बेंगलुरु रोड रेज: विंग कमांडर पर दर्ज हुआ हत्या की कोशिश का मामला, CCTV ने पलटी कहानी
- एफआईआर में यह भी कहा गया है कि बोस ने खुद ही सबसे पहले हमला किया और जब विकास ने आत्मरक्षा में प्रतिक्रिया दी, तब उन्होंने उसे और भी बुरी तरह पीटा।

बेंगलुरु में सड़क विवाद के मामले में भारतीय वायुसेना (IAF) के अधिकारी विंग कमांडर शिलादित्य बोस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में बोस ने दावा किया था कि एक बाइक सवार ने उन पर कन्नड़ भाषा नहीं बोलने के कारण हमला किया। लेकिन अब सामने आए नए वीडियो फुटेज और चश्मदीदों की गवाही के आधार पर बेंगलुरु पुलिस ने बोस पर हत्या की कोशिश समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है।
क्या है मामला?
घटना की शुरुआत उस समय हुई जब शिलादित्य बोस की कार बाइक सवार युवक विकास की बाइक के साइलेंसर से टकराई। विकास की मां ज्योति के अनुसार, विवाद तब शुरू हुआ जब बोस की पत्नी ने हिंदी में कुछ कहा और विकास ने उससे नहीं बल्कि सीधे बोस से पूछ लिया कि उनकी पत्नी क्या कह रही थीं।
इसके बाद विवाद बढ़ गया। आरोप है कि बोस ने विकास को धक्का दिया, जमीन पर गिराया और फिर उस पर हमला कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि वायुसेना अधिकारी उस लड़के को सड़क पर गिराकर लातों से मारता है। बाद में उसी अधिकारी ने कन्नड़ भाषा को लेकर हमला होने का झूठा दावा करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर किया। लेकिन, सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों की गवाही ने उनकी कहानी को गलत साबित कर दिया।
दर्ज हुई धाराएं
बेंगलुरु पुलिस ने विकास की शिकायत के आधार पर शिलादित्य बोस के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की है, जिनमें धारा 109 – हत्या का प्रयास, धारा 115(2) – जानबूझकर चोट पहुंचाना, धारा 304 – छीनाझपटी, धारा 324 – शरारत करना, धारा 352 – जानबूझकर अपमान कर शांति भंग करने की कोशिश करना शामिल हैं।
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि बोस ने खुद ही सबसे पहले हमला किया और जब विकास ने आत्मरक्षा में प्रतिक्रिया दी, तब उन्होंने उसे और भी बुरी तरह पीटा। इसके अलावा, बोस पर यह भी आरोप है कि उन्होंने झूठा दावा किया कि वे DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) से जुड़े हैं, और सेना के उच्चाधिकारियों को गुमराह कर मामले को दबाने की कोशिश की।
चश्मदीदों की गवाही
घटना स्थल पर मौजूद कई चश्मदीदों ने बताया कि झगड़े के दौरान IAF अधिकारी ने पूरी तरह आपा खो दिया था। एक चश्मदीद ने कहा, “वह उसे (विकास) पागलों की तरह पीट रहा था।” दूसरे ने कहा, “हमने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारी बेकाबू हो गया था।”
CNN-News18 से बात करते हुए विकास की मां ज्योति ने कहा, “जो व्यक्ति देश की रक्षा करता है, वह इस तरह से एक आम नागरिक के साथ बर्ताव करेगा, यह शर्मनाक है। मेरे बेटे के हाथ को काटा गया, चेहरे पर खरोंचें डाली गईं, फोन तोड़ दिया गया और बार-बार लात मारी गई।” उन्होंने आगे कहा, “हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है जो सच्चाई को साफ दिखाता है। ये सही नहीं है कि कोई हमारे राज्य में आकर हमें ही दोषी ठहराए।”
फिलहाल की स्थिति
एफआईआर दर्ज होने के बाद जानकारी मिली है कि शिलादित्य बोस कोलकाता हैं। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और यह देख रही है कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाकर उन्होंने भाषा या जातीय विवाद भड़काने की कोशिश तो नहीं की। यह मामला अब सिर्फ एक सड़क विवाद नहीं रहा, बल्कि एक उच्च पदस्थ अधिकारी की जिम्मेदारी, सत्यता और सामाजिक शांति को लेकर बड़ा सवाल बन गया है।