असदुद्दीन ओवैसी का डीपफेक वीडियो वायरल; हर दिन 53 हजार रुपये के लाभ का वादा, FIR दर्ज
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शिकायत में कहा, ‘यह वीडियो निर्दोष लोगों को लुभाने और मेरे नाम पर दुष्प्रचार करने के लिए दुर्भावनापूर्ण सामग्री के साथ बनाया और अपलोड किया गया है।’

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का डीपफेक वीडियो वायरल हुआ है। हैदराबाद पुलिस ने ऑनलाइन निवेश योजना का प्रचार करने वाले इस फर्जी क्लिप को लेकर केस दर्ज किया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि एआई से तैयार किए गए इस फर्जी वीडियो में ओवैसी की तस्वीर लगी है। उसके नाम के साथ-साथ अन्य प्रसिद्ध हस्तियों का दुरुपयोग कर लोगों को गुमराह किया गया है, ताकि लोगों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि वह एक निवेश घोटाले को बढ़ावा दे रहे हैं। फर्जी वीडियो में प्रतिदिन 53,000 रुपये लाभ का वादा किया गया है। हैदराबाद के सांसद ने पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा, 'वीडियो लोगों को एक घोटाले वाली वेबसाइट में निवेश करने का निर्देश देता है। इससे निर्दोष व्यक्तियों के पैसे खोने का खतरा उत्पन्न होता है।'
असदुद्दीन ओवैसी ने शिकायत में कहा, ‘यह वीडियो निर्दोष लोगों को लुभाने और मेरे नाम पर दुष्प्रचार करने के लिए दुर्भावनापूर्ण सामग्री के साथ बनाया और अपलोड किया गया है।’ पुलिस ने कहा कि वीडियो में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी और इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की एआई-जनरेटेड क्लिप हैं। ओवैसी ने पुलिस से अनुरोध किया कि वह सोशल मीडिया मंच को फर्जी वीडियो हटाने का निर्देश दे, मामला दर्ज करके जांच करे और वीडियो की उत्पत्ति का पता लगाए।
साइबर अपराध पुलिस ने लिया ऐक्शन
सीनियर पुलिस अधिकारी ने शनिवार को बताया कि ओवैसी की शिकायत के आधार पर साइबर अपराध पुलिस ऐक्शन लिया। इसे लेकर 5 जून को आईटी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। सोशल मीडिया मंच से वीडियो को हटाने सहित जांच से जुड़ा कार्य जारी है। डीपफेक वीडियो एडिटिंग के जरिए छेड़छाड़ करके तैयार किया गया एक प्रकार का फर्जी वीडियो है, जिसे एआई का उपयोग करके बनाया जाता है। डीपफेक वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को किसी अन्य व्यक्ति के चेहरे या शरीर से इस तरह लगाया जाता है कि वह असली लगता है।