पहलगाम हमले में दिखा हमास जैसा पैटर्न, इजरायल से भी घातक कार्रवाई की तैयारी में भारत
एजेंसियां यह गुत्थी भी सुलझाने का प्रयास करेंगी कि क्या जैश, लश्कर और हमास का पीओके में दिखा गठजोड़ इस हमले के पीछे है। इसके चलते ही हमले का पैटर्न भी वैसा ही रहा।

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। सभी को अब भारत सरकार के कदम का इंतजार है। कल की बैठक में कई कठोर कदम उठाए गए हैं। हालांकि लोगों को अभी भी सीमा पार जाकर कार्रवाई का इंतजार है। पहलगाम हमले में हमास द्वारा इजरायल में किए गए हमले का पैटर्न दिखा है। दोनों जगह आतंकियों के निशाने पर खुशियां मना रहे आम लोग थे। सुरक्षा एजेंसियों को इसका अंदेशा है कि हमले की साजिश पीओके में रची गई और यह पाकिस्तान सेना और आईएसआई की जानकारी में हुआ।
एजेंसियां यह गुत्थी भी सुलझाने का प्रयास करेंगी कि क्या जैश, लश्कर और हमास का पीओके में दिखा गठजोड़ इस हमले के पीछे है। इसके चलते ही हमले का पैटर्न भी वैसा ही रहा। पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से आतंकी तंत्र एक बार फिर बहुत ज्यादा सक्रिय हो गया है। खुलेआम सभाओं में कश्मीर के नाम पर भड़काने वाले भाषण दिए जा रहे हैं। पाकिस्तान आर्मी चीफ के अलावा आतंकी सरगनाओं का कुछ समय पहले दिया गया भड़काऊ भाषण भी एजेंसियों की जांच के दायरे में है।
पीओके में दिखे थे हमास के नेता
सूत्रों ने कहा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में करीब 75 दिन पहले एक रैली और सम्मेलन में हमास के वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक रूप से देखा गया था। एक आयोजन में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और लश्कर-ए-मुस्तफा (एलईएम) जैसे आतंकी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व के शामिल होने की खबर भी एजेंसियों को मिली थी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दशकों का सबसे घातक आतंकी हमला देखा गया इसलिए एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। सूत्रों ने बताया कि आतंकियों ने पुंछ से उस मार्ग का इस्तेमाल किया जो उस स्थान के सबसे नजदीक है, जहां सम्मेलन आयोजित किया गया था। हालांकि, एजेंसियों ने अभी इस हमले में हमास की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संलिप्तता का निर्णायक सबूत या गठजोड़ स्थापित नहीं किया है।
अबकी बार कठोर संदेश देने की तैयारी में सरकार
पहलगाम में फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों का ऑपरेशन चल रहा है। एनआईए की टीम भी एफएसएल टीमों के साथ मौके पर है। सरकार, एजेंसियों का इरादा साफ है कि इस बार ऐसा कठोर संदेश दिया जाएगा ताकि आतंकियों को भी उस दर्द का एहसास हो जो उन्होंने निर्दोषों की हत्या कर कई परिवारों को दिया है।
सम्मेलन में जुटे थे 90-100 आतंकवादी
पांच फरवरी को रावलकोट, पीओके में आयोजित ‘कश्मीर सॉलिडेरिटी एंड हमास ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड’ में लगभग 90-100 आतंकवादी मौजूद थे। इसका आयोजन पाकिस्तान और फलस्तीन के बीच इजरायल और भारत के खिलाफ एकजुट मोर्चे की पटकथा लिखने के लिए किया गया था। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि हमास के नेता डॉ. खालिद कद्दौमी, डॉ. नाजी जहीर, मुफ्ती आजम और पांच अन्य ने इस सभा को संबोधित किया।
जैश का सरगना सक्रिय
पिछले कुछ समय से जैश का सरगना भी सक्रिय हो गया है। एजेंसियों का मानना है कि यह हमला अकेले टीआरएफ द्वारा अंजाम नहीं दिया जा सकता। इसके पीछे व्यापक साजिश और कई विदेशी आतंकी गुटों का हाथ है।