को बढ़ाया जाए इस मुद्दे पर जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग व पर्यटन कारोबारियों को कार्ययोजना बनाकर प्रयास किए जाने चाहिए। ताकि पर्यटन से जुड़े लोगों को रोजगार मिलता रहे। इससे पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के साथ बेरोजगारों को भी रोजगार मिलेगा।