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बिना सोचे रख देती हैं नाम, दीघा के 'जगन्नाथ धाम' को लेकर ममता बनर्जी पर बरसी बीजेपी

बंगाल के दीघा में जगन्नाथ मंदिर के नाम को लेकर बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी बिना सोचे विचारे ही नाम रख देती हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने मंदिर का नाम जगन्नाथ धाम रखकर गलती की है।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानSat, 3 May 2025 11:06 AM
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बिना सोचे रख देती हैं नाम, दीघा के 'जगन्नाथ धाम' को लेकर ममता बनर्जी पर बरसी बीजेपी

बंगाल के दीघा में ममता बनर्जी सरकार द्वार बनवाए गए भगवान जगन्नाथ के मंदिर को लेकर विवाद शुरू हो गया है। ओडिशा की सरकार ने इस मंदिर के नाम को लेकर आपत्ति जाहिर की है। ओडिशा सरकार ने कहा है कि पुरी में प्राचीन जगन्नाथ मंदिर है और यह पौराणिक मान्यता का स्थान है। हिंदू धर्म में इसे चार धामों में जगह दी गई है। ऐसे में बंगाल की सरकार एक नया मंदिर बनवाकर और उसका नाम कॉपी करके हिंदू आस्था को ठेस पहुंचा रही है। बीजेपी ने भी ममता सरकार के फैसले को गलत करार दिया है।

बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी बिना कुछ सोचे समझे ही नाम रख देती हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने ऐसा नारा लगवा दिया था जिसका बांग्लादेश में भी विरोध होने लगा था। घोष ने कहा, नाम क्या होगा मोहतरमा जी कभी सोचती नहीं हैं। यहां देखिए मेट्रो स्टेशन का जो नाम दिया गया है वो कहां है, कुछ पता ही नहीं है। आप वर्धमान ऑफिस के बाहर जाएंगे तो समझ ही नहीं पाएंगे कि इसका नाम यह क्यों है।

उन्होंने कहा, उन्होंने श्लोगन दे दिया, जय बांग्ला तो बांग्लादेश के लोगों ने विरोध किया कि वह उनका नारा है। जगन्नाथ धाम के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोग तो अपने घर में भी पूजा करते हैं। लोगों की इच्छा रहती है कि एक बार जगन्नाथ धाम में दर्शन करें। हालांकि जो लोग दीघा जाएंगे वे एक चक्कर जरूर लगाएंगे। उससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।

बता दें कि जगन्नाथ मंदिर के ही वरिष्ठ दइतापति सेवक रामकृष्ण के बयान से बवाल शुरू हो गया था। उन्होंने कहा था कि पुरी में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति बनाने के लिए जो लकड़ी आई थी, उसी की बची हुई लकड़ी से दीघा में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति बनाई गई है। बाद में पुजारी अपने बयान से पलट भी गए। बाद में पुजारी ने कहा कि दीघा में मंदिर में जो पुरी धाम लिखा गया है उसे हटाने के लिए वह पत्र लिखेंगे।

ओडिशा की बीजेपी सरकार ने कहा कि निरंकुश शासकों का अहंकार भगवान जगन्नाथ बर्दाश्त नहीं करते हैं। हालांकि टीएमसी ने इसपर कोई टिप्पणी नहीं की है। पुरी के कुछ सेवक दीघा के जगन्नाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे थे। नवकलेवर की लकड़ी का इस्तेमाल होने को लेकर जगन्नाथ मंदिर प्रशासन जांच कर रहा है। बता दें कि हर 12 या 19 साल में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा का नवकलेवर होता है। इस दौरान तीनों ही मूर्तियों की लकड़ी बदली जाती है।

ओडिशा के उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव ने कहा कि भारत में चार धाम हैं। ऐसे में ममता बनर्जी को बताना चाहिए कि उन्होंने दीघा के मंदिर में धाम शब्द का इस्तेमाल क्यों किया। देश में जगन्नाथ मंदिर तो बहुत हो सकते हैं लेकिन जगन्नाथ धाम एक ही हो सकता है और वह पुरी में है।