माता-पिता राजी तभी बन पाएगा बच्चे का पासपोर्ट, सिंगल पैरेंट को देने होंगे क्या-क्या कागज
माता-पिता दोनों की अनुमति के बिना अब नाबालिग का पासपोर्ट बनवाना आसान नहीं होगा। अगर किसी एकल अभिभावक ने पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया तो उन्हें पहले से ज्यादा सूचनाएं और उनकी पुष्टि करने वाले दस्तावेज देने होंगे।

माता-पिता दोनों की अनुमति के बिना अब नाबालिग का पासपोर्ट बनवाना आसान नहीं होगा। अगर किसी एकल अभिभावक ने पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया तो उन्हें पहले से ज्यादा सूचनाएं और उनकी पुष्टि करने वाले दस्तावेज देने होंगे। उन्हें दूसरे अभिभावक की ओर से सहमति न मिलने का कारण भी स्पष्ट करना होगा।
विदेश मंत्रालय ने बीते दिनों नाबालिग के आवेदन के साथ लगने वाले अनुलग्नक-सी (ANNEXURE ‘C’) (माता-पिता की ओर से घोषणा-पत्र) में परिवर्तन किया है। अनुलग्नक-सी में सही जानकारी नहीं देने पर पासपोर्ट के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। नाबालिग के पासपोर्ट के आवेदन के साथ दोनों अभिभावकों की सहमति दी गई है, तो उन्हें अनुलग्नक-डी और एक अभिभावक की सहमति होने पर अनुलग्नक-सी भरकर देना होता है। इसमें अक्सर आवेदकों की ओर से सही जानकारी नहीं दी जाती थी। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अभिभावकों के बीच विवाद होने पर पूरी जानकारी नहीं दी गई थी।
आवेदन करने वाले अभिभावक की ओर से दूसरे की सहमति न मिलने का कारण उसका विदेश में रहना बताया गया। पूर्व में ऐसे मामलों में विदेश में रहने के सुबूत दिया जाना अनिवार्य नहीं था।
वहीं, कोर्ट में तलाक का केस चलने पर सिंगल अभिभावक की ओर से आवेदन करने पर उनके लिए यह जानकारी देना अनिवार्य नहीं था कि न्यायालय की ओर से उन्हें बच्चे की कस्टडी दी गई है या नहीं। पासपोर्ट बनवाने के दौरान ऐसे दस्तावेज जमा करने की अनिवार्यता भी नहीं थी जिसमें कोर्ट के पासपोर्ट जारी करने पर कोई शर्त या प्रतिबंध तो नहीं लगा रखा है। ऐसे मामले सामने आने पर अब विदेश मंत्रालय की ओर से एकल अभिभावक की ओर से नाबालिग के लिए पासपोर्ट आवेदन करने के नियमों में यह बदलाव किए हैं।
इन मामलों में जानकारी के साथ देने होंगे दस्तावेज
● अगर माता या पिता में से कोई एक विदेश में रह रहा है और अनुमति देने में असमर्थ हैं तो उनके पासपोर्ट और वीजा की कॉपी भी जमा करानी होगी।
● अगर कोई एक अभिभावक विदेश यात्रा के लिए गया है, तो पासपोर्ट, वीजा के साथ टिकट या बोर्डिंग पास की कॉपी देनी होगी।
● तलाक हो जाने की स्थिति में सिंगल पैरेंट को आवेदन के साथ कोर्ट से बच्चे की कस्टडी और देखरेख के अधिकार का दस्तावेज देना होगा।
● तलाक होने या मामला विचाराधीन होने पर अगर कोर्ट ने पासपोर्ट के संबंध में कोई निषेधाज्ञा लागू नहीं की है, तो तलाक याचिका की कॉपी देनी होगी।
● तलाक हो जाने पर या मामला विचाराधीन होने पर अगर कोर्ट ने पासपोर्ट के संबंध में निषेधाज्ञा लागू की है तो दोनों अभिभावकों की सहमति या न्यायालय की अनुमति जरूरी होगी।