लखनऊ में ट्रेन पलटाने की एक हफ्ते के अंदर दूसरी साजिश की जांच शुरू, बनी कमेटी
यूपी की राजधानी लखनऊ में ट्रेन पलटाने की एक हफ्ते के अंदर दूसरी साजिश की जांच शुरू हो गई। रेलवे ट्रैक पर दरवाजा रखे जाने की घटनी का जांच के लिए रेलवे ने एक कमेटी गठित कर दी है।

लखनऊ-सुलतानपुर रूट पर रहीमाबाद के कैथुलिया गांव के बाद बक्कास से उतरेठिया स्टेशन के बीच ट्रैक पर गेट रखकर ट्रेन पलटाने की साजिश रची गई। रेलवे ट्रैक पर किसी ने लोहे का दरवाजा रखा था। ट्रेन पलटाने की एक हफ्ते के अंदर दूसरी साजिश रची गई। वहीं दरवाजा रखे जाने की घटनी का जांच के लिए रेलवे ने एक कमेटी गठित कर दी है।
सीनियर सेक्शन इंजीनियर अनिल कुमार पाण्डेय के मुताबिक लोहे के दरवाजा रखने की जानकारी उनको मोबाइल पर दी गई तो गैंगमेन दुर्गेश को मौके पर भेजा। वह खुद भी मौके पर पहुंचे। छानबीन करने पर रेलवे ट्रैक से पैन्ड्रोल क्लिप निकली मिलीं। साथ ही लोहे का दरवाजा ट्रैक पर रखा मिला। उन्होंने पुलिस को बताया कि रेलवे ट्रैक पर लोहे का गेट रखने का अलर्ट मिलने के कारण डाउन लाइन की कई ट्रेनें बाधित हुईं। दरवाजा हटा कर रूट की जांच के बाद इन ट्रेनों को रवाना किया गया। इंस्पेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी अंजनी मिश्र ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
मालगाड़ी गुजरने पर टूट गया गेट: सुलतानपुर-लखनऊ रेल रूट पर स्थित बक्कास स्टेशन से आगे बढ़ी मालगाड़ी ट्रैक पर रखे लोहे के गेट से गुजरी तो लोको पायलट को कुछ गड़बड़ी का अहसास हुआ। उसने आगे जाकर ट्रेन रोक दी और ट्रैक पर कुछ रखे होने का अलर्ट दिया। इस पर मालगाड़ी के मैनेजर मनीष त्रिपाठी ने गेटमैन अभिषेक कुमार की मदद से छानबीन की। पता चला कि ट्रैक पर लोहे का दरवाजा रखा था जो ट्रेन गुजरने से टूट गया था। छानबीन के दौरान मैनेजर और गेटमैन को कई पैन्ड्रोल क्लिप भी निकली मिलीं।
सीनियर डीएसओ के नेतृत्व में बनी कमेटी
एनईआर के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी ने बताया कि सीनियर डीएसओ के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में संबंधित विभागों के सुपरवाइजरों को शामिल किया गया है। यह कमेटी पूरे मामले की विस्तृत जांच करेगी। उसके बाद अपनी रिपोर्ट देगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। ट्रेन के परिचालन पर असर नहीं पड़ा है।
साजिश कामयाब हो जाएगी, तब चेतेंगे जिम्मेदार!
16 अप्रैल को रहीमाबाद में कैथुलिया गांव के पास रेलवे ट्रैक पर ढाई फीट लंबा बोटा रख कर ट्रेन को बेपटरी करने का प्रयास हुआ था। इस मामले में गैंगमैन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज हुआ था। रहीमाबाद पुलिस ने जांच शुरू की। दर्जनों लोगों से पूछताछ करने के बाद भी ट्रैक पर बोटा रखने वालों की पहचान नहीं हो सकी। इसी तरह 24 अक्तूबर 2024 को मलिहाबाद में रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का बोटा रख बरेली-वाराणसी एक्सप्रेस को बेपटरी करने का प्रयास किया गया था। इस घटना के सात माह बाद भी पुलिस ट्रैक बाधित करने वाले की पहचान नहीं कर पाई है। जांच में लगी एसटीएफ और एटीएस भी साजिश से जुड़े साक्ष्य नहीं जुटा सकी।