पीएम मोदी की 'ऑपरेशन सिंदूर' वाली टीम से ममता बनर्जी ने बनाई दूरी, युसुफ पठान को भी रोका
टीएमसी ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका कोई भी नेता विदेश भेजे जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होगा। सरकार ने इस लिस्ट में यूसुफ पठान का नाम शामिल किया था।

मोदी सरकार ने पाकिस्तान की पोल खोलने और ऑपरेशन सिंदूर का सच बताने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विदेश दौरे पर भेजने का फैसला किया है। इस टीम के लीडर्स के नाम का भी ऐलान कर दिया गया है। वहीं ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह केंद्र सरकार के इस अभियान का हिस्सा नहीं बन रही है। सरकर ने टीएमसी सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान का नाम इस लिस्ट में शामिल किया था। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने युसुफ पठान को इस दौरे का हिस्सा बनने से मना कर दिया है।
टीएमसी ने आधिकारिक रूप से इसकी कोई वजह नहीं बताई है। पार्टी ने केंद्र सरकार को इसकी जानकारी दे दी है। केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि 7 सर्वदलीय टीमों को अलग-अलग देशों के दौरे पर भेजा जाएगा। वे ऑपरेशन सिंदूर का सच बताएंगे। इसके आलाव आतंकवाद और पाकिस्तान प्रायोजित दहशतगर्दी की पोल खोलेंगे।
मोदी सरकार की विदेश जाने वाली सर्वदलीय टीम में बीजेपी के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जेडीयू के संजय कुमार,डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे का नाम है। ये सभी अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों की अगुआई करेंगे। कुल 51 राजनेताओं को विदे भेजा जा रहा है। ये प्रतिनिधिमंडल 32 देशों के साथ ब्रुसेल्स में यूरोपीय यूनियन के हेडक्वार्टर का भी दौरा करेंगे।
इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, एमजे अकबर, आनंद शर्मा, वी मुरलीधरन, सलमान खुर्शीद, एसएस अहलूवालिया को भी शामिल किया गया है। ये सभी वर्तमान में संसद के सदस्य नहीं हैं। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को कहा कि विदेश नीति केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है और उसे ऐसे मामलों की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
पहलगाम में आतंकवादी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति (जीरो टॉलरेंस) का भारत का संदेश देने के लिए इस माह के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित प्रमुख साझेदार देशों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के सरकार के फैसले की पृष्ठभूमि में उनकी यह टिप्पणी आई है।
इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हमारा मानना है कि राष्ट्र सबसे ऊपर है, और हमने अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक कार्रवाई करने की जरूरत है उसके लिए केंद्र सरकार को अपना समर्थन देने का वचन दिया है। हमारे सशस्त्र बलों ने देश को गौरवान्वित किया है और हम हमेशा उनके कर्जदार रहेंगे।’ (भाषा से इनपुट्स के साथ)