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सऊदी अरब निकले PM मोदी तो कांग्रेस को याद आया नेहरू का जमाना, गिनाए वे 17 दिन

  • कांग्रेस ने सऊदी अरब से पुराने रिश्तों की याद दिलाई है और पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की यात्रा का उल्लेख किया है। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों की शुरुआत 1955 में तत्कालीन सऊदी शाह सऊद बिन अब्दुल अजीज की भारत यात्रा और फिर पंडित नेहरू की रियाद यात्रा से हुई थी।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 April 2025 01:29 PM
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सऊदी अरब निकले PM मोदी तो कांग्रेस को याद आया नेहरू का जमाना, गिनाए वे 17 दिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के सऊदी अरब दौरे पर गए हैं। वह इस दौरान भारत से यूरोप तक बनने वाले इकनॉमिक कॉरिडोर को लेकर चर्चा करेंगे तो वहीं हज कोटा बढ़ाने पर भी बात होगी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि कुल 6 एजेंडों पर इस दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच सहमति बन सकती है। इस बीच कांग्रेस ने सऊदी अरब से पुराने रिश्तों की याद दिलाई है और पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की यात्रा का उल्लेख किया है। कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्तों की शुरुआत 1955 में तत्कालीन सऊदी शाह सऊद बिन अब्दुल अजीज की भारत यात्रा और फिर इसके अगले साल पंडित जवाहरलाल नेहरू की रियाद यात्रा से हुई थी।

प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को दो दिनों की सऊदी अरब यात्रा पर रवाना हुए। उन्होंने सऊदी अरब को भारत के सबसे मूल्यवान साझेदारों में से एक बताया और इसे एक विश्वसनीय मित्र एवं सहयोगी करार देते हुए कहा कि वर्तमान समय उनके संबंधों के लिए आशाजनक समय है, जिसमें ‘असीमित संभावनाएं’ हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'प्रधानमंत्री आज सऊदी अरब की यात्रा पर रवाना हो चुके हैं। ऐसे में यह सही मौका है जब हम भारत और सऊदी अरब के ऐतिहासिक संबंधों की पहली बड़ी कड़ी को याद करें।' उन्होंने उल्लेख किया कि इस ऐतिहासिक कड़ी की शुरुआत सऊदी अरब के शाह सऊद बिन अब्दुल अज़ीज़ अल सऊद की 17 दिवसीय भारत यात्रा से होती है, जो 26 नवंबर से 13 दिसंबर 1955 के बीच हुई थी।

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रमेश ने कहा, 'इस दौरान उन्होंने नई दिल्ली, मुंबई, खड़कवासला, बेंगलुरु, मैसूर, हैदराबाद, आगरा, अलीगढ़ और वाराणसी जैसे शहरों का दौरा किया था।' कांग्रेस नेता का कहना है कि 1955 में सऊदी अरब के शाह की यह ऐतिहासिक यात्रा सोवियत संघ के दो शीर्ष नेताओं-निकिता ख्रुश्चेव और निकोलाई बुल्गानिन-की भारत यात्रा से भी आंशिक रूप से मेल खाती थी। उन्होंने कहा कि सोवियत नेताओं ने दो चरणों में कुल 19 दिन भारत में बिताए-18 नवंबर से 30 नवंबर 1955 तक और फिर 7 दिसंबर से 14 दिसंबर 1955 तक। रमेश ने कहा कि इसके बाद, प्रधानमंत्री नेहरू ने 24 से 28 सितंबर 1956 के बीच सऊदी अरब की यात्रा की थी। इस तरह कांग्रेस ने एक तरह से यह साबित करने का प्रयास किया कि सऊदी अरब से अच्छे रिश्ते स्थापित करने में पूर्व की कांग्रेस सरकारों की अहम भूमिका थी।